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Lucknow Digital Library
Featured Digital Library Content
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Parvarish 2.0 by N. Raghuraman
SKU:
9789353229085
पुस्तक सार
माँ के लिए सिर्फ ‘मदर्स डे’ ही काफी नहीं है, क्योंकि साल का हर दिन किसी-न-किसी रूप में माँ की ही शक्ति से चलता है।
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विफल होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन सफल होने के लिए एक ही वजह काफी है—जीवन से संघर्ष करने की क्षमता। पुरानी उक्ति याद कीजिए, ‘ईश्वर उनकी मदद करता है, जो अपनी मदद करते हैं।’
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बच्चों को शिक्षा के साथ इनसानियत से जोडि़ए और उन्हें यह अहसास होने दीजिए कि हीरो भी फेल होते हैं। यह आज के अवसाद के दौर को हैंडल करने का अच्छा तरीका होगा।
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बच्चों के लालन-पालन यानी पेरेंटिंग का कोई शॉर्टकट नहीं होता। यह हम पर है कि हम कैसे बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाने वाली इस परंपरा को नाकाम न होने दें।
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यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ें तो उन्हें किसी-न-किसी रूप में दुनियाभर के साहित्य से परिचित कराइए। इस तरह के पठन-पाठन से उन्हें अपना दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलेगी।
—इसी पुस्तक से
प्रसिद्ध लाइफ कोच और मोटिवेशन गुरु एन. रघुरामन के ये विचार बच्चों के लालन-पालन और परवरिश के बारे में व्यावहारिक जानकारी देते हैं। ये सूत्र बच्चों के चहुँमुखी विकास में सहायक सिद्ध होंगे और आपको एक अच्छा और सफल अभिभावक होने का गौरवबोध भी करवाएँगे।
A Prefect’s Uncle by P. G. Wodehouse
SKU:
6235989715360
Marriott walked into the senior day-room, and, finding no one there, hurled his portmanteau down on the table with a bang. The noise brought William into the room. William was attached to Leicester's House, Beckford College, as a mixture of butler and bootboy. He carried a pail of water in his hand. He had been engaged in cleaning up the House against the conclusion of the summer holidays, of which this was the last evening, by the simple process of transferring all dust, dirt, and other foreign substances from the floor to his own person.
Le Morte d’Arthur: Volume 1 by Sir Thomas Malory
SKU:
6235989715840
THE Morte D'Arthur was finished, as the epilogue tells us, in the ninth year of Edward IV., i.e. between March 4, 1469 and the same date in 1470. It is thus, fitly enough, the last important English book written before the introduction of printing into this country, and since no manuscript of it has come down to us it is also the first English classic for our knowledge of which we are entirely dependent on a printed text. Caxton's story of how the book was brought to him and he was induced to print it may be read farther on in his own preface. From this we learn also that he was not only the printer of the book, but to some extent its editor also, dividing Malory's work into twenty-one books, splitting up the books into chapters, by no means skilfully, and supplying the "Rubrish" or chapter-headings. It may be added that Caxton's preface contains, moreover, a brief criticism which, on the points on which it touches, is still the soundest and most sympathetic that has been written.
The Art of Thinking by Ernest Dimnet
SKU:
9788184305532
French priest, philosopher and author Ernest Dimnet's book 'The Art of Thinking' is one of the most popular self-help book from 1930s. Dimnet's "The art of thinking" invites the reader into a state of honesty where he evaluates himself as a thoughtful human being. Dimnet brings up the fact that we too often only "think of thinking" about something instead of actually thinking.
Stock Market Mein Nivesh Aur Trading Ke Secrets by Swaminathan Annamalai
SKU:
9789353224349
इस पुस्तक को पढ़ना
क्यों जरूरी है?
क्योंकि यह आपको सिखाएगी—
• कारोबारी घंटों के दौरान पूरा समय कंप्यूटर के सामने बैठे बिना पैसे कमाना।
• मल्टीबैगर की शुरुआती चरण में पहचान करना और अधिकतम लाभ हासिल करना।
• शेयर एक्सचेंज में ट्रेड न होनेवाले गैर-सूचीबद्ध शेयरों से निपटना।
• नैकेड ऑप्शंस विक्रय द्वारा अपनी सफलता के अवसरों में वृद्धि करना।
• आई.पी.ओ. के बारे में जानकारी और आई.पी.ओ. फंडिंग किस तरह प्राप्त की जाए।
• भौतिक शेयरों को डीमैटीरियलाइज (अमूर्तिकरण) करना।
• BEES संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी और क्या इसमें निवेश करना सुरक्षित विकल्प है?
