Kasmai Devaya by Arun Mishra
‘‘…हमारे कवियों की कविता से प्रकृति के विविध अवयव धीरेधीरे गायब हो गए हैं। ऐसे समय में मिश्रजी की कविताएँ सुखद अनुभूति प्रदान करती हैं। उनके पास भाषा, शिल्प और शब्दों का अद्भुत भंडार है।’’
‘‘श्री मिश्र प्रकृति से गहराई से जुड़े हैं, वे काव्य सृजन के लिए बारबार प्रकृति के पास जाते हैं। प्रकृति उनके साथ पूरा सहयोग भी करती है। वे लोप होती हुई संवेदनाओं के कवि हैं।’’
—प्रो. कुँवर पाल सिंह
Language |
Hindi |
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