Books
Showing 151–200 of 123056 results
100 THE MANDELA YEARS
There are people who will argue that you do not need another book on Nelson Mandela. There has been so much written about him over the years and especially in the year when he would have celebrated his centenary.
But how much can one realistically pay tribute to, without doubt, the greatest South African who ever lived? How can we ever say thank you enough for all the hard work and sacrifice he made to ensure that South Africa becomes a free country? How can we ever thank him enough for his wisdom and humility?
When we produced the book to celebrate Madiba’s 90th birthday, he was still alive, even though he was retired. He has since passed on, but his message and his legacy will live on forever.
Mandela’s influence reached far wider than South Africa. In fact, it can be argued that he was truly a global leader who cared about the poor and downtrodden irrespective of where they were in the world.
In this book, we carry special messages from prominent and important people who talk about the impact
that he made on their lives and their careers. But we also look more generally at what made this man so special: from his special relationship with the people who were supposed to guard him at prison, to his unbridled love for children. We also look at the meaningful contribution he made to sport and arts and culture and, of course, the fashion industry with his trendsetting Madiba shirts.
At a time when many feel that we have lost our way on the democratic path that we set out on in the
early 1990s, it is important to learn from Madiba’s wise words and experiences. Hopefully, all of us will be inspired to get our country and our democracy back on track. Read this book, feel inspired and find the Mandela inside you.
100 Years of the Liver Birds
Born in 1911, the world-famous Liver Birds celebrate a century of memories. They have seen and heard it all, perched high over Liverpool and the River Mersey. Happy 100th birthday!
100%: The Story of a Patriot
“100%: The Story of a Patriot” dramatically recounts the adventures of a poor uneducated young man who lives by his wits and guile, as he becomes politicized during his involvement in the sometimes violent struggle between American ?patriots? and ?Reds?. The author wrote in the Appendix, which is not included in this recording: “Everything that has social significance is truth…. Practically all the characters in “100%” are real persons.” This exciting, polemical novel was published in 1920. Sinclair (1878-1968) wrote nearly 100 novels, many based on industrial abuse. One of his best known, “The Jungle”, was influential in initiating the regulation of food safety in the United States. He won the Pulitzer Prize for Fiction in 1943. (Lee Smalley)
100%: the Story of a Patriot by Upton Sinclair by Upton Sinclair
The story of Peter Gudge, a poor young man who becomes embroiled in industrial spying and sabotage. Said to be based upon a real case of a bombing in San Francisco, Peter’s tale is compelling reading. Originally published by the author himself, “100%: The Story of a Patriot” is the story of a young man’s descent into fear and corruption, and eventual happy redemption.
1000 Ambedkar Prashnottari by Parijat Tripathi
डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (14 अप्रैल, 1891-6 दिसंबर, 1956) निश्चित ही भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली सपूतों में से एक हैं। उन्होंने सभी विवशताओं को दृढ़ निश्चय और कमरतोड़ मेहनत से पार करके कोलंबिया विश्व-विद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिस से डॉटरेट की डिग्रियाँ तथा लंदन से बैरिस्टर की उपाधि प्राप्त की। तदुपरांत भारत लौटकर अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्, पत्रकार, तुलनात्मक धर्म के विद्वान्, नीति-निर्माता, प्रशासक तथा सांसद के रूप में अनन्यासाधारण योगदान दिया और एक न्यायविद् के रूप में भारतीय संविधान के प्रधान निर्माता-शिल्पकार के रूप में महान् कार्य किया। इन सबसे परे वे एक महान् समाज-सुधारक, मानव अधिकारों के चैंपियन और पददलितों के मुतिदाता थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन आधुनिक भारत की नींव रखने में तथा नए भारत की सामाजिक चेतना को जगाने में समर्पित कर दिया। सन् 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया गया।