• स्टॉक स्क्रीन का परिचय।
• स्टॉक मार्केट को प्रभावित करनेवाले घोटालों के विभिन्न प्रकार।
• एच.यू.एफ. के निर्माण द्वारा आय कर बचाना।
इस पुस्तक में स्टॉक मार्केट और शेयर ट्रेडिंग से जुड़े सभी विषयों को बहुत व्यावहारिक व सहज स्वीकार्य सलाहों से भरपूर हर बिंदु को आसान भाषा में समझाया गया है। आपको सिर्फ यह पुस्तक चाहिए और आप शेयर बाजार में अपना भाग्य बना सकते हैं, और वह भी बहुत आराम से।
Khushiyon Ka Desh Bhutan by Ramesh Pokhariyal ‘Nishank’
SKU:
9789353222741
भूटान को रहस्यमय देश माना जाता है। कई सदनों, रहस्यवादियों, विद्वानों और तीर्थयात्रियों ने इसके अनेक दौरे किए हैं। इन सभी लोगों ने भूटान की भूमि और उसके लोगों को अनमोल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में विलक्षण माना है। यहाँ की भूमि एवं यहाँ के निवासी अपनी अमूल्य आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।
यहाँ आनेवाले अतिथि और पर्यटकों को आश्चर्य होता है कि यहाँ के जनजीवन में पारंपरिक जीवन-शैली और संस्कृति पूर्णतः विद्यमान है। आज जब पाश्चात्य संस्कृति ने हर देश में घुसपैठ कर ली है, ऐसे में भूटान ने अभी भी अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों तथा परंपराओं को सहेजकर रखा है।
ऊँची पहाडि़यों और ढलानों पर पारंपरिक रूप से बुने वस्त्रों से निर्मित रंग-बिरंगे लहराते झंडे प्राकृतिक सौंदर्य को और भी नैसर्गिक रूप प्रदान करते हैं, वहीं स्थानीय लोगों द्वारा किए जानेवाले मनमोहक लोकनृत्य इस देश को विश्वपटल पर एक विलक्षण देश के रूप में स्थापित करते हैं।
भूटान के इतिहास, भूगोल, शिक्षा, संस्कृति के साथ-साथ भारत-भूटान संबंधों पर जानकारी देनेवाली एक पठनीय पुस्तक।
A History of Advertising by Henry Sampson
SKU:
9788184306018
First published in the year 1874, the present book 'A History of Advertising' was written and published by Henry Sampson. This book is a volume of history of the advertising world, including its inception, evolving forms, and how it has been effecting businesses, economy, social sector and everything else that functions in the world.
Mahan Krantiveer Rasbehari Bose by swatantra Kumar
SKU:
9789384343606
रासबिहारी बोस भारत के एक क्रांतिकारी नेता थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध गदर षड्यंत्र एवं आजाद हिंद फौज के संगठन में महत्त्वपूर्ण काम किए। वे बचपन से ही देश की स्वतंत्रता के स्वप्न देखा करते थे। क्रांतिकारी गतिविधियों में उनकी गहरी दिलचस्पी थी। उन्होंने न केवल भारत में कई क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन करने में अग्रणी भूमिका निभाई, अपितु विदेश में रहकर भी वे भारत को स्वतंत्रता दिलाने के प्रयासों में आजीवन लगे रहे। दिल्ली में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चार्ल्स हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना बनाने, गदर की साजिश रचने और बाद में जापान जाकर इंडियन इंडिपेंडेंस लीग और आजाद हिंद फौज की स्थापना करने में रासबिहारी बोस की प्रभावी भूमिका रही। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। क्रांतिकारी जतिन मुखर्जी की अगुवाई वाले ‘युगांतर’ नामक क्रांतिकारी संगठन के अमरेंद्र चटर्जी से परिचय हुआ और वे बंगाल के क्रांतिकारियों के साथ जुड़ गए। बाद में श्रीअरबिंद घोष के राजनीतिक शिष्य रहे जतींद्रनाथ बनर्जी उर्फ निरालंब स्वामी के संपर्क में आने पर संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) और पंजाब के प्रमुख आर्य समाजी क्रांतिकारियों के संपर्क में आए।
