World Class Digital Library Facility at
Amir-Ud-Daula
PUBLIC LIBRARY
15 All-in-One Computers, Wifi Internet Connection, RFID Enabled Library Management System, Millions of Digital Library Content
विश्व स्तरीय पुस्तकालय सुविधा
अमीर-उद-दौला
सार्वजनिक पुस्तकालय
15 ऑल-इन-वन कंप्यूटर, वाईफाई इंटरनेट कनेक्शन, आरएफआईडी सक्षम पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली, लाखों डिजिटल पुस्तकालय सामग्री
0
Digitized Books
0
Digitized Pages
0
E-Journals
0
Manuscripts
0
E-Books
Lucknow Digital Library
Featured Digital Library Content
There are various types of digital content on Lucknow Digital Library. Explore our featured content in various document categories.
Main Atal Bihari Vajpayee Bol Raha Hoon by Rajasvi
SKU:
9789386001887
विलक्षण प्रतिभा के धनी पूर्व प्रधानमंत्री जननायक अटल बिहारी वाजपेयी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारतरत्न’ से सम्मानित किया गया। उनके बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण आना अत्यंत सहज और स्वाभाविक है। वे न केवल मंत्रमुग्ध कर देनेवाले वक्ता और कुशल प्रशासक रहे, अपितु अपने राजनीतिक विरोधियों का भी सम्मान करनेवाले और उनसे सम्मान पानेवाले नेता हैं।
प्रस्तुत पुस्तक को तीन खंडों में विभाजित कर पाठकों के लिए उपयुक्त और सरल ढंग से पाठ्य-सामग्री को समायोजित करने का प्रयास किया गया है। खंड-1 में अटलजी का ‘संक्षिप्त परिचय’ और अटलजी के प्रधानमंत्रित्व काल में उनके मीडिया सलाहकार रहे अशोक टंडनजी द्वारा वाजपेयीजी की कार्यशैली पर लिखा गया लेख दिया गया है। खंड-2 में वाजपेयीजी ने विभिन्न अवसरों पर सदन में, सदन से बाहर अथवा समाचार-पत्रों आदि में जो लिखा, उसके आधार पर ‘मैं अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहा हूँ’ दिया गया है। खंड-3 में अटलजी को ‘भारतरत्न’ मिलने पर प्रतिक्रियाएँ प्रस्तुत की गई हैं। मुख्यतः पुस्तक का खंड-2 ही इसका शीर्षक ‘मैं अटल बिहारी वाजपेयी बोल रहा हूँ’ है, जबकि अन्य दोनों खंड अटलजी को समझने, उन्हें आत्मसात् करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
सर्वप्रिय कविहृदय अटलजी के स्पष्ट विचार, दूरदर्शिता, चुटीली शैली और मर्म को छू लेनेवाली ओजस्वी वाणी के विशाल सागर की एक झलक मात्र देती है यह पठनीय पुस्तक।
Castle Rackrent by Maria Edgeworth
SKU:
6235989716383
The story of the Edgeworth Family, if it were properly told, should be as long as the ARABIAN NIGHTS themselves; the thousand and one cheerful intelligent members of the circle, the amusing friends and relations, the charming surroundings, the cheerful hospitable home, all go to make up an almost unique history of a county family of great parts and no little character. The Edgeworths were people of good means and position, and their rental, we are told, amounted to nearly L3000 a year. At one time there was some talk of a peerage for Mr. Edgeworth, but he was considered too independent for a peerage.
Stop This Game! by Krishna Saksena
SKU:
9788184304213
Society is in great distress today. We feel proud that we have advanced in the field of technology and science. But then we hang our heads down when corruption, deceit and immorality guide us to choose our
way in life. Elders fail to give a right direction to
the young.
All this and much more are disheartening as we walk ahead. But then, I would say, all is not lost, for hope glimmers from those few that can still show us the way.
