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Two on a Tower by Thomas Hardy
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9788184306262
Thomas Hardy's 1882 novel 'Two on a Tower' is a tale of star-crossed love in which Hardy sets the emotional lives of his two lovers against the background of the stellar universe. The unhappily married Lady Constantine breaks all the rules of social decorum when she falls in love with Swithin St. Cleeve, an astronomer who is eight years her junior. Her husband's death leaves the lovers free to marry, but the discovery of a legacy forces them apart. This is Hardy's most complete treatment of the theme of love across the class and age divide and the fullest expression of his fascination with science and astronomy.
Ernest Bracebridge: School Days by William Henry Giles Kingston
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6235989715388
It was a half-holiday. One of our fellows who had lately taken his degree and passed as Senior Wrangler had asked it for us. He had just come down for a few hours to see the Doctor and the old place. How we cheered him! How proudly the Doctor looked at him! What a great man we thought him! He was a great man! for he had won a great victory,—not only over his fellow-men, not only over his books, by compelling them to give up the knowledge they contained,—but over his love of pleasure; over a tendency to indolence; over his temper and passions; and now Henry Martin was able to commence the earnest struggle of life with the consciousness, which of itself gives strength, that he had obtained the most important of all victories—that over self.
Sardar Vallabh Bhai Patel by Neeraj
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9789351863755
Sardar Vallabhbhai Patel was a determined nationalist to enter into the Indian politics as the leader of the farmers. He was born on 31st October, 1875 in the village of Karamsad in Borsad block of the state of Gujarat. His father’s name was Jhaber Bhai Patel and mother’s name was Ladbai. His father was a farmer. His parents believed in the policy of simple living and high thinking.
His parents brought up little Vallabh with love and care. The little child Vallabh had a wonderful sparkle in his eyes. He had every sign of greatness in him since his childhood.
1000 Rajneeti Prashnottari by Rajiv Ranjan
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9788177212808
प्राय: यह देखा जाता है कि पत्र- पत्रिकाओं में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा प्रांतीय राजनीति के बारे में काफी कुछ छपता रहता है; जहाँ पर भी दो-चार लोग मिल बैठते हैं, वहाँ राजनीति पर कमोबेश चर्चा हो ही जाती है लेकिन इन सबके बावजूद लोगों के पास राजनीति-विषयक तथ्यगत ठोस जानकारियाँ बहुत कम ही रहती हैं । ऐसी जानकारियाँ देनेवाली कोई प्रामाणिक और शोधपरक पुस्तक जल्दी कहीं मिल नहीं पाती ।
इसी अभाव को पूरा करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक का प्रकाशन किया गया है । इसमें राजनीति-संबंधी तथा राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय राजनीति से जुड़े शीर्षस्थ लोगों, घटनाओं और विषयों से संबंधित एक हजार तथ्यों को व्यवस्थित एवं आकर्षक ढंग से और इस जिम्मेदारी के साथ कि इसमें जो कुछ भी हो, प्रामाणिक हो-पेश किया गया है ।
यह पुस्तक समाज के सभी वर्गों, विशेषकर राजनीतिज्ञों, प्राध्यापकों, पत्रकारों, शोधकर्ताओं, प्रतियोगी परीक्षार्थियों, छात्र- छात्राओं, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के प्रतिस्पर्द्धियो आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है ।
Bachchon Mein Leadership by Anuja Bhatt
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9789381063385
बच्चों में लीडरशिप-डॉ. अनुजा भट्ट
बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है, जब टीम-भावना से काम करने का गुण उनमें हो। टीम के बिना लीडरशिप संभव नहीं होती। बच्चों का साथ-साथ खेलना, उनकी क्लास, पिकनिक और दोस्तों से मिलना-जुलना इसी टीम-भावना का परिणाम है। यदि टीम-भावना का विकास हो तो बच्चे बड़े होकर काबिल बनते हैं। अकेले काम करने की आदत बच्चों के विकास में रुकावट डालती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे हर काम मिल-जुलकर करें।
