Dr. Rammanohar Lohiya Aur by Kanhaiya Tripathi

लोहिया ने नेहरूवियन सभ्यता का खुलकर विरोध किया और उस सभ्यता का विरोध गांधीजी ने भी किया था; लेकिन गांधी और लोहिया में फर्क यह था कि गांधी ने कभी सत्ता में आकर या जन-प्रतिनिधि के रूप में विरोध नहीं जताया और लोहिया ने सदन तक अपना विरोध दर्ज किया। हिंदी, स्त्री, जातीय असमानता और वैश्‍व‌िकता पर वह खुलकर बोले और साथ ही इस बात की पुरजोर कोशिश उन्होंने की कि उसे धरातल पर लाया जाए। लोहिया का यह समाजवादी दर्शन लोहिया का जनतांत्रिक स्वप्न था; लेकिन यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उन्हें वह अवसर नहीं प्राप्‍त हो सका कि अपने सपनों का भारत गढ़ सकें।

Language

Hindi

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