Motivating Thoughts Apj Abdul Kalam by Raghav
SKU:
9789351869252
Kalam continued to inspire people throughout his life with whatever role that he was entrusted to play. And even moments before his death he addressed a host of students at Indian Institute of Management at Shillong. His significance as a scientist and a statesman will continue to inspire generations of people and this people is a humble attempt in this direction. It is meant to make Kalam’s ideas and motivational thoughts accessible to people in concise and easy way with the hope that his wisdom will continue to ignite the minds of the young and the old alike.
Akhand Bharat Ke Shilpkar Sardar Patel by Hindol Sengupta
SKU:
9789353227067
आधुनिक भारतीय इतिहास में शायद ही ऐसा कोई राजनेता है, जिसने भारतवर्ष को एकजुट और सुरक्षित करने में सरदार पटेल जितनी बड़ी भूमिका अदा की है, लेकिन दुर्भाग्य है कि पटेल की ओर से ब्रिटिश भारत की छोटी-छोटी रियासतों के टुकड़ों को जोड़कर नक्शे पर एक नए लोकतांत्रिक, स्वतंत्र भारत का निर्माण करने के सत्तर वर्ष बाद भी, हमारे देश को एकजुट करने में पटेल के महान् योगदान के विषय में न तो लोग ज्यादा जानते हैं, न ही मानते हैं। पटेल के संघर्षमय जीवन के सभी पहलुओं और उनके साहसिक निर्णयों को अकसर या तो राजनीतिक बहस का हिस्सा बना दिया जाता है या उससे भी बुरा यह कि महज वाद-विवाद का विषय बनाकर भुला दिया जाता है।
अनेक पुरस्कारों के विजेता और प्रसिद्ध लेखक, हिंडोल सेनगुप्ता की लिखी यह पुस्तक सरदार पटेल की कहानी को नए सिरे से सुनाती है। साहसिक ब्योरे और संघर्ष की कहानियों के साथ, सेनगुप्ता संघर्ष के प्रति समर्पित पटेल की कहानी में जान फूँक देते हैं। साथ ही उन विवादों, झगड़ों और टकरावों पर रोशनी डालते हैं, जो एक स्वतंत्र देश के निर्माण के क्रम में भारतीय इतिहास के कुछ सबसे अधिक दृढसंकल्प वाले लोगों के बीच हुए। जेल के भीतर और बाहर अनेक यातनाओं से चूर हुए शरीर के बावजूद, पटेल इस पुस्तक में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में उभरते हैं, जो अपनी मृत्युशय्या पर भी देश को बचाने के लिए काम करते रहे। अखंड भारत के शिल्पकार सरदार पटेल पर हिंडोल सेनगुप्ता की यह कृति आनेवाली पीढि़यों के लिए पटेल की विरासत को निश्चित रूप से पुनर्परिभाषित करेगी।
Damodar Datta Dikshit Ki Lokpriya Kahaniyan by Damodar Datta Dikshit
SKU:
9789353223595
‘दामोदर दत्त दीक्षित की लोकप्रिय कहानियाँ’ आज के भारतीय उप-महाद्वीप की प्रामाणिक तसवीर प्रस्तुत करती है। कहानियों से गुजरते हुए अनुभव होता है कि लेखक दबे-कुचले वर्ग, वंचितों और शोषितों की व्यथा-कथा से संवेदनात्मक स्तर पर गहराई से जुड़ा है। ग्रामीण और नगरीय जीवन के यथार्थ का साक्षात्कार कराती इन कहानियों में जन सामान्य की विषमताओं, विसंगतियों, विरूपताओं, विभीषिकाओं और विवशताओं तथा सत्ता-व्यवस्था के द्वारा किए जा रहे शोषण, उत्पीड़न, उनके क्रूर आचरण और निष्ठुरता के विविध आयामों को उजागर किया गया है।
कहानियों का वैविध्य विस्मित करता है। प्रत्येक कहानी अपने स्वरूप में, अपने प्रकार में पृथक् है। कहानियों में वस्तु और भाव की समरसता है और भाषा तथा शिल्प का अनुकूल संयोजन है। लेखक ने अपने व्यापक अनुभव, संवेदनशीलता, कल्पनाशीलता और अभिव्यक्ति कौशल से अत्यंत लोकप्रिय कहानियाँ दी हैं, इसमें संदेह नहीं।
