Jules Verne Ki Lokpriya Kahaniyan by Jules Verne

एक-से-एक सुंदर सजावटवाले हैट, खूबसूरत पेड़-पौधे, तरह-तरह के पक्षियों, साँपों और पशुओं की कलात्मक आकृतियाँ, जिन्हें ब्राजील के वनों का परिवेश देकर जीवंत बनाया गया था। कितने ही तरह के केश-विन्यास और जूड़े, सुरुचिपूर्ण और भव्य। उनमें भी ऐसी बारीक कलात्मकता, जिसमें कोई भूल खोजी ही नहीं जा सकती।…और पोलैंड में भी न देखी गई प्रस्तुतियों के उदाहरण यहाँ मौजूद थे, मनभावन रिबनों के फूल और लहराते हुए फीते…सबकुछ अभूतपूर्व था।

यह सारा वृत्तांत मेरे एक दिन के यादगार भरे अनुभव की तसवीर है। शायद मैंने एक बटेर मारी थी। शायद मैंने एक तीतर भी मार गिराया था। शायद मैंने एक किसान को भी घायल किया था…ये सारे वे वाकिए हैं, जिनके साथ ‘शायद’ शब्द जुड़ा हुआ है। लेकिन निस्संदेह मैंने एक पुलिसवाले के हैट पर गोली चलाई थी। मैं बिना लाइसेंस की बंदूक के साथ पकड़ा गया था। मेरा जुर्म किसी दूसरे के नाम चढ़ा दिया गया था। इससे ज्यादा एक नए सीखनेवाले शिकारी के साथ और क्या हो सकता है?
—इसी संग्रह से

प्रसिद्ध कथाकार जूल्स वर्न की रोचक-पठनीय-लोकप्रिय कहानियों का संकलन।

Language

Hindi

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