Dogri-Kashmiri Ki Lokpriya Kahaniyan by Gauri Shankar Raina
इस पुस्तक में संकलित विशिष्ट प्रकार रकी डोगरी तथा कश्मीरी कहानियाँ जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के जीवन, मर्यादाओं, रीतियों और सुख-दुःख का विश्वसनीय चित्रण प्रस्तुत करती हैं । इन कहानियों में आदमी के उस विश्वास की, जो उसे जीवन में चलते रहने की प्रेरणा देता है, जो चित्त को जन्म-मरण और अपने-पराए के प्रश्न से अलग उसकी बेबसी का रहस्य समझने में मदद करता है, अनुगूंज सुनाई देती है।
महासुख की कल्पना करता हुआ व्यक्ति अपने अतीत को कुछ-कुछ सँजोए रखने की कोशिश में निरंतर संघर्षमय रहते हुए भी अपनी सामाजिक व सांस्कृतिक परंपराओं का कारक है। वही मनुष्य इधर-उधर इन कथाओं में प्रकट होता है।
प्रतिष्ठित और लोकप्रिय लेखकों द्वारा रचित डोगरी-कश्मीरी की इन कहानियों के पात्र अपनी जिज्ञासाओं के साथ प्रस्तुत होते हैं तथा अपनी यात्रा की एक मंजिल पाते नजर आते हैं। चाहे वेद राही, पद्मा सचदेव, ओम गोस्वामी, हरिकृष्ण कौल, रतनलाल शांत या अन्य किसी चर्चित लेखक की कहानी हो, जो इस संकलन में शामिल है, पात्रों के अनुभवों और यथार्थों को कथा के स्वभाव के अनुरूप प्रस्तुत करती है तथा इन लेखकों को मोपांसा, चेखव या हेमिंग्वे के समकक्ष खड़ा करती है।
Language |
Hindi |
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