Saral-Sulabh Nitin Gadkari by Dr. V.S. Jog
SKU:
9789353229238
सरल-सुलभ नितिन गडकरीजी को सहजता और सेवाभाव संस्कार में मिला। राजनीति को वे सामाजिक कार्य का माध्यम मानते हैं। गडकरीजी समाज के हर वर्ग की चिंता करनेवाले विरले व्यक्ति हैं। वे समग्र राष्ट्र के विकास की सोच रखते हैं, इसीलिए महाराष्ट्र सरकार में पी.डब्ल्यू.डी. मंत्री और केंद्र में सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री की जिम्मेदारी सँभालते हुए उन्होंने पिछड़े क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने का काम किया, वहीं देश के आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेस-वे बनाने पर जोर दिया। देश को पिछले पाँच साल में 48 हजार किमी. राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ उन्होंने दो एक्सप्रेस-वे की सौगात दी है। गडकरीजी की सोच के अनुरूप 12 एक्सप्रेस-वे की योजना बन चुकी है, जिनमें से चार एक्सप्रेस-वे का काम प्रारंभ भी हो चुका है। नए आइडिया और रचनात्मकता के धनी गडकरीजी ने देश को जल-परिवहन का नया विकल्प दिया है। अब वह सूक्ष्म व लघु उद्योग मंत्रालय के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में युवा व महिला उद्यमी तैयार करने में जुट गए हैं। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जैविक ईंधन, नए तकनीकी ज्ञान का उपयोग, आधुनिक खेती के उनके निजी प्रयोगों को देश तेजी से अपना रहा है। उनका किसानों के तेल-उत्पादक बनने का सूत्र काफी कारगर साबित हो रहा है।
भारतीय राजनीति के ऐसे मूर्धन्य हस्ताक्षर नितिन गडकरीजी की अत्यंत पठनीय एवं उत्प्रेरित करनेवाली संपूर्ण जीवनी।
Green Tea by Joseph Sheridan Le Fanu
SKU:
BP-2020-005-0047
Though carefully educated in medicine and surgery, I have never practised either. The study of each continues, nevertheless, to interest me profoundly. Neither idleness nor caprice caused my secession from the honourable calling which I had just entered. The cause was a very trifling scratch inflicted by a dissecting knife. This trifle cost me the loss of two fingers, amputated promptly, and the more painful loss of my health, for I have never been quite well since, and have seldom been twelve months together in the same place.
The Life and Times of Martin Luther King (Jr) by Dinkar Kumar
SKU:
9788184303636
Martin Luther King Jr. is a name with which everyone in the USA is very familiar. “I have a Dream”, is the famous speech he rendered before thousands of people in Birmingham, Albania. His dream was to get Civil Rights for the African-American people, who were until then treated as unequal. He had the courage to stand up to his conviction that people should not be discriminated because of the colour of their skin. He was a very religious man; a true man of God. Inspired by Mahatma Gandhi’s activism, he fought for the Civil Rights of the people through non-violence. Through his Civil Rights activism, he helped pass the Civil Rights Act of 1964 and the same year he received the Nobel Peace Prize.
An inspiring real life story of the great man.
