Ande Se Nikla Aadmi by Sudha Murthy

इस घटना के बाद विनता ने अपने दूसरे अंडे का पूरा ध्यान रखा और पिछली भूल से सबक लेकर इस बार उसने अंडे को नहीं तोड़ा। महीने और साल बीत गए।
अंत में, एक दिन अंडा अपने आप टूटा और शक्तिशाली पंखों तथा पक्षी जैसे चेहरे वाला एक व्यक्ति उससे बाहर निकला। उसने कहा, ‘‘माता, मैं आ गया। आपके धैर्य के लिए आपका आभारी हूँ। मैं शक्तिशाली हूँ और कहीं भी उड़कर जा सकता हूँ। मैं शक्तिशाली गरुड हूँ। मैं भगवान् विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी का वाहन बनूँगा। मैं वचन देता हूँ कि मैं आपको दासता से मुक्ति दिलाऊँगा।’’
इसके बाद वह दूर आकाश में उड़ गया। उसकी माता उसे गर्व से देख रही थीं। प्रसन्न थीं कि अंततः वे उसे देख पाईं और उसने उन्हें दासता से मुक्त कराने का वचन दिया है।
विनता ने अपनी मुक्ति के लिए बहुत लंबी प्रतीक्षा की थी।
—इसी पुस्तक से

Language

Hindi

Kindly Register and Login to Lucknow Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Lucknow Digital Library.

SKU: 9789352667277 Categories: , Tag: