Bharat Ke Mahan Sant by Baldev Vanshi

भारत के महान् संत
सभ्यता के प्रभातकाल से ही मानवीय, संवेदनात्मक, प्रेमिल, सहिष्णु, त्याग, क्षमा, दया, सद्व्यवहार को महत्त्व देनेवाले लोग, साधु-संन्यासी और फकीर-औलिया इस भारत-भू पर अवतरित होते रहे हैं, जो अपना संपूर्ण जीवन जनमानस की सुप्‍त आत्मा को जगाने, उसे उन्नत करने, परमार्थ एवं समाजड़कल्याण में सहर्ष लगाते रहे हैं।
संतों की संस्कृति वेदना-संवेदना की संस्कृति है, यथार्थ की धरती पर अवतरित अध्यात्मभाव की संस्कृति है। घोर कष्‍टों, संकटों, अभावों और घोर अपमानों को सहकर दूसरों को उठाने, खड़ा करने और उन्हें सद्मार्ग दिखाने का महाकर्म है— संतों का जीवन।
‘भारत के महान् संत’ में संतों की पूरी पाँत—कबीर, नामदेव, रैदास, दादू, नानक, मलूक, मीरा, फरीद, तिरुवल्लुवर इत्यादि के परोपकारी जीवन का सांगोपांग वर्णन है। विद्वान् लेखक का मानना है कि भारतीय संतों की समुज्ज्वल परंपरा आज भारत ही नहीं, विश्‍व के संकटों के निवारण में महती सहायक हो सकती है। संत परंपरा ही संपूर्ण विश्‍व को तमाम विघ्न-कष्‍टों से बचाकर वास्तविक विकास के मार्ग पर अग्रसर कर सकती है।
जीवन के आध्यात्मिक विकास एवं तात्त्विक भाव उत्पन्न करने में सहायक प्रेरणाप्रद पुस्तक।

Language

Hindi

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