Royal to Public Life by Rajmata Vijayaraje Scindia With Mridula Sinha
SKU:
9789351868286
I felt that to remain in politics and keep fighting for the principles was my calling. So, I thought that working with the people of similar
ideology might be more fruitful. I felt affinity with those parties which were neither corrupt nor power-drunk…. Ideologically, I found myself close to Jana Sangh and Swatantra Party. I was in a dilemma to choose between the two. So, I decided to contest the election on the ticket of both these parties. I became candidate of Jana Sangh from Karera constituency of Madhya Pradesh Assembly. Tihar is not a jail, it is hell on earth. And those people were pushed in this hell whose penance threatened to dethrone Indiraji. There were piles of filth at different places in Tihar jail. It would make the inside air polluted which was stifling. While eating one had to constantly drive away the flies with one’s hands. The ears would be abuzz with the sounds of insects. In the darkness the brooch would glow and crickets would speak. Life was difficult. But despite that we would have sound sleep. Ayodhya is not a city made of bricks and mortars. It is a symbol of India’s soul and national identity. That’s why when the Rath Yatra was taken out, Hindus and Muslims participated in it alike. This national integration caused heart burns to those vested interests that were in the habit of taking the advantage of social division.
Ek Senadhyaksh Ki Atmakatha by J.J. Singh
SKU:
9789350484258
जोगिंदर जसवंत सिंह अपने परिवार के तीसरी पीढ़ी के सैनिक रहे, जिनकी उम्र एनडीए में भरती होते समय मात्र पंद्रह वर्ष थी। जनरल जे.जे. सिंह भारत के प्रथम सिख सेनाध्यक्ष बने। उनकी तैनाती ऑपरेशनवाले इलाकों में कुछ ज्यादा ही हुई, जिसमें उन्होंने अपना अनुपम योगदान दिया। देश के उत्तर-पूर्वी इलाकों में उग्रवादियों को जंगल तक खदेड़ा, दूसरी तरफ कश्मीर में उन्होंने आतंकवादियों की गोलियों का सामना किया। 1991-93 के बीच कश्मीर में ब्रिगेड कमांडर के रूप में उन्होंने एक नई रणनीति अपनाई और गाँववालों को यह समझाना शुरू किया कि कैसे आतंकवादी उन्हें राह से भटकाने का काम कर रहे हैं। सेनाध्यक्ष का पद सँभालने (2005-07) के बाद उन्होंने ‘लोहे की मुट्ठी और मखमल के दस्ताने’ की नीति अपनाई।
इस दिलचस्प पुस्तक में जनरल सिंह ने बताया है कि सरकार के सर्वोच्च स्तर पर देश की सुरक्षा से जुड़े फैसले किस प्रकार किए जाते हैं, चाहे वह सियाचिन का मामला हो, युद्ध (कारगिल) का या फिर सीमा पर भारी तादाद में फौज का जमावड़ा (ऑपरेशन पराक्रम) करना हो।
सैन्य जीवन को पूरी जिंदादिली से जीने और उसके भरपूर आकर्षण तथा रोमांच का सजीव वर्णन करने के साथ ही जनरल सिंह ने पाकिस्तान और चीन से मिलने वाली चुनौतियों, आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलवाद के खतरे, सैनिक कूटनीति का महत्त्व, और तेजी से बदलते विश्व में सैन्य बलों के अग्रसर रहने के रास्ते आदि अहम और गंभीर मुद्दों का बहुत सुंदर मूल्यांकन तथा विवेचन किया है।