प्रस्तुत है डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के प्रेरणाप्रद यशस्वी जीवन का दिग्दर्शन करानेवाली पुस्तक, जिसमें प्रश्नोत्तर के माध्यम से भारत निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित किया गया है।
1000 Bharat Gyan Prashanottari by Sanjay Kumar Dwivedi
1000 भारत ज्ञान प्रश्नोत्तरी—संजय कुमार द्विवेदी
किसी भी विषय की बढ़िया-से-बढ़िया पठन-सामग्री को उसके विस्तृत कलेवर के साथ पढ़ना और उसे याद करना कठिन होता है, परंतु यदि उसी सामग्री को प्रश्नोत्तर रूप में प्रस्तुत किया जाए तो वह अत्यंत रुचिकर हो जाती है और उसे सहजता से याद भी किया जा सकता है।
भारत जैसे विशाल एवं विविधतापूर्ण देश को 1000 प्रश्नों में समेट पाना निश्चय ही जोखिम भरा काम है। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का अपना एक दायरा होता है। इस स्थिति का आकलन करते हुए इस पुस्तक में प्रश्नों का चयन एवं प्रस्तुतीकरण इस तरह किया गया है कि पाठकों के समक्ष अधिक-से-अधिक जानकारी पहुँचाई जा सके। पुस्तक में शामिल किए गए अधिकतर प्रश्न ऐसे हैं, जिनमें कई उप-प्रश्न और उनके उत्तर छिपे हुए हैं।
प्रस्तुत पुस्तक को यथासंभव ज्ञानवर्धक एवं रोचक बनाने की कोशिश की गई है। प्रश्नों का चयन करते समय प्रत्येक विषय के हर पहलू को छूने की कोशिश की गई है। पुस्तक संतुलित हो, इसका भी हर संभव प्रयास किया गया है।
आशा है, भारत को भलीभाँति समझने में पुस्तक पाठकों की भरपूर मदद तो करेगी ही, भरपूर ज्ञानवर्द्धन भी करेगी।
1000 Bharatiya Sanskriti Prashnottari by Rajendra Pratap Singh
1000 भारतीय संस्कृति प्रश्नोत्तरी
‘1000 भारतीय संस्कृति प्रश्नोत्तरी’ पाठकों को भारतीय संस्कृति से संबद्ध—प्राचीन एवं नवीन—विभिन्न जानकारियों, वस्तुनिष्ठ तथ्यों व महत्त्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराएगी। इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों, दिवसों, पक्षों, माहों व व्रतों; विभिन्न अंकों से संबद्ध जानकारियों; रोमांचक जानकारियों; महापुरुषों, नारियों, देवी-देवताओं, प्रतीकों; साधु-संतों, ऋषि-मुनियों; स्थलों, नदियों, जीव-जंतुओं; मेले, पर्वों, त्योहारों व उत्सवों; नृत्य-नाट्य शैलियों, चित्रकला, गीत-संगीत, वाद्यों एवं वादकों, गायकों; अस्त्र-शस्त्रों, विभिन्न अवतारों; विभिन्न व्यक्तियों के उपनामों, उपाधियों व सम्मानों; संस्कार, योग, वेद, स्मृति, दर्शन एवं अन्यान्य ग्रंथों के संबंध में संक्षिप्त व महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकेंगे।
विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक सामान्य पाठकों के अलावा लेखकों, संपादकों, पत्रकारों, वक्ताओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। वस्तुत:, यह भारतीय संस्कृति का संदर्भ कोश है।
1000 Bhautik Vigyan Prashnottari by Sitaram Singh
प्राचीन काल से ही मानव भौतिक जगत् में घटनेवाली प्राकृतिक घटनाओं, जैसे रात-दिन का होना, ऋतु में परिवर्तन होना, भूकंप के झटके लगना, ज्वालामुखी का विस्फोट होना, उल्कापात होना इत्यादि के कारणों को समझने का प्रयास करता रहा है। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से ये घटनाएँ मानव-जीवन को प्रभावित करती हैं। भौतिक विज्ञान के द्वारा इनका गहन अध्ययन किया जाता है।
विज्ञान विषयक एवं सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में भौतिकी के प्रश्न निश्चित रूप से शामिल रहते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में भौतिक विज्ञान की प्रमुख शाखाओं से संबंधित विभिन्न अध्यायों, जैसे कि मापन, गति के नियम, कार्य, ऊर्जा और शक्ति, द्रवों का प्रवाह, दोलन, तरंगें, चुंबकत्व एवं चुंबकीय मापन इत्यादि के अंतर्गत वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का संकलन किया गया है। विद्यार्थियों, प्रतियोगिताओं में शामिल हो रहे छात्र-छात्राओं एवं सामान्य वर्ग के पाठकों के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी है।
