Gumnaam Nayakon Ki Gauravshali Gathayen by Vishnu Sharma
यह पुस्तक भारतीय इतिहास की उन नींव के पत्थरों के बारे में है, जिनके योगदान को आज की पीढ़ी न के बराबर जानती है। उन गुमनाम नायकों में एक को भगतसिंह अपना गुरु मानते थे और उनकी फोटो हमेशा अपनी जेब में रखते थे और जो भगतसिंह से चार साल छोटी उम्र में ही फाँसी चढ़ गए थे। एक 18 साल की वह लड़की थी, जो बोर्ड टॉपर थी, उसने एक ऐसे क्लब पर धावा बोलकर अपनी जान दे दी, जिसके बाहर लिखा था—इंडियंस ऐंड डॉग्स आर नॉट एलाउड। एक ऐसा आदिवासी नायक, जिसने जल, जंगल और जमीन का नारा दिया था। एक ऐसा युवक, जिसने सबसे बड़े अंग्रेज अधिकारी का गला काट दिया, एक ऐसी विदेशी महिला, जिसने भारत का पहला झंडा डिजाइन किया, भारत की नंबर एक यूनिवर्सिटी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस शुरू करने में टाटा की मदद की। सन् 1857 का एक ऐसा नायक, जो 80 साल का था, कई बार अंगे्रजों को हराया, लेकिन जिंदा नहीं पकड़ा गया। एक ऐसा नायक, जिसे भारत के टाइटेनिक कांड के लिए जाना जाता है।
प्रेरणा और दिशा देनेवाले अनजान-गुमनाम नायकों की ये गाथाएँ हमारे अतीत से हमें जोड़ेंगी और भविष्य के लिए हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगी।
Language |
Hindi |
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