‘जीतने के लिए लड़ो’ के ध्येय के साथ उन्होंने मुश्किलों का धैर्य के साथ सामना किया और इस बात का ध्यान रखा कि उनके अधीन सैनिकों को कुशल नेतृत्व मिले तथा वे हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहें।
Super Success Ke Golden Rules by Napoleon Hill
SKU:
9789352660650
नपोलियन हिल सत्तर वर्षों से भी अधिक समय से अपना सर्वोत्तम हासिल करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। वे अब तक के पहले और सबसे प्रसिद्ध प्रेरक लेखक थे और वास्तव में आज के सफल स्व-सहायता लेखकों में से अधिकांश हिल के सर्वोत्तम विचारों सहित उनकी दूरदर्शी बुद्धिमत्ता के ऋणी हैं।
‘सुपर सक्सेस के त्रशद्यस्रद्गठ्ठ रूल्स’ उन लेखों का प्रस्तुतीकरण है, जो नेपोलियन हिल ने सन् 1919 और 1923 के बीच लिखे थे। कार्नेगी, फोर्ड और एडिसन जैसे झोंपड़ी से महलों तक पहुँचे प्रसिद्ध धन कुबेरों के साथ साक्षात्कारों पर आधारित ये लेख सफलता के सिद्ध व प्रभावी मार्ग उजागर करते हैं, जो एक औसत व्यक्ति के लिए सचमुच काम करते हैं—कल भी करते थे, आज भी करते हैं और आनेवाले कल में भी करते रहेंगे।
ये मनोरंजक और जीवंत लेख प्रेरक प्रसंगों से भरे पड़े हैं तथा विचारोत्तेजन की शक्ति, आत्मविश्वास निर्माण, कायल करना बनाम बाध्य करना और आकर्षण का नियम जैसे विषयों पर आशातीत अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। अगर ये विचार परिचित लगते हैं तो ये सचमुच वैसे हैं। आधुनिक प्रेरणा गुरु दशकों से हिल के विचारों को झटक और रीपैकेज करते रहे हैं, परंतु मूल स्रोत अब भी सर्वोत्तम बना हुआ है। ‘सुपर सक्सेस के Golden रूल्स’ पढि़ए और अपना जीवन सँवारिए।
Main Kabir Bol Raha Hoon by Mahesh Sharma
SKU:
9789383111510
महात्मा कबीर आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी कालजयी वाणी में वे युगों-युगों तक हमारे सामने परिलक्षित होते रहेंगे। उनकी वाणी का अनुसरण करके हम अपना वर्तमान ही नहीं, अपितु भविष्य भी सँवार सकते हैं।
कबीर ने सदैव निष्पक्ष होकर सत्य-पथ का अनुगमन किया और शाश्वत मानव-मूल्यों पर जोर दिया। उन्होंने चमत्कारों, अंधविश्वास, पाखंड और अवैज्ञानिक अवधारणों का कभी समर्थन नहीं किया।
कबीर ने तात्कालिक समाज में व्याप्त कुरीतियों, धार्मिक भेदभावों, असमानता और जातिवाद आदि विकारों को दूर करने का भरसक प्रयास किया और इसमें उन्हें आंशिक सफलता भी मिली। सामान्य तरीके से जन्म लेकर और एक अति सामान्य परिवार में पलकर कैसे महानता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह महात्मा कबीर के आचार-व्यवहार, व्यक्तित्व और कृतित्व से सीखा जा सकता है।
इस पुस्तक में, वर्तमान प्रासंगिकता को ध्यान में रखकर, संत कबीर की अमर वाणी को सूक्तियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे कि पाठकों को कबीर को समझने और उनके दरशाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल सके।
Saat Chiranjeevi by Ramesh Soni
SKU:
9789386936134
एक सहज और स्वाभाविक प्रश्न है, क्या मनुष्य अमर हो सकता
