Best Of Omprakash Aditya by Omprakash Aditya
बेस्ट ऑफ ओमप्रकाश आदित्य
मैंने लिक्खा पानीपत का
दूसरा युद्ध भर सावन में
जापान-जर्मनी बीच हुआ
अठारह सौ सत्तावन में।
राणा प्रताप ने मोहम्मद गोरी को
दस बार हराया था
अकबर ने हिंद महासागर
अमरीका से मँगवाया था
महमूद गजनबी उठते ही
दो घंटे रोज नाचता था
औरंगजेब रंग में आकर
औरों की जेब काटता था।
तैमूर लंग हर इक जंग में
दुश्मन की टाँग तोड़ता था
कहते हैं चैम्सफोर्ड घर में
सौ चिलमें रोज फोड़ता था।
इस तरह अनेकों भावों के
फूटे भीतर से फव्वारे
जो-जो सवाल थे याद नहीं
वे ही परचे पर लिख मारे।
हो गया परीक्षक पागल-सा
मेरी कॉपी को देख-देख
बोला—इन सारे छात्रों में
बस होनहार है यही एक।
—इसी संकलन से
हास्य-व्यंग्य के जाने-माने हस्ताक्षर और हास्य शिरोमणि श्री ओमप्रकाश आदित्य की सर्वश्रेष्ठ कविताओं का ऐसा संकलन, जिनका रसपान कर सुधी पाठक आनंद की मस्ती में झूम-झूम जाएँगे।
Language |
Hindi |
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