बच्चे उसी को रोल मॉडल समझने लगते हैं, जो उन्हें बार-बार दिखता है। ऐसे में बच्चे पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों प्रकार के रोल मॉडल्स से प्रभावित होते हैं। तब बड़ों की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों को सही-गलत का चुनाव करना सिखाएँ, उन्हें गाइड करें। आखिर हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्ïचा सफल नागरिक बने और जीवन में सफलता प्राप्त करे।
एक सफल लीडर के लिए सबसे जरूरी गुण है—सबको साथ लेकर चलने की क्षमता। इस गुण का विकास करने के लिए पुस्तक में अनेक व्यावहारिक उदाहरण दिए गए हैं, जिनसे प्रेरित होकर बालक अपनी क्षमताओं और प्रतिभा का विकास कर पाएँगे; उनका व्यक्तित्व निखरेगा और वे जीवन में सफल हो सकेंगे।
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक बिंदुओं की एक प्रैक्टिकल हैंडबुक है यह पुस्तक—
'बच्चों को बनाएँ लीडर’ ।
A Collection of Beatrix Potter Stories by Beatrix Potter
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6235989716222
ONCE upon a time there were four little Rabbits, and their names were—
Flopsy, Mopsy, Cotton-tail, and Peter.
They lived with their Mother in a sand-bank, underneath the root of a very big fir tree.
"NOW, my dears," said old Mrs. Rabbit one morning, "you may go into the fields or down the lane, but don't go into Mr. McGregor's garden: your Father had an accident there; he was put in a pie by Mrs. McGregor."
Unnat Bharat by Shankkar Aiyar
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9789352662524
1947 में आजादी मिलने के बाद से आज 21वीं सदी का भारत काफी अच्छी स्थिति में है। इसके बावजूद, हमेशा ही यह देश तबाही की कगार पर डगमगाता दिखता है। आधुनिक भारत पर केंद्रित यह पुस्तक गँवा दिए जानेवाले अवसरों, योजना बनाने में कमी और खराब कार्यान्वयन को बताती है, जिनमें अच्छी पहल के कुछ-एक उदाहरण ही मिलते हैं, जो सच में फायदेमंद साबित हुए। ऐसा लगता है कि इस देश की जितनी भी उपलब्धियाँ रही हैं वे संयोगवश थीं, जिन्हें किसी आपदा ने प्रेरित किया।
इस विद्वत्तापूर्ण और मौलिक रचना में शंकर अय्यर ने खेल को बदलकर रख देनेवाले सात अवसरों की समीक्षा की है—1991 का आर्थिक उदारीकरण, साठ के दशक की हरित क्रांति, 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण, सत्तर के दशक में ऑपरेशन फ्लड, 1982 की दोपहर के भोजन की स्कीम, नब्बे के दशक की सूचना क्रांति और 2005 में सूचना के अधिकार का अधिनियम। देश के इतिहास के ऐसे टर्निंग प्वॉइंट दूरदर्शिता या सावधानी से योजना बनाने के कारण नहीं आए, बल्कि उन बड़े संकटों के संयोगवश प्राप्त परिणाम थे, जिनसे हर हाल में निपटा जाना था।
मील के इन पत्थरों की प्रत्यक्ष जाँच और एक गहरे विश्लेषण के माध्यम से, लेखक की दलील है कि प्रभावी होने के साथ ही स्थायी परिवर्तन के लिए, भारत के शीर्ष नेतृत्व को उन तरीकों पर फिर से विचार करने की जरूरत है, जिन्हें वे देश के सामने खड़ी अनेक चुनौतियों से निपटने के लिए अपनाना चाहते हैं।
अतीत में हुई गलतियों का संज्ञान लेकर इनकी पुनरावृत्ति रोकने और उन्नत भारत बनाने का पथ प्रशस्त करती चिंतनपरक पुस्तक।
Letters From an American Farmer by J. Hector St. John de Crevoecoeur
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BP-2020-005-0038
Hazlitt wrote that of the three notable writers whom the eighteenth century had produced, in the North American colonies, one was "the author (whoever he was) of the American Farmer's Letters." Crevecoeur was that unknown author; and Hazlitt said further of him that he rendered, in his own vividly characteristic manner, "not only the objects, but the feelings, of a new country." Great is the essayist's relish for passages descriptive of "a battle between two snakes," of "the dazzling, almost invisible flutter of the humming- bird's wing," of the manners of "the Nantucket people, their frank simplicity, and festive rejoicings after the perils and hardships of the whale-fishing." "The power to sympathise with nature, without thinking of ourselves or others, if it is not a definition of genius, comes very near to it," writes Hazlitt of our author. And his references to Crevecoeur are closed with the remark: "We have said enough of this ILLUSTRIOUS OBSCURE; for it is the rule of criticism to praise none but the over-praised, and to offer fresh incense to the idol of the day."
