Galileo Galilei by Vinod Kumar Mishra

गैलीलियो के मन में बचपन से ही विज्ञान व प्रौद्योगिकी के प्रति गहन जिज्ञासा थी। यह जिज्ञासा उनके मन में जीवन के अंतिम पल तक बनी रही। उन्होंने ब्रह्मांड का एक नया स्वरूप दुनिया के समक्ष रखा।
वे न केवल श्रेष्‍ठ वैज्ञानिक और आविष्कारक थे, वरन् अपने धर्म में सच्ची आस्था रखते थे। उन्हें यह सहन नहीं था कि उनके धर्मग्रंथ में कोई अपूर्ण या असत्य विवरण हो।
वे अद‍्भुत साहसी थे। सत्य का पक्ष बड़ी निर्भीकता से रखते थे और इसके लिए अपना बहुत कुछ दाँव पर लगा देते थे। वे अपने पक्ष में लोगों को एकत्रित करने में कुशल थे। इसके अलावा वे बहुत चतुर भी थे। जब उन्हें लगा कि उनकी बात लोगों के मन में इस प्रकार उतर गई हैं कि अंतत: वे सत्य सिद्ध हो ही जाएँगी, तो वे पीछे हट गए। उन्होंने अनावश्यक रूप से जान देने या शहीद कहलाने की आवश्यकता नहीं समझी।
वे आधुनिक विज्ञान के जनक कहलाते हैं। उनके बाद वैज्ञानिकों ने उनके तौर-तरीकों का अनुकरण किया। ऐसे महान् वैज्ञानिक की जीवनी विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं विज्ञान में रुचि रखनेवाले आम पाठकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।

Language

Hindi

Kindly Register and Login to Lucknow Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Lucknow Digital Library.

SKU: 8188267961 Categories: , Tag: