Beech Samar Main by Sushil Kumar Modi
बिहार की राजनीति में 1974 के छात्र आंदोलन से उभरते नेताओं की जो पौध नब्बे का दशक शुरू होने के साथ पहली कतार में अपनी जगह सुरक्षित करने लगी थी, उनमें सुशील कुमार मोदी प्रमुख रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में, सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाले सुशीलजी ने जेपी के नेतृत्व वाले छात्र आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। आपातकाल में इन्हें 19 महीने बिहार की कई जेलों में गुजारने पड़े। उस दौर के अनुभवों को उन्होंने ‘जेल डायरी’ के रूप में लिपिबद्ध किया है।
सन् 1990 में पहली बार बिहार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित होकर उन्होंने अपना संसदीय जीवन आरंभ किया। फिर कभी लोकसभा और तो कभी विधान परिषद् के सदस्य भी चुने जाते रहे। वे आठ साल तक विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता रहे। ‘पशुपालन’ और ‘अलकतरा’ जैसे बड़े घोटाले उजागर किए। 2005 में एक बड़े सत्तापरिवर्तन के साथ बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी। इसमें सुशील कुमार मोदी को उपमुख्यमंत्री के साथसाथ वित्त मंत्री का भी दायित्व सौंपा गया। वे देश भर के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति के अध्यक्ष बनाए गए।
सुशील मोदी ने आरक्षण आंदोलन, उर्दू की राजनीति, आंबेडकर के अंतर्द्वंद्व, कश्मीर और असम में सुलगते अलगाववाद, सिक्ख गुरुओं के महान् बलिदान तथा आपातकाल में राजनीतिक बंदियों की प्रताड़ना जैसे कई संवेदनशील मुद्दों पर कलम चलाई।
इस पुस्तक में इनके आलेख, संस्मरण, जेल डायरी और विदेश यात्राओं के रोचक वृत्तांत भी संकलित हैं। यह बौद्धिक संपदा कई पीढि़यों का मार्गदर्शन करती रहेगी।
Language |
Hindi |
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