Bharat Ratan by Anil Kumar / Manish Kumar
महानता किसी वृक्ष से टपका हुआ फल नहीं है। यह तो प्रत्येक व्यक्ति में अंत:सलिल की भाँति विद्यमान रहती है। आवश्यकता होती तो बस उसे परिस्थितियों के प्ररिप्रेक्ष्य में अनुभव करने की। इतिहास साक्षी है कि जिसने भी अपनी छिपी प्रतिभा, विशिष्टता को पहचान लिया, वह महान्, आदर्श और प्रेरणादायी व्यक्तित्व बन गया।
सामाजिक संस्थाएँ ही नहीं, देश भी ऐसी विभूतियों को सम्मानित और अलंकृत करता है। सम्मानोपाधियाँ उन विशिष्ट व्यक्तित्वों को दी जाती हैं, जो अपने बल, पौरुष, बुद्धि-चातुर्य एंव कला-कौशल आदि के बल पर कुछ विशिष्ट कर दिखाते हैं।
‘भारत रत्न’ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश की विशिष्ट एवं महान् विभूतियों को दिया जाता है। प्रस्तुत पुस्तक ‘भारत रत्न’ में अब तक जिन व्यक्तित्वों को राष्ट्र के द्वारा यह अलंकरण प्रदान किया गया है, उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का हृदयग्रही वर्णन किया गया है। ‘भारत रत्न’ सम्मान पानेवाती विभूतियों ने किन विकट परिस्थितियों में रहकर राष्ट्रोत्थान एवं समाजोत्थान के कार्यों को संपन्न किया। अपनी मेहनत, लगन, निष्ठा एवं कर्तव्यपरायण के द्वारा हमारे तथा भावी पीढ़ियों के लिए आदर्श पुरुष कैसे बने?
विद्यार्थियों, शोधार्धियों के लिए ही नहीं, सामान्य पाठकों के लिए भी अत्यंत जानकारीपरक एव पठनीय पुस्तक है—‘भारत रत्न।’
Language |
Hindi |
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