Ajey Bharat by Prof. Bhagwati Prakash Sharma

हमारे प्राचीन शास्त्रों में वर्णित हमारी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत और उनमें उपलब्ध ज्ञान-विज्ञान के विविध विवरणों की प्रामाणिकता व वैज्ञानिकता की आज के पुरातात्त्विक व वैज्ञानिक अन्वेषणों द्वारा उत्तरोत्तर पुष्टि की जा रही है। इन सभी अन्वेषणों का क्रमबद्ध संकलन, आज की अत्यंत महती आवश्यकता है। विगत 50 वर्षों में कोडूमनाल (तमिलनाडु) सहित 100 से अधिक स्थानों पर हुए पुरातात्त्विक उत्खनन प्रागैतिहासिक काल में रही, भारतीय संस्कृति की अत्यंत उन्नत अवस्था व अति उन्नत प्रौद्योगिकी व ज्ञान-विज्ञान को परिलक्षित करते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में हमारी प्राचीन समृद्धि, ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में हमारी उन्नत विरासत, स्वाधीनता के उपरांत हुई हमारी प्रमुख त्रुटियों और अब देश की पुनः द्रुत आर्थिक प्रगति व समावेशी विकास के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उपयुक्त रीति-नीति की रूपरेखा के प्रमुख बिंदुओं का संक्षिप्त विवेचन करने का प्रयास किया गया है। आज हम उच्च आर्थिक राष्ट्रनिष्ठा की अभिव्यक्ति के रूप में आर्थिक राष्ट्रवाद, तकनीकी राष्ट्रवाद, उन्नत प्रौद्योगिकी विकास हेतु उद्योग सहायता संघों के सूत्रपात, कृषि, सहकारिता, सामाजिक समरसता, स्वदेशी व पर्यावरण संरक्षण आदि के क्षेत्र में एकात्म मानव- दर्शन का अनुसरण कर धारणक्षम एवं समावेशी विकास के पथ पर द्रुत गति से अग्रसर हो सकते हैं। इस पुस्तक में इन्हीं सभी विषयों की संक्षिप्त समीक्षा की गई है।
इन विषयों पर समाज में विमर्श और देश अपने प्राचीन परम वैभव को प्राप्त कर पुनः विश्व मंगल का प्रणेता बने, तो इस पुस्तक का लेखन-प्रकाशन सफल होगा।

Language

Hindi

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