है? इसका जवाब इतना आसान नहीं है, क्योंकि आज भी मनुष्य उन सीमाओं के पार नहीं पहुँच सका है, जो उसे अमर बना दें। हाँ, कभी-कभी कुछ विशेष व्यक्तियों के लिए प्रकृति ने अपने नियम जरूर बदले हैं। ऐसे ही विशेष महामानव हैं-सात चिरंजीवी। ये सात चिरंजीवी इसलिए कहलाए, क्योंकि सातों जीवन-मृत्यु के चक्र से ऊपर उठकर अमर हो गए। इन सात चिरंजीवियों में परशुराम, बलि, विभीषण, हनुमान, महर्षि वेदव्यास, कृपाचार्य और अश्वत्थामा हैं।
इन चिरंजीवियों में से कुछ के बारे में गलत धारणाएँ भी प्रचलित हैं, जैसे परशुराम का नाम सुनते ही हमारी आँखों के सामने एक ऐसे ऋषि की तसवीर उभरती है, जो बेहद क्रोधी स्वभाव के हैं। लेकिन उन्होंने अत्याचारी और अन्यायी राजाओं के खिलाफ ही शत्र उठाए। एक आदर्शवादी और न्यायप्रिय राजा के रूप में राम से मिलने के पश्चात् वे महेंद्र गिरि पर्वत पर तपस्या करने चले गए। परशुराम भगवान् विष्णु के अंशावतार माने जाते हैं। आज्ञाकारी पुत्र के रूप में वे अद्भुत हैं।
Arabpatiyon Jaisa Kaise Sochen? by Pradeep Thakur
SKU:
9789386054760
क्या आपने स्वयं से कभी कहा है—हाँ, मैं अमीर बन सकता हूँ! हो सकता है कि कहा हो या फिर नहीं भी। यही अमीर बनने की पहली व सबसे बड़ी शर्त है। यदि इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श नहीं किया और यों ही अपने मन को समझा लिया कि ‘मैं अमीर बन सकता हूँ।’ तो असल बात बन न सकेगी। इससे पहले अमीर बनने की यात्रा शुरू हो पाना संभव नहीं है, क्योंकि यही जीवन बदलने वाली महान् यात्रा का प्रस्थान बिंदु है।
सबसे पहले आप यह मानें कि आपने सचमुच में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं किया है और फिर पूरी सहजता से पूछें, ‘क्या मैं अमीर बन सकता हूँ?’ हाँ, यह चिंतन-प्रक्रिया थोड़ी जटिल है, इसलिए न तो मन में उठ रहे भावों की तह में जाने से घबराएँ और न ही जल्दबाजी करें। खुद को सहज व संयत रखें और बस अपने विचारों को साक्षी भाव से देखें। ‘साक्षी भाव’ वह मनोदशा है, जब हम खुद के विचारों को बिना किसी पूर्वग्रह के खुद से अलग रखते हुए ‘गवाह’ (साक्षी) की तरह देखते हैं। यह वही स्थिति है, जब आप किसी घटना को उसमें शामिल हुए बिना ही देखते हैं। जब आप ऐसा करेंगे तो सब साफ होना शुरू हो जाएगा कि आपने अब तक ‘खुद’, ‘सफलता’ में कौन-कौन सी बाधाएँ खड़ी की हुई थीं। यह भी संभव है कि आपको लगे कि आपने इस मुद्दे पर इतनी गंभीरता से पहले कभी सोचा भी नहीं था। यदि ऐसा नहीं होता तो आप अमीरी-यात्रा पर कब के निकल चुके होते। खैर, इस प्रक्रिया को अब शुरू होना था तो अब सही।
Pragya Parmita by Rangnath Tiwari
SKU:
9789386870278
काली माता बेतहाशा हँसने लगीं।
‘‘हँस क्यों रही हो?’’
‘‘वो हँसा रही है, तो मैं क्या करूँ?’’
‘‘वो कौन?’’
‘‘वो तुम्हारी काली माता।’’
‘‘वो तुम्हें हँसा रही हैं?’’
‘‘और नहीं तो क्या? तुम देखो न!’’
केशव मूर्ति की ओर देखने लगा, मूर्ति तो जैसी थी वैसी ही है।
‘‘कहाँ हँस रही हैं?’’
‘‘मुझे देखकर हँसती हैं, तुम्हें देखकर कैसे हँसेंगी? हम हँसे तो वो हँसती हैं। तुम तो ऐसे हो...’’
‘‘जैसा हूँ, ठीक हूँ; रहने दो।’’
केशव कालीमाता को हाथ जोड़कर मंदिर के बाहर घाट पर आ गया। अॅना उसके पीछे-पीछे थी।
‘‘अब कहाँ जाओगी?’’
‘‘मणिकर्णिका घाट पर’’
‘‘वहाँ...?’’
‘‘वहीं तो रहती हूँ...’’
‘‘वहाँ श्मशान भूमि में डर नहीं लगता?’’
—इसी संग्रह से