The Sins of Séverac Bablon by Sax Rohmer
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6235989716158
"What's made him break out?" the comedian whispered, aside, to Adeler. For it was an open secret that this man, whose financial operations shook the thrones of monarchy, whose social fêtes were attended by the smartest people, was subject to outbursts of the kind which now saw him seated before a rapidly emptying magnum in a corner of the great restaurant. At such times he would frequent the promenades of music-halls, consorting with whom he found there, and would display the gross vulgarity of a Whitechapel pawnbroker or tenth-rate variety agent.
Mission Success by Rajesh Aggarwal
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9789386871855
प्रसिद्ध मोटिवेशनल गुरु, कोच व स्पीकर राजेश अग्रवाल का ‘मिशन स्ह्वष्ष्द्गह्यह्य’ पुस्तक लिखने का उद्देश्य है कि जब किसी भी क्षेत्र में सफलता, दृष्टिकोण, कुशलता तथा अनुशासन पर निर्भर करती है, न कि केवल किस्मत या भाग्य पर, तो क्यों न इन्हें ही अपनाया जाए।
इस पुस्तक के माध्यम से पाठक जानेंगे कि अभीष्ट सफलता के लिए व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास, जो कि बेहद जरूरी है, कैसे किया जाए। व्यक्तित्व विकास के प्रति निरंतर सजग रहकर आप सफलता व उपलब्धियों के क्षितिज पर अपने वर्चस्व के सुनहरे हस्ताक्षर दर्ज कर सकते हैं।
इसलिए यह पुस्तक पाठकों के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह आपके लिए सफलता के द्वार खोलने की कुंजी है।
Rashtra-Sadhak Narendra Modi by R. Balashankar
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9789353224196
नरेंद्र मोदी भारत के अब तक के सबसे परिवर्तनकारी प्रधानमंत्री रहे हैं। लोकप्रियता और पराक्रम में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ दिया है। सुधारों में वह पी.वी. नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। उन्होंने भारतीयों में ऐसी आकांक्षा जगाई, जैसी पहले कभी नहीं देखी गई थी।
मोदी के नेतृत्व में, भारत ने सबसे बड़ा सत्ता परिवर्तन देखा, जिसमें बी.जे.पी. का उदय सत्ताधारी दल के रूप में एक नई राजनीतिक कहानी तथा शैली के रूप में हुआ, जिसने कांग्रेस की छह दशकों की श्रेष्ठता को समाप्त कर दिया। सरकार आधुनिक, डिजिटल, भ्रष्टाचार-मुक्त, जवाबदेह और विश्वसनीय बन गई तथा जनता को भी अभूतपूर्व रूप से भागीदार बना दिया है। यह जी.एस.टी., विमुद्रीकरण तथा भारत-केंद्रित कूटनीति लेकर आई, पुरानी प्रणालियों और नियमों को समाप्त किया, स्वच्छ भारत अभियान, कल्याणकारी योजनाओं
और सड़कों तथा बंदरगाहों के निर्माण के लक्ष्य निश्चित किए।