1000 Bhoogol Prashnottari by Sachin Singhal
1000 भूगोल प्रश्नोत्तरी
वास्तव में ‘भूगोल’ शब्द का अर्थ बहुत व्यापक है। सौरमंडल, वातावरण, पर्यावरण, पृथ्वी, कृषि, वन, वन्यजीवन, उद्योग, जनसंख्या, खनिज, ऊर्जा आदि ऐसे अनेक विषय हैं जिसमें मानव की सदैव से रुचि रही है। इसी रुचि ने मानव को नए-नए ग्रह खोजने के लिए प्रेरित किया और वह इसमें सफल भी हुआ। प्रस्तुत पुस्तक में इस व्यापकता को पाठकों के लिए 1000 प्रश्नों में समेटने का प्रयास किया गया है। यद्यपि इतने कम प्रश्नों में इस विषय को समेटना एक असंभव कार्य है, परंतु सामान्य पाठक के ज्ञान के स्तर के अनुरूप अधिकांश महत्त्वपूर्ण तथ्यों से संबंधित प्रश्नों का समावेश प्रस्तुत पुस्तक में करने का प्रयास किया गया है।
प्रत्येक प्रश्न के चार संभावित उत्तर दिए गए हैं, जिनमें से एक उत्तर सही है। इससे पाठक अपनी तर्कशक्ति के आधार पर अपने ज्ञान को कसौटी पर परख सकते हैं।
प्रश्नोत्तरी शैली में लिखित यह पुस्तक भूगोल के विभिन्न पक्षों से पाठकों को परिचित कराती है। 1000 प्रश्नों के रूप में यह भूगोल के ज्ञान का पिटारा
खोलती है।
1000 Bihar Prashnottari by Aneesh Bhaseen
प्राचीन समय में भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था, वहीं बिहार को ‘ज्ञान की खान’—जहाँ ‘नालंदा’ तथा ‘तक्षशिला’ जैसे विश्वविद्यालय और चाणक्य जैसे आचार्य ज्ञान का वितरण करते थे। बिहार की पावन धरती अपने ऐतिहासिक गौरव, सांस्कृतिक वैभव, भौगोलिक संपन्नता, प्राकृतिक सुरम्यता, वन संपदा एवं जीव-जंतुओं की विविधता के कारण अनेक ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही है।
प्रस्तुत पुस्तक में बिहार से संबंधित समस्त जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है। पुस्तक को तैयार करते समय बिहार से संबंधित उन सभी विषयों को सम्मलित करने का प्रयास किया गया है, जिनके बारे में पाठकों को बहुत कम जानकारी है। प्रस्तुत पुस्तक में बिहार का इतिहास, राजनीतिक संरचना, भौगोलिक स्वरूप, उद्योग-धंधे, कृषि, वन, पयर्टन, शिक्षा, कला एवं संस्कृति, पुरस्कार व सम्मान एवं खेलकूद इत्यादि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं और हर प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। ये एक हजार जानकारियाँ सीधे-सादे ढंग से भी दी जा सकती थीं, लेकिन इस स्थिति में पाठकों के अंदर उत्सुकता नहीं जागती और स्वयं उत्तर खोजने का आनंद भी उन्हें नहीं मिलता। यह विधि अधिक रुचिकर है।
एक तरह से बिहार का विश्वकोश है यह प्रश्नोत्तरी पुस्तक।
1000 Computer Internet Prashnottari by Vinoy Bhushan
15 फरवरी, 1946 को ‘ एनियाक ‘ नामक कंप्यूटर दुनिया के सामने पहली बार आया था । तब से लेकर आज तक हमारे जीवन में कंप्यूटर का महत्व बढ़ता ही जा रहा है । इसके आकर्षण से क्या बच्चे, क्या बड़े-कोई नहीं बच पा रहा है । गणना करनी हो, गीत-संगीत सुनना हो, गप करना हो या फिर शोध करना हो, सबके लिए अपनी सेवाएँ देने हेतु सदैव तत्पर रहता है कंप्यूटर ।
इस पुस्तक में 1000 प्रश्नों के माध्यम से कंप्यूटर से संबंधित अनेक जानकारियाँ दी गई हैं । कंप्यूटर का आविष्कार, कंप्यूटर की पीढ़ियाँ, डिजिटल कंप्यूटरों का वर्गीकरण, कंप्यूटर : एक परिचय, सेकेंडरी मेमोरी, इनपुट/आउटपुट उपकरण, इंटरफेस, सॉफ्टवेअर, ऑपरेटिंग सिस्टम, डाटा संचार (कम्यूनिकेशन), कंप्यूटर नेटवर्क व्यवस्था, कंप्यूटर वाइरस एवं सुरक्षा प्रबंधन, सुपर कंप्यूटर, इंटरनेट, ई-मेल, एफ.टी.पी. और टेलनेट, कंप्यूटर और भारत तथा कंप्यूटर और कैरियर जैसे अध्यायों के द्वारा इस पुस्तक में कंप्यूटर की दुनिया की रोचक व रोमांचक यात्रा कराई गई है ।
यह पुस्तक कंप्यूटर के क्षेत्र से संबंध रखनेवालों, छात्रों, इंजीनियरों, शोधार्थियों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठनेवाले प्रतियोगियों के लिए अत्यंत उपयोगी है ।
1000 Gandhi Prashnottari by A.N. Agrawal
1000 गांधी प्रश्नोत्तरी
महात्मा गांधी विश्व के श्रेष्ठ और महान् व्यक्तित्वों में से एक थे। वे जीवन के प्रति संघर्ष करनेवाले महान् योद्धा थे। उनका जीवन-दर्शन अपने में विशिष्टता लिये हुए अनुकरणीय और पाथेय है। गांधी स्वयं में एक इतिहास हैं। उनका विराट् व्यक्तित्व, उनके जीवन-संदर्भ, उनके विचारों, आदर्शों व सिद्धांतों की व्यापकता—इन सबको आसानी से पढ़कर उन्हें आत्मसात् कर लेना आसान काम नहीं। इसके लिए गांधी के जीवन-वृत्तांत और उनके वाङ्मय की आवश्यकता होगी। किंतु प्रस्तुत पुस्तक अपने 1000 प्रश्नों के माध्यम से अत्यंत रोचकता व सुगमता से गांधीजी के जीवनेतिहास एवं जीवन-संदर्भों को उद्घाटित करती है।
