51 Rochak Baal Kahaniyan by Dr. Saraswati Bali
अगले दिन राजीव क्लास से बाहर ही अपनी मैडम से मिला।
‘‘गुड मॉर्निंग मैम!’’ कहकर वह वहीं खड़ा हो गया।
‘‘गुड मॉर्निंग। बोलो राजीव क्या बात है?’’ मैडम ने पूछा।
‘‘मैम, आपसे एक जरूरी बात पूछनी थी।’’
‘‘हाँ-हाँ, बोलो क्या बात है?’’ मैम ने कहा।
‘‘मैम, हमारे पड़ोस में एक लड़का रहता है। वह बोलने में हकलाता है और थोड़ा मंदबुद्धि भी है। क्या उसे स्कूल में दाखिला मिल सकता है?’’ राजीव ने थोड़ा डरते-घबराते हुए अपनी बात कही।
‘‘हाँ-हाँ, क्यों नहीं। अभी कल ही प्रिंसिपल साहब ने इस बारे में घोषणा की है। राजीव तुम क्लास में चलो। इस विषय में सारी बात विस्तार से पता करके मैं तुम्हें कल बताऊँगी।’’ मैडम ने आश्वासन दिया।
‘‘थैंक यू मैम।’’ कहकर राजीव उत्साहपूर्वक क्लास में चला गया।
इसी संग्रह से
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ये कहानियाँ विशेष तौर पर दस से पंद्रह वर्ष के बच्चों व किशोरों के लिए लिखी गई हैं, जिन्हें बढ़ने की उम्र में किसी दिशा को समझने की जरूरत होती है। आशा है इन कहानियों को पढ़कर बच्चे व किशोर अवश्य अपने लिए कोई सार्थक दिशा ढूँढ़ पाने में समर्थ होंगे।
Language |
Hindi |
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