मोदीकेयर, मुफ्त रसोई गैस, स्मार्ट सिटी और कारोबार में आसानी किस प्रकार जीवन बदल रहे हैं; राफेल, लिंचिंग, पुरस्कार वापसी और असहिष्णुता क्या है; मोदी और अरुण जेटली किस प्रकार एन.पी.ए. के कचरे को साफ कर रहे हैं; किस प्रकार सकारात्मक काररवाई के कारण अल्पसंख्यकों, ओ.बी.सी. तथा एस.सी.-एस.टी. समूहों को नया लाभ मिला; अमित शाह ने किस प्रकार बी.जे.पी. को चुनावों में उलट-पुलट देने वाली ताकत बनाया; कैसे नितिन गडकरी ने चार वर्षों में यू.पी.ए. के 10 वर्षों से भी अधिक सड़कें बनवाईं; मोदी ने किस प्रकार अमीरों की साँठगाँठ को समाप्त किया, जिसका पर्दाफाश राडिया टेप में हुआ था; कैसे मोदी ने प्रणालियों को बदला और एक नए भारत का निर्माण किया; मोदी के नेतृत्व को किस प्रकार नैतिकता, भावना और तर्क के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है—यह पुस्तक भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के प्रभाव के विस्तार और भविष्य में इसकी दिशा का आकलन करती है।
Heeron Ki Kheti by Russell H. Conwell
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9789352668076
‘हीरों के खेती’ अथवा ‘एकर्स ऑफ डायमंड्स’ में मूलतः डॉ. रसेल कॉनवेल द्वारा 6,000 से अधिक नगरों, ग्रामों और शहरों में दिए गए व्याख्यान हैं। नए विचार के साहित्य के पहले उदाहरण के रूप में ‘एकर्स ऑफ डायमंड्स’ को प्रायः बौद्धिक गुरुओं द्वारा उद्धृत किया जाता है। इस छोटी सी पुस्तक से अब तक लाखों लोग प्रेरणा प्राप्त कर चुके हैं। कॉनवेल के प्रेरक विचार, उच्च आदर्श और अदम्य उत्साह यह शिक्षा देते हैं कि हमें संभावनाओं, उपलब्धियों एवं सौभाग्य के लिए कहीं और देखने की आवश्यकता नहीं है। ‘हीरों की खेती’ उनके इस मूल विचार को प्रतिध्वनित करती है कि इस धरती पर हममें से प्रत्येक व्यक्ति दूसरों की सहायता के प्रमुख उद्देश्य के साथ आया है। यदि हम सतत प्रयास करें तो खूब धन कमा सकते हैं, सुखी-संपन्न हो सकते हैं एवं हमारा ‘हीरों का खेती’ हमारी पहुँच में ही है।
Bargad Ke Saaye Mein by Acharya Janaki Vallabh Shastri
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9789350485644
हिंदी गीत के शिखरपुरुष् आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री बडे़ गद्य-लेखक भी हैं। उनके द्वारा विरचित आलोचना, ललित निबंध, संस्मरण, नाटक, उपन्यास की कई पुस्तकें आईं और हिंदी-जगत् में ख्यात हुईं। रवींद्र, निराला, प्रसाद की श्रृँखला में एक विलक्षण गद्यकार के रूप में शास्त्रीजी को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह हद तक मलकर भी नहीं मिल पाया।
हिंदी समाज का बड़ा पाठक वर्ग जानकीवल्लभ शास्त्री के गद्य-लेखन का स्वाद लेता रहा है। उनके बीच कथा साहित्य की विशेष चर्चाएँ भी जमकर हुईं। शास्त्रीजी अपनी कथात्मक संघटना और काव्यात्मक संरचना में ऐसा गहरा तालमेल बनाते हैं, जिसमें कहानी भी नहीं छूटती है और शिल्प का नया कौशल सौंदर्य-आलोक से उद्दीप्त हो निखर उठता है।
कवि का भावावेश मर्मस्पर्शी दृश्यों से उभरता है, मगर समाज-संवेद्य चिंतक उसे व्यापकता देने में लिजलिजी संवेदना का नहीं, अपितु संयमित विचारों का संतुलित आधार प्रदान करता है। ‘बरगद के साये में’ जानकीवल्लभ शास्त्री के कहानी संग्रहों ‘कानन, अपर्णा, बाँसों का झुरमुट’ की कहानियों का एकत्र संग्रह है।
