Hum Hain Rahi Pyar Ke by Partha Sarthi Sen Sharma

‘‘कौन जानता है, भविष्य में हमारे लिए क्या लिखा है!’’ रिया ने कहा।
मैं उसके अंतिम वाक्य से कुछ हैरान हो गया था। मुझे तो लगा था, हमने अपने भविष्य के बारे में निर्णय पहले ही ले
लिया है।
एक मध्य वर्गीय परिवार से आया पंकज समझता है कि उसके जीवन की दिशा निर्धारित हो चुकी है—इंजीनियरिंग की डिग्री लेना, अपने प्यार—रिया—से शादी करना और दिल्ली में चैन से जीवन बिताना। लेकिन जब रिया उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का निर्णय लेती है तो उसकी योजना में बाधा आ जाती है। फिर भी, अपनी प्रतिबद्धता को निभाते हुए वह रिया का इंतजार करने का वादा करता है।
लेकिन जमशेदपुर में नौकरी करने के दौरान, वह अपने बॉस की बेटी काजल के निकट आ जाता है और उसके समाज सेवा के काम में उसकी सहायता करने लगता है। 1990 के दशक में भारत के बदलते आर्थिक व धार्मिक माहौल के बीच वह एक यात्रा पर जाता है, जो न सिर्फ उसे ग्रामीण जीवन की झाँकी दिखाती है, बल्कि प्यार और जीवन
के प्रति एक नया दृष्टिकोण भी प्रदान करती है।
‘हम हैं राही प्यार के’ न सिर्फ 1990 के दशक के भारत की झलक दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कभी-कभी बहुत सोच-समझकर बनाई गई योजना की असफलता जीवन की सबसे खूबसूरत घटना बन जाती है।

Language

Hindi

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