इसमें गांधीजी के पारिवारिक व व्यक्तिगत इतिहास, दक्षिण अफ्रीका में उनके प्रवास-संदर्भों, राष्ट्रीय व सामाजिक आंदोलनों में उनकी भूमिका, उनके विचार व दर्शन, उनके साहित्य, उनसे संबद्ध संगठनों व संस्थाओं, समकालीन व्यक्तित्वों तथा विभिन्न जीवन-संदर्भों की जानकारी दी गई है।
1000 Hindi Sahitya Prashnottari by Kumud Sharma
वर्तमान युग में हर व्यक्ति को जीवन के विभिन्न स्तरों पर अनेक प्रतियोगिताओं से गुजरना पड़ता है । राज्य स्तर पर और केंद्रीय स्तर पर विभिन्न महत्त्वपूर्ण संस्थानों के महत्त्वपूर्ण पदों के लिए ली जानेवाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य विषयों के साथ- साथ हिंदी भाषा और साहित्य से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित प्रश्न भी सम्मिलित होते हैं ।
इस पुस्तक में 1000 प्रश्नों को अठारह महत्त्वपूर्ण अध्यायों – भाषा, हिंदी साहित्य का इतिहास, कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध- आलोचना, रेखाचित्र- संस्मरण, आत्मकथा-जीवनी, यात्रा साहित्य, रिपोर्ताज, साक्षात्कार और पत्र साहित्य, काव्य शास्त्र, साहित्यिक पत्रकारिता, संस्थाएँ पुरस्कार, चित्रावली तथा विविध-में बाँटा गया है । प्रत्येक प्रश्न के लिए अध्याय का निर्धारण पाठकों की सुविधा के लिए किया गया है ।
समय की माँग और समय की कमी के कारण साहित्य के विराट् फलक में प्रवेश कर उसे आत्मसात् करने का अवसर बहुतों के पास नहीं है । यह पुस्तक बहुत सुगमता से ऐसे व्यक्तियों को हिंदी साहित्य के महत्त्वपूर्ण बिंदुओं और वस्तुनिष्ठ तथ्यों से परिचित कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है ।
पुस्तक में हिंदी साहित्य के व्यापक परिदृश्य पर फैले केंद्रीय और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को समेटने की कोशिश की गई है । भाषा संबंधी प्रश्नों के साथ-साथ हिंदी साहित्य का इतिहास, काव्य शास्त्र, साहित्यिक संस्थाओं, पुरस्कारों से संबंधित प्रश्न इसमें सम्मिलित हैं ।कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाकारो की चित्रावली भी इसमें समाविष्ट है । यह पुस्तक अपने आपमें हिंदी साहित्य का इतिहास है ।
1000 Hindi Vastunishtha Prashnottari by Braj Kishore Prasad Singh
कोई भी भाषा महज इसलिए बड़ी नहीं होती कि उसके बोलनेवालों की संख्या अधिक है, बल्कि वह इसलिए बड़ी होती है कि करोड़-करोड़ जनता के हृदय और मस्तिष्क की भूख मिटाने का वह प्रभावशाली साधन होती है। भारत में हिंदी भाषा की वही स्थिति है। हिंदी साहित्य का भंडार विस्तृत है। गद्य-पद्य, दोनों में विपुल साहित्य की रचना हुई है।
किसी भी साहित्य का उसके सम्यक् रूप में पारायण कर पाना बड़ा कठिन है। आज के व्यस्त समय में पाठक के पास न तो इतना समय है और न धैर्य। अतः हिंदी साहित्य के सार रूप को प्रश्नोत्तर शैली के एक हजार प्रश्नों के अंदर समोने की कोशिश की गई है। हालाँकि इतनी बड़ी विषय-वस्तु को मात्र हजार प्रश्नों में बाँध पाना अत्यंत दुष्कर कार्य रहा।
प्रस्तुत पुस्तक में हिंदी साहित्य के कलेवर को विभिन्न अध्यायों में बाँटकर विवेचित किया गया है, यथा—हिंदी साहित्य का इतिहास, काव्य शास्त्र, भाषा एवं व्याकरण, साहित्यिक विधाओं के साथ-साथ विविध अध्याय में मिश्रित प्रश्नों को समेटा गया है।
पुस्तक के अंत में पाठकोपयोगी हिंदी साहित्येतिहास प्रश्नोत्तर को शामिल किया गया है। विद्यार्थी, शिक्षार्थी, प्रतियोगी परीक्षार्थी, शोधार्थी, अध्यापक ही नहीं, सामान्य हिंदी-प्रेमी पाठकों के लिए एक अत्यंत उपयोगी पुस्तक।
1000 Itihas Prashnottari by Sachin Singhal
1000 इतिहास प्रश्नोत्तरी
इतिहास का खेल न्यारा है; और इतिहास अपने को दुहराता भी है। इसीलिए इतिहास में लोगों की स्वाभाविक जिज्ञासा होती है—चाहे वह परिवार का हो, राष्ट्र का हो या विश्व का। प्रस्तुत पुस्तक एक सामान्य पाठक और उसके इतिहास के ज्ञान के स्तर को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है। पुस्तक को बहुविकल्पीय प्रश्नों की शैली में लिखा गया है।
चार भागों में विभक्त पुस्तक को महत्त्वपूर्ण उपभागों में बाँटा गया है; जैसे—सिंधु घाटी सभ्यता के स्रोत, वैदिक सभ्यता, मौर्य एवं गुप्त साम्राज्य, जैन एवं बौद्ध धर्मों का उदय, दक्षिण के साम्राज्य, मुगल काल, मराठा राज्य, अंग्रेजी शासन और भारत का स्वतंत्रता संघर्ष आदि।
