Suraksha Aur Samajik Aakrosh by B G Verghese
वरिष्ठ पत्रकार बी.जी. वर्गीज़ की पैनी दृष्टि ने भारत के समक्ष मुँह बाए खड़ी समस्याओं—उग्रवाद व नक्सलवाद, भाषा व संस्कृति से जुड़े मुद्दे, दलित एवं जातिवाद, कट्टरवाद व पुनर्जागरण, आदिवासी तथा अल्पसंख्यक; भूमि, वन, शहरीकरण, औद्योगिकीकरण व भूमंडलीकरण से जुड़े विवाद तथा ग्लोबल वार्मिंग आदि से हमारा परिचय कराया है। इनकी जड़ खोजते हुए विद्वान् लेखक का निष्कर्ष है कि ये समस्याएँ औपनिवेशिक मानसिकता, सामाजिक विषमता, मानवाधिकारों के प्रति असंवेदनशील दृष्टि का ही दुष्परिणाम हैं।
भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है; लेकिन अभी भी बहुत कुछ ऐसा है, जो नहीं हो पाया; उसे लेकर चिंता करना स्वाभाविक है। इससे जनाक्रोश भी फैल रहा है। वर्गीज़ का मानना है कि देश के व्यापक हित में इन चुनौतियों से धैर्यपूर्वक ही निपटा जा सकता है।
हमें एक ऐसा तंत्र विकसित करना होगा, जिससे राष्ट्रीय व क्षेत्रीय एकता के संबंधों को मजबूती मिले और समुदायों में भाईचारा बढ़े। आखिरकार यही तो भारत की विशिष्टता है।
Language |
Hindi |
---|
Kindly Register and Login to Lucknow Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Lucknow Digital Library.