भारतीय स्वातंत्र्य समर की हुतात्माओं की लंबी शृंखला की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी में प्रमुख रासबिहारी बोस की प्रेरक जीवनगाथा।
Madhuchhand by Usha Shrivastav
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9789380186528
मधुछंद—उषा श्रीवास्तव
हँसी की इन लहरों के बीच
कमल किस दुःख का खिलता है,
मानते हो जिसको तुम शील
विवशताओं में पलता है।
हृदय की उठती हुई वह आग,
फूटती अरुणाभा जैसी,
दिवस के उज्ज्वल माथे पर
तिलक की पावन आभा सी
हृदय में ही घुटकर रह गई,
बन गई मेरा चिर अभिशाप,
घेर ज्यों पुण्यों को छा जाए
किसी प्राचीन जनम का शाप।
—इसी पुस्तक से
उषा की कविताएँ आत्मपरक हैं। इनमें समर्पण है, कोई गहरी टीस है, आकुल मन की पुकार है और प्रतिभा के अनुरूप प्राप्य न मिल पाने की कुंठा भी है। उषा ने विचार-प्रधान कुछ मुक्तक भी लिखे हैं। काश, उषा ने बी.ए. और एम.ए. में हिंदी ली होती।
अनुजावत् अपनी प्रिय शिष्या उषा को मेरा स्नेहाशीष है कि वह पूर्ण स्वस्थ रहकर कम-से-कम एक और कविता संग्रह हिंदी जगत् को दे सके। मुझे विश्वास है कि पाठकों की ओर से इस मौन साधिका को प्रोत्साहन मिलेगा।
—डॉ. रमानाथ त्रिपाठी की भूमिका से
Atmadeep Banen by Manoj Srivastava
SKU:
9789352661091
आज के भौतिकवादी व उपभोगतावादी युग में हम आत्मिक रूप से कमजोर पड़ते जा रहे हैं। इससे हमारा मनोबल गिर रहा है। मनोबल की कमी के कारण आज हम वह उपलब्धि प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, जिसके हम वास्तविक हकदार हैं। आज प्रत्येक व्यक्ति अपनी मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए जागरूक होकर प्रयास कर रहा है, लेकिन उसको सफलता नहीं मिल रही। आजकल हर बच्चा कहता है कि सकारात्मक सोचें, बाजार में सबसे अधिक पुस्तकें स्वयं-सुधार (सेल्फ इंप्रूवमेंट) की ही बिक रही हैं। लोग तनाव-प्रबंधन के लिए ट्रेनिंग कैंपों में भाग लेते हैं, प्रवचन और लैक्चर सुनते हैं, किंतु उन्हें वांछित लाभ नहीं मिल रहा है।
प्रस्तुत पुस्तक में वर्णित अध्याय हमारे भीतर भाव एवं मनोविकार के मध्य चलनेवाले सकारात्मक विचारों पर केंद्रित हैं। प्रत्येक अध्याय एक-दूसरे से गुँथा है। अतः प्रयास यह किया गया है कि एक लय में रहकर मूल विचार से जुड़ा रहा जाए।
स्वीकार भाव, माफ करना या माफी माँगना, स्वाभिमान होना, क्रोध पर नियंत्रण, शांति व खुशी इत्यादि, वे अवधारणाएँ हैं, जिनके सहारे हम नकारात्मक जीवन से दूर हो जाते हैं, साथ ही सकारात्मक जीवन अपनाकर सफलता अर्जित करते हैं।
यह पुस्तक विकार दूर करके सत्वृत्तियाँ उत्पन्न कर जीवन का उत्कर्ष करने का मार्ग दिखानेवाली अनुपमेय कृति है।
Ekatma Manavvaad by Deendayal Upadhyay
SKU:
9789350488775