प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें एक सही उत्तर है, जिससे पाठक प्रश्न का सही उत्तर ढूँढ़ने के लिए अपनी तर्कशक्ति का भी प्रयोग कर सकते हैं।
विश्वास है, पुस्तक पाठकों को अच्छी लगेगी तथा उनके इतिहास के ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगी।
1000 Jharkhand Prashnottari by Gopi Krishna Kunwar
1000 झारखंड प्रश्नोत्तरी—गोपीकृष्ण कुँवर
झारखंड खनिज-संपदा में भारत का सबसे संपन्न प्रदेश है। कुछ वर्ष पूर्व तक यह बिहार प्रदेश का प्रमुख हिस्सा था। यह अपनी आदिवासी जनजातियों, भाषा-बोली, नदी-बाढ़, सांस्कृतिक परंपराओं, रीति-रिवाजों, खनिज-लवण, कला एवं संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
आज की व्यस्त दिनचर्या में समय का बड़ा अभाव है, इसलिए सभी विषयों में प्रश्नोत्तर शैली अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। किसी विषय की कम-से-कम समय में अधिक-से-अधिक जानकारी पाने का यह सरल तरीका है।
अतः इस पुस्तक में इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु झारखंड की सम्यक् जानकारी को निम्न अध्यायों के अंदर प्रस्तुत किया गया है—झारखंड का इतिहास, झारखंड आंदोलन, भौगोलिक अवस्थिति, नदी तंत्र, खनिज-संसाधन, उद्योग-धंधे, कृषि-पशुपालन, वन एवं राष्ट्रीय उद्यान, जनजातीय समाज इत्यादि। ये 1,000 प्रश्न झारखंड की उपयोगी जानकारी का सार-रूप हैं।
प्रतियोगी परीक्षार्थी ही नहीं, आम पाठकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी प्रश्नोत्तरी श्रृंखला की एक और महत्त्वपूर्ण कड़ी।
1000 Khel Kood Prashnottari by Narottam Puri
सूर्य, चंद्रमा, तारे, ग्रह. नक्षत्र आदि हमेशा से हमारे लिए कौतूहल का केंद्र रहे हैं ब्रह्मांड के रहस्य प्राचीनकाल से गए वेज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं । कॉपरनिकस, टोलेमी, आर्यभट्ट, टाइको ब्राहे, गैलीलियो आदि आरंभिक दौर के ऐसे वैज्ञानिक हैं जिनकी ग्लैंगाहें इम खगोल को समझने के लिए आकाश पर लगी रहती थीं ।
रात्रि में जब हम आकाश की ओर देखते हैं तो प्राय : अनेक छोटे -छोटे पिंड पृथ्वी की ओर गिरते हुए दृष्टिगोचर होते हैं और ऐसा प्रतीत होता है मानो तारों की वर्षा हो रही है । मगर यह खूबसूरत दृश्य तारों की वर्षा का नहीं बल्कि उल्कापिंडों की वर्षा का होता है ।
जब चंद्रमा के धरातल पर मानव के कदम पड़े तो उसपर घर बनाने के सपने का जन्म हुआ, जिसको साकार करने के लिए कोशिशें जारी हैं । वैज्ञानिकों ने ऐसी अंतरिक्ष बस्तियों की कल्पना की है जिनमें खेत, मकान, फैक्टरी, अस्पताल, दफ्तर और मनोरंजन केंद्र होंगे- और यहाँ तक कि कृत्रिम जंगल और जलप्रपात भी ।
खगोल व अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित इसी प्रकार की रोचक और ज्ञानवर्द्धक जानकारियों को पाठकों तक पहुँचाना इस पुस्तक का उद्देश्य है ।
1000 Mahapurush Prashanottari by Rajendra Pratap Singh
1000 महापुरुष प्रश्नोत्तरी—राजेंद्र प्रताप सिंह
यह पुस्तक पाठकों को भारतीय महापुरुषों से संबंधित अनेक महत्त्वपूर्ण संदर्भ सामग्री, जैसे—उनकी जन्म-तिथि व निर्वाण-तिथि एवं अन्य संबद्ध तिथियाँ, माता-पिता के नाम, संबंधित स्थल एवं घटनाएँ, उनके भाषण, उपदेश व संदेश, उपाधियाँ व सम्मान, उपनाम, ऐतिहासिक कर्तृत्व, उनकी विशिष्टताएँ, उल्लेखनीय कार्य, आदर्श कथन आदि के बारे में महत्त्वपूर्ण व उपयोगी जानकारियाँ उपलब्ध कराती है।
इसमें भारत के 100 से अधिक महापुरुषों पर आधारित विभिन्न प्रकार की जानकारियाँ प्रश्नोत्तर शैली में दी गई हैं। इसमें 1,000 प्रश्न और उनके 4,000 वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं।
विश्वास है, पुस्तक छात्रों, शिक्षकों, पत्रकारों, संपादकों, वक्ताओं, लेखकों एवं विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े अध्येताओं सहित आम पाठकों के लिए भी उपयोगी एवं पठनीय सिद्ध होगी।
1000 Media Prashnottari by Anish Bhasin