ये कहानियाँ परिवार, समाज और व्यक्ति की त्रासद, संघर्षमयी तथा चारित्रिक विभिन्न मनोदशाओं को उद्घाटित करती हैं। निरंतर बिगड़ते और विघटित होते मूल्यों के बीच साहित्य के यथार्थ को प्रस्थापित करती, स्वाद का अनचखा बोध करानेवाली इन कहानियों में आज का समय प्रतिबिंबित है। बाँकपन और निजता के कारण इनकी अनुभूतियाँ सर्वथा अलग हैं।
—संजय पंकज
Lalu Leela by Sushil Kumar Modi
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9789353220730
लालू प्रसाद ने विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में जहाँ रघुनाथ झा, कांति सिंह जैसे अनेक नेताओं से जमीन-मकान दान में लिखवा लिये, वहीं भ्रष्टाचार से कमाए काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल श्रेणी के ललन चौधरी, रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी तथा भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी, सुभाष चौधरी तक से नौकरी, ठेका या अन्य लाभ पहुँचाने के एवज में कीमती जमीन-मकान दान के जरिए हासिल कर लिये।
लालू परिवार ने अपने रिश्तेदारों को भी बेनामी संपत्ति हासिल करने का माध्यम बनाया। भाई के समधियाने, अपनी ससुराल, बेटी के ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से पहले अपने काले धन से जमीन-मकान खरीदे और बाद में पत्नी, बेटों व बेटियों के नाम गिफ्ट करवा लिये। ऐसे करीब एक दर्जन मामले उजागर हुए हैं, जिनमें लालू परिवार ने करोड़ों की संपत्ति कौडि़यों के दाम पर राजनेताओं, अपने कारिंदों या रिश्तेदारों से दान करवा ली। इसके अलावा लालू प्रसाद ने संपत्ति हथियाने में आधा दर्जन से ज्यादा मुखौटा कंपनियों (shell companies) का इस्तेमाल करने में राबर्ट वाड्रा को भी मात कर दिया।
पत्नी, बेटों, बेटियों के लिए ही नहीं आनेवाली तीन-तीन पीढि़यों के लिए संपत्ति बटोरने की हवस का नाम है लालू प्रसाद।
Mridula Behari Ki Lokpriya Kahaniyan by Mridula Behari
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9789353223601
प्रस्तुत कृति ‘मृदुला बिहारी की लोकप्रिय कहानियाँ’ लेखिका के चार दशकों में फैली कथा-यात्रा है।
जीवन की सारी जटिलताओं एवं दबावों का अनुभव कराती ये रचनाएँ जीवन की निरंतर साथी हैं। ये अपने देश एवं काल की सारी मान्यताओं, अवधारणाओं तथा आस्थाओं को लेकर लिखी गई हैं। इनमें करुणा, कोमलता और सौहार्द के स्वर मुखरित हुए हैं। साथ ही ये सामयिक चेतना को भी वाणी देती हैं। ये कहानियाँ हृदय की अनुभूतियों का प्रतिफल हैं, इसलिए इनका प्रतिपादन सीधे और सरल ढंग से हुआ है।
इन सभी कथाओं में एक आत्मीयता का भाव है और यही आत्मीयता लेखिका का शिल्प है। यह शिल्प उनके निज का है, किसी मतवाद का नहीं। ये रचनाएँ अपना ही वायुमंडल लेकर चलती हैं तथा अपनी ही बिंदु से शासित होती हैं।
लेखिका ने अपनी रोचक भाषा एवं शैली से अपनी कहानियों को आदि से अंत तक पठनीय बना दिया है। ये कहानियाँ केवल आनंद ही नहीं देतीं, वरन् पाठक के जीवन-चेतना और जीवन-बोध को जाग्रत् भी करती हैं।