दीनदयाल उपाध्याय प्रणीत एकात्म मानववाद के संदर्भ में एक चर्चा होती रहती है कि यह ‘वाद’ है या ‘दर्शन’? ‘वाद’ पाश्चात्य परंपरा का वाहक है, जबकि ‘दर्शन’ भारतीय परंपरा का। ‘एकात्म मानव’ का विचार तत्त्वतः भारतीय विचार है, अतः इसे ‘दर्शन’ कहना चाहिए, कुछ लोगों का यह आग्रह रहता है, जो गलत नहीं है। मा. नानाजी देशमुख ‘दीनदयाल शोध संस्थान’ में ‘दर्शन’ शब्द का ही प्रयोग करते थे।
यह बात ठीक होते हुए भी यह तथ्य है कि दीनदयाल उपाध्याय ने अपने बौद्धिक वर्गों में तथा ‘सिद्धांत एवं नीति’ प्रलेख में इसे ‘एकात्म मानववाद’ कहा है। मुंबई में जो उनके चार भाषण हुए, उनमें भी ‘एकात्म मानववाद’ शब्दपद का ही उपयोग है। पाश्चात्य चिंतन की पृष्ठभूमि में दीनदयालजी ने इस विचार का विवेचन किया है। व्यक्तिवाद व समाजवाद को उन्होंने पृष्ठभूमि में वर्णित किया है, अतः ‘एकात्म मानववाद’ भी एकदम संगत शब्द प्रयोग है। यथा रुचि ‘वाद या दर्शन’ दोनों का ही प्रयोग किया जा सकता है, यह कोई विवाद का मुद्दा नहीं है।
Safalta by Pk Arya
SKU:
9789350484401
सफलता वह फल है, जो बहुत स्वादिष्ट है और हर कोई उसे चखना चाहता है; लेकिन यह चलकर झोली में आनेवाला फल नहीं है वरन् इस तक पहुँचने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। अगर आप सफलता पाने का इंतजार करेंगे तो चूक जाएँगे।
कुछ लोगों से पूछा जाता है कि वे सफलता पाने के लिए क्या कर रहे हैं तो उनका उत्तर होता है कि ‘बस अपने काम में लगे हैं, अब देखते हैं कि सफलता मिलती है या नहीं।’ इस तरह का उत्तर निराशावाद की ओर इशारा करता है। अगर आपका उत्तर होगा कि ‘हाँ, मैं सफलता प्राप्त करूँगा’ तो यह आशावाद भी है, और सफलता की गारंटी भी।
याद रखें, सफलता पाने के लिए न तो पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है, न पहाड़ तोड़ना—बस अपने कार्यों को सही ढंग से करते हुए बाधाओं को पार करना सफलता पाने का मूलमंत्र है। सफलता को पाने के व्यावहारिक सूत्र बताती लोकप्रिय पुस्तक।
Sapanon Bhare Din by Ramdarash Mishra
SKU:
9789353229573
रामदरश मिश्र के कथा-साहित्य में से किशोर चरित्रों और उनके परिवेश के इर्द-गिर्द सृजित कहानियों का यह महत्त्वपूर्ण संकलन है। किशोर सुलभ रोचक प्रसंगों से भरपूर इनको पढ़ने का एक अलग ही आनंद है। इसमें पंद्रह कहानियों के साथ चार उपन्यासों से चयनित अंश और उनकी डायरी का एक अंश शामिल है। लेखक द्वारा गढ़े गए किशोर चरित्रों की जीवंतता की व्यापकता हास्य, व्यंग्य, करुणा, वात्सल्य आदि रस-रंग से सराबोर है। कहानियों में अनेक ऐसे प्रसंग भी हैं, जो मात्र किशोरवय को ही नहीं, बल्कि मानव जीवन को समग्रता के साथ प्रस्तुत करते हैं और किशोरों को स्वयं को समझने तथा सँवारने की नई दृष्टि प्रदान करते हैं। जिए हुए जीवन से उत्पन्न लेखक की गहन अनुभूतियाँ इन कहानियों को पाठक के लिए सहज संप्रेष्य बनाती हैं।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मनीषियों के लिए कुछ नवीन आयामों को उजागर करने में यह संकलन सहायक सिद्ध होगा। साथ ही भारतीय बाल-साहित्य के विशेष संदर्भ में इनका पठन-पाठन अध्येताओं के लिए भी उपयोगी है।
कहानियों की भाषा-शैली भी परिवेशगत सहजता से ओतप्रोत है। जहाँ शहरी या कस्बाई वातावरण में शब्दों का सौंदर्य है तो वहीं ग्रामीण परिवेश में देशज शब्दों की मिठास है। कथ्य और अभिव्यक्ति दोनों ही दृष्टियों से यह संग्रह पठनीय व किशोरोपयोगी है।