बीसवीं शताब्दी के लगभग अंतिम दशक में मीडिया ने एक विषय और एक व्यवसाय दोनों ही दृष्टियों से अभूतपूर्व विस्तार प्राप्त कर लिया है। वर्तमान में यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, विज्ञापन, जन-संपर्क जैसे प्रचलित रूपों तक ही सीमित नहीं रहा है। आज उद्योग के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन होती प्रगति के साथ ही कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन तथा ऑनलाइन (इंटरनेट) जर्नलिज्म के साथ-साथ सोशल मीडिया भी अस्तित्व में आ गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में मीडिया के विविध आयामों, यथा—विश्व पत्रकारिता, भारतीय पत्रकारिता, मुद्रण, समाचार-पत्र, रेडियो, एफ.एम. चैनल, टेलीविजन, टी. वी. चैनल, खोजी पत्रकारिता, वीडियो, फिल्म, न्यूज एजेंसियाँ (विश्व एवं भारतीय), सोशल मीडिया, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार मीडिया, कानून, मीडिया संगठन, विज्ञापन एवं जनसंपर्क आदि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं और हर प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। कोई भी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर छूटे नहीं, इसका यथासंभव ध्यान रखा गया है।
आशा है कि यह पुस्तक मीडिया एवं पत्रकारिता के संदर्भ में सामान्य जानकारी की इच्छा रखनेवाले पाठक से लेकर संबंधित क्षेत्र के विद्यार्थियों एवं मीडिया विषयक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए (जैसे यू.जी.सी. नेट) विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी। इसके अतिरिक्त मीडियाकर्मी, संपादक-उपसंपादक, संवाददाता/रिपोर्टर एवं लेखक आदि भी इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक का लाभ उठाएँगे।
1000 Modi Prashnottari by Anita Gaur
राष्ट्र को सर्वोपरि माननेवाले कोटिकोटि भारतीयों की जनाकांक्षाओं के केंद्रबिंदु भारत के जनप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सबके मानस में हैं। लोग उनको जाननेसमझने की तीव्र जिज्ञासा रखते हैं। भारत हो या विश्व का कोई भी कोना—जहाँ नरेंद्र मोदी जाते हैं, वहाँ उनका अपूर्व स्वागत होता है। परंतु अहंकार भाव उन्हें छू भी नहीं गया है। वे कहते हैं—‘जब विदेश में मैं किसी राजनेता से उनके समकक्ष बात करता हूँ तो मेरे पीछे मेरे सवा अरब भारतीयों की शक्ति का संबल होता है।’
ऐसे राष्ट्रनायक के अनेक रूप हैं—एक सामाजिक कार्यकर्ता, राष्ट्रनिष्ठ राजनेता, कर्तृत्वशील प्रधानमंत्री, ओजस्वी वक्ता, प्रखर चिंतक, प्रभावी लेखक। ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र के साथ समाज के विभिन्न वर्गों के समुचित विकास हेतु अनेक कल्याणकारी योजनाएँ बनानेवाले नरेंद्र मोदी के सभी आयामों को संकलित किया है इस पुस्तक में।
प्रश्नोत्तर के रूप में नरेंद्र मोदी के जीवन को जानने का अवसर उपलब्ध कराती एक पठनीय पुस्तक।
1000 Patrakarita Prashnottari by S.P. Chaitanya
वर्तमान युग में जन-संचार माध्यमों की भूमिका का क्षेत्र काफी विस्तृत हो गया है । आजादी के बाद के साठ वर्षों में जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव आया है । आज अखबार मित्रता करना भी सिखा रहे हैं । अखबार उपहार दिलाते हैं, विदेश की सैर कराते हैं और नकद इनाम भी दिलाते हैं ।
पत्रकारिता एवं जन-संचार के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है । प्रिंट मीडिया की आज देश के कोने-कोने तक पहुँच है । खोजी पत्रकारिता एवं स्टिंग ऑपरेशन आज खूब लोकप्रिय हैं । प्रेस का दायरा एवं दायित्व बहुत बढ़ गए हैं । लोकतंत्र में पत्रकारिता यानी मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है ।
आज की भागमभाग की जीवनचर्या में सभी के पास समय का अभाव है । दूसरे, आज हर क्षेत्र में प्रतियोगिता का बोलबाला है । इसी को ध्यान में रखकर पत्रकारिता जगत् की समस्त जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है । प्रस्तुत पुस्तक में जनसंचार के सिद्धांत प्रशिक्षण, पत्रकारिता का इतिहास, प्रिंट मीडिया, फोटो पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो, टी.वी., केबल चैनल, कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रेस कानून, विज्ञापन, स्टिंग ऑपरेशन, जनसंपर्क इत्यादि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं ।
प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न विश्व- विद्यालयों में पढ़ाए जानेवाले पत्रकारिता एवं जन-संचार के पाठ्यक्रमों के आधार पर तैयार की गई है । निश्चय ही यह विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं सामान्य पाठकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकती है ।
1000 Places to see in India – States
We at Outlook Traveller Getaways are delighted to
present this extraordinary guide to you – 1000 Places
to See in India.
