Best Of Shail Chaturvedi by Shail Chaturvedi

हमने कहा, ‘‘भगवान् जाने
देश की जनता का क्या होगा?’’
वे बोले, ‘‘जनता दर्द का खजाना है
आँसुओं का समंदर है,
जो भी उसे लूट ले
वही मुकद्दर का सिकंदर है।’’

हमने पूछा, ‘‘देश का क्या होगा?’’
वे बोले, ‘‘देश बरसों से चल रहा है
मगर जहाँ का तहाँ है
कल आपको ढूँढ़ना पड़ेगा
कि देश कहाँ है
कोई कहेगा—ढूँढ़ते रहिए
देश तो हमारी जेब में पड़ा है
देश क्या हमारी जेब से बड़ा है?’’
—इसी पुस्तक से
हास्यव्यंग्य मंच के सिरमौर कवि शैल चतुर्वेदी ने अपनी रचनाओं से देश की सामाजिकराजनीतिक परिस्थितियों पर मारक प्रहार किया और समाज को जागरूक करने का महती कार्य किया। यहाँ प्रस्तुत हैं उनकी सर्वश्रेष्ठ रचनाएँ, जो उनके विराट् कविरूप का दिग्दर्शन कराएँगी और आपको हँसागुदगुदाकर लोटपोट कर देंगे

Language

Hindi

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