Bharatiya Senadhyakshon Ka Prerak Jeevan   by  a.K. Shori

निस्संदेह भारतीय सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। हमारा आयुधागार, हमारी सामरिक क्षमता, हमारी परमाण्विक सामर्थ्य, हमारा सैन्य कौशल और हमारी रेजीमेंट्स की वीरता विश्व स्तर पर हमें यदि सर्वश्रेष्ठ नहीं तो सर्वश्रेष्ठ से कम भी नहीं बनाती हैं। स्वतंत्रता के अनंतर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971, फिर कारगिल में भी तीन युद्ध जीते हैं।
इन सभी युद्धों में एक विशेष तथ्य सामने आया, जो भारत की शांतिप्रिय राष्ट्रीयता का परिचायक भी है कि इनमें से कोई भी युद्ध भारत के द्वारा शुरू नहीं किया गया था। दूसरे शब्दों में कहें तो ये सभी युद्ध भारत पर थोपे गए थे। भारतीय सेनाध्यक्षों ने हर युद्ध में अपने सैन्य कौशल का श्रेष्ठ परिचय दिया और भारत के शौर्य व स्वाभिमान की लाज रखी।
युद्ध तथा शांतिकाल, दोनों में ही अपनी अद्भुत कार्यक्षमता, नेतृत्व-कौशल और अनुपम आदर्शों से उन्होंने भारतीय थलसेना के जवानों और अधिकारियों का हौसला बुलंद किया, उन्हें सदा प्रेरित किया तथा भारवासियों को सदा आश्वस्त किया कि हमारी सीमाएँ और हम भारतीय सुरक्षित हैं।
भारतीय सेनाध्यक्षों का प्रामाणिक जीवनवृत्त प्रस्तुत करती पुस्तक, जिसे पढ़कर न केवल भारतीय सेना के प्रति हमारा सम्मान बढ़ेगा वरन् उसके शौर्य और पराक्रम से हम प्रेरित भी होंगे।

Language

Hindi

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