We would be the first to admit that this vast and
magnificent country of ours has tens of thousands
places to see, far, far more than just 1000. Each state,
every region in this land holds a host of fascinating
offerings for the visitor. This book is a small attempt
to create a portrait of India, to show just a glimpse of
the treasures waiting to be discovered.
1000 Plus Household Hints
You pride yourself in being a great home-maker.But often you get bogged down by small problems like moss on the kitchen floor, coffee-stains on the shirt,termite on the new wood-work! This book endeavours to provide easy solutions to common Housekeeping problems that crop up from time to time. Designed for the young home makers to help them with the running of the Housekeeping efficiently, it contains more than a 1000 tips on various aspects of home-management. The wealth of this information is sure to come in handy to the readers. Learn how to: * get back sparkle on your utensils * eliminate eggy smellin cakes * demoth your woollens the natural way * light up your interiors * get the gloss back on your diamonds and pearls . Also find tips here on Cleaning, Gadgets, Economy, Recycling(salads/raitas/dals/chapatis/sweets), Storing etc. So get ready to streamline your housekeeping yourself and your family with clinical efficiency. #v&spublishers
1000 Rajneeti Prashnottari by Rajiv Ranjan
प्राय: यह देखा जाता है कि पत्र- पत्रिकाओं में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा प्रांतीय राजनीति के बारे में काफी कुछ छपता रहता है; जहाँ पर भी दो-चार लोग मिल बैठते हैं, वहाँ राजनीति पर कमोबेश चर्चा हो ही जाती है लेकिन इन सबके बावजूद लोगों के पास राजनीति-विषयक तथ्यगत ठोस जानकारियाँ बहुत कम ही रहती हैं । ऐसी जानकारियाँ देनेवाली कोई प्रामाणिक और शोधपरक पुस्तक जल्दी कहीं मिल नहीं पाती ।
इसी अभाव को पूरा करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक का प्रकाशन किया गया है । इसमें राजनीति-संबंधी तथा राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय राजनीति से जुड़े शीर्षस्थ लोगों, घटनाओं और विषयों से संबंधित एक हजार तथ्यों को व्यवस्थित एवं आकर्षक ढंग से और इस जिम्मेदारी के साथ कि इसमें जो कुछ भी हो, प्रामाणिक हो-पेश किया गया है ।
यह पुस्तक समाज के सभी वर्गों, विशेषकर राजनीतिज्ञों, प्राध्यापकों, पत्रकारों, शोधकर्ताओं, प्रतियोगी परीक्षार्थियों, छात्र- छात्राओं, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के प्रतिस्पर्द्धियो आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है ।
1000 Ramayana Prashnottari by Rajendra Pratap Singh
क्या आप जानते हैं, ‘वह कौन वीर था, जिसने रावण को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था और उसके (रावण के) पितामह के निवेदन पर उसे मुक्त किया था’, ‘लक्ष्मण, हनुमान, भरत और शत्रुघ्न को किन दो भाइयों ने युद्ध में पराजित कर दिया था’, ‘कुंभकर्ण के शयन हेतु रावण ने जो घर बनवाया था, वह कितना लंबा-चौड़ा था’, ‘राक्षसों को ‘यातुधान’ क्यों कहा जाता है’, ‘हनुमानजी का नाम ‘हनुमान’ कैसे पड़ा’, ‘लंका जाने हेतु समुद्र पर बनाए गए सेतु की लंबाई कितनी थी’ तथा ‘रामायण में कुल कितने वरदानों और शापों का वर्णन है?’ यदि नहीं, तो ‘रामायण प्रश्नोत्तरी’ पढें। आपको इसमें इन सभी और ऐसे ही रोचक, रोमांचक, जिज्ञासापूर्ण व खोजपरक 1000 प्रश्नों के उत्तर जानने को मिलेंगे। इस पुस्तक में रामायण के अनेक पात्रों, पर्वतों, नगरों, नदियों तथा राक्षसों एवं श्रीराम की सेना के बीच युद्ध में प्रयुक्त विभिन्न शस्त्रास्त्रों एवं दिव्यास्त्रों के नाम, उनके प्रयोग और परिणामों की रोमांचक जानकारी दी गई है। इसके अतिरिक्त लगभग डेढ़ सौ विभिन्न पात्रों के माता, पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पितामह, पौत्र, नाना, मामा आदि संबंधों का खोजपरक विवरण भी। इसमें संगृहीत प्रश्न रामायण के विस्तृत पटल से चुनकर बनाए गए हैं। यह पुस्तक आम पाठकों के लिए तो महत्त्वपूर्ण है ही, लेखकों, सपादकों, पत्रकारों, वक्ताओं, शोधार्थियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। यथार्थतः यह रामायण का संदर्भ कोश है।
1000 Samjashastra Prashnottari by Mohananand Jha
