Lady Susan by Jane Austen
‘‘आपको लंबे जूते पहनने चाहिए।’’ कुछ पल रुककर वह फिर बोले, ‘‘लंबे जूते पहनने से एडि़याँ एकदम साफ रहती हैं। काले के साथ लंबे जूते बहुत अच्छे लगते हैं। या आपको लंबे जूते पसंद नहीं हैं?’’
‘‘हाँ, पर अगर वे इतने मजबूत हों कि वे आपके पैरों के सौंदर्य को नष्ट न होने दें। वे इस तरह देहात में घूमने के लिए उपयुत नहीं हैं।’’
‘‘खराब मौसम में महिलाओं को घुड़सवारी करनी चाहिए। या आप घुड़सवारी करती हैं?’’
‘‘नहीं, लॉर्ड।’’
‘‘मैं सोचता हूँ, आखिर प्रत्येक महिला यों नहीं करती? औरत घोड़े की पीठ पर बैठी सबसे अच्छी लगती है।’’
‘‘पर हो सकता है कि प्रत्येक महिला की रुचि या उसके पास साधन न हों।’’
‘‘अगर उन्हें यह पता हो कि वह उन्हें या बना देगा तो उनकी रुचि भी पैदा हो जाएगी और मैं सोचता हूँ, मिस वॉटसन, एक बार जब उनका झुकाव हो जाएगा तो साधन अपने आप बन जाएँगे।’’
—इसी उपन्यास से
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विश्ववियात लेखिका जेन ऑस्टन की प्रसिद्ध कृति, जिसमें पाठक स्त्री-पुरुष संबंध और मानवीय संवेदना की झलक पाएँगे।
Language |
Hindi |
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