एक पृथक् व स्वतंत्र विषय के रूप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव पिछली शताब्दी में ही हुआ है। मनु, कौटिल्य, कन्फ्यूशियस, लाओत्से, प्लेटो, सुकरात तथा अरस्तु आदि प्रसिद्ध सामाजिक दार्शनिक हुए। सामाजिक घटनाओं के व्यवस्थित व क्रमबद्ध अध्ययन तथा विश्लेषण हेतु एक पृथक् एवं स्वतंत्र विज्ञान समाजशास्त्र का नामकरण फ्रांसीसी विद्वान् ऑगस्त कॉम्ट (1798-1857) ने किया। सन् 1876 में सर्वप्रथम येल विश्वविद्यालय, अमेरिका में समाजशास्त्र के अध्ययन-अध्यापन का कार्य प्रारंभ हुआ। भारत में 1914 में बंबई विश्वविद्यालय में इस विषय का अध्ययन कार्य प्रारंभ हुआ।
वर्तमान में अनेक विश्वविद्यालयों में समाजशास्त्र से संबंधित शोध हो रहे हैं। आज समाजशास्त्र एक स्वतंत्र एवं प्रतिष्ठित विषय के रूप में विद्यालय से विश्वविद्यालय तक के विविध पाठ्यक्रमों में शामिल है।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रश्नोत्तरी शृंखला के अंतर्गत समाजशास्त्र के अति महत्त्वपूर्ण पक्षों को उद्भाषित व स्पष्ट करने का सार्थक प्रयास किया गया है। जिससे न केवल समाजशास्त्र के शिक्षार्थी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षार्थी, बल्कि इस विषय के जिज्ञासु पाठक भी लाभान्वित होंगे।
1000 Sangh Prashnottari by Mahesh Dutt Sharma
विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उपस्थिति समाज के लगभग हर क्षेत्र में अनुभव की जा सकती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में चाहे किसी भी विरोधी या आलोचक ने कुछ भी आरोप क्यों न लगाया हो, कुछ भी कहा हो; परंतु जब भी अपने देशवासियों पर विपत्ति आई है, संघ के स्वयंसेवकों ने सदा जनता की सेवा की है और उसके बदले में कभी किसी चीज की अपेक्षा नहीं की। संघ के कार्यकर्ताओं (स्वयंसेवकों) ने देशभक्ति एवं निस्स्वार्थ सेवा का आदर्श प्रस्तुत किया है, जिसके चलते सर्वोदय नेता श्री प्रभाकर राव ने आर.एस.एस. को ‘रेडी फॉर सेल्फलेस सर्विस’ (निस्स्वार्थ सेवा के लिए तत्पर) का नया नाम दिया।
प्रस्तुत पुस्तक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित समस्त जानकारी (तथ्यों की) वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है। पुस्तक को तैयार करते समय संघ से संबंधित उन सभी महत्त्वपूर्ण विषयों को सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है, जिसके बारे में आमतौर पर कम जानकारी उपलब्ध है। प्रस्तुत पुस्तक में संघ का प्रादुर्भाव, प्रार्थना, भगवा ध्वज (गुरु), शाखा, संघ शिक्षा वर्ग, संघ की भौगोलिक रचना, गणवेश, खेल, उत्सव, साहित्य, संपूर्ण संघ परिवार, संघ से जुड़ी संस्थाएँ, संघ के सभी सरसंघचालक, संघ के प्रमुख व्यक्तित्व जैसे सर्वश्री दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख, दत्तोपंत ठेंगड़ी आदि संघ द्वारा की गई समाज-सेवा आदि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं।
आशा है यह पुस्तक संघ के विषय में अधिकाधिक जानने के जिज्ञासु पाठकों का ज्ञानवर्धन करके उन्हें राष्ट्र-निर्माण में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी।
1000 Swadhinta Sangram Prashonttari by Sachin Singhal
भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौर में लिखे गए साहित्य को पढ़कर ज्ञात होता है कि आजादी के दीवानों तथा राष्ट्राभिमानियों ने ब्रिटिश सरकार के कितने क्रूरतम अत्याचार सहे। कितने ही राष्ट्र-प्रेमियों ने अपना जीवन राष्ट्रहितार्थ बलिदान कर दिया।
आज की नई पीढ़ी को स्वाधीनता संग्राम और उन बलिदानियों के विषय में से परिचित कराना आवश्यक है। आज की भागमभागवाली जीवन-चर्या में व्यक्ति के पास समय का अभाव है, दूसरे आज हम प्रतियोगिता के युग में रह रहे हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर यह पुस्तक वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में अत्यंत सरल-सुबोध भाषा में लिखी गई है। इस कृति को पढ़कर भारत के स्वाधीनता संग्राम के प्रति अंतर्दृष्टि का विकास होता है।
प्रस्तुत पुस्तक में ब्ल्यू वाटर पॉलिसी, 1857 के स्वातंत्र्य समर, क्रांतिकारियों, देशभक्तों कांग्रेस का गठन विभिन्न ऐक्ट, कमीशन आदेश, उस काल के समाचार पत्र-पत्रिका-पुस्तकों आदि से संबंधित एक हजार प्रश्न संकलित हैं। भारतीय स्वाधीनता संग्राम का विहंगम दृश्य प्रस्तुत करनेवाली; विद्यार्थियों, अध्यापकों, शोधार्थियों एवं सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए समान रूप से पठनीय एवं प्रेरणादायी पुस्तक।