Malti Joshi Ki Lokpriya Kahaniyan by Malti Joshi
मालती जोशी की कहानियों के साथ उनके लाखों प्रशंसक अपनी जिंदगी का ताना-बाना बुनते हैं। एकदम सहज और घरेलू होने के बाद भी उनकी कहानियाँ बहुत बड़ा सामाजिक संदेश दे जाती हैं। ये कहानियाँ संस्कारों का भंडार हैं। मानवीय संवेदनाओं के सूक्ष्मतम स्पंदनों को भी अपने शब्दों में बाँधने की क्षमता रखनेवाली मालतीजी अपनी सहज प्रवाहमय भाषा शैली के माध्यम से कब पाठकों के मन की गहराई में उतर जाती हैं, पता ही नहीं चलता। आज मालतीजी की कहानियाँ समाज के हर वर्ग में, चाहे वो गृहिणी हो या कामकाजी महिला, बड़े पदों पर पदस्थ व्यक्ति है या अपनी सीमित आय में कठिनाई से जीवनयापन करनेवाला साधारण व्यक्ति, नवविवाहित हो या वानप्रस्थ की ओर जाते दंपति हो, गाँव-देहात में पढ़नेवाला युवा हो या महानगरों में बड़े प्रोफेशनल कॉलेज में पढ़नेवाला युवा, गरज ये कि सभी वर्गों में सभी पीढि़यों में आदर और सम्मान के साथ ग्रहण की जाती हैं। यही कारण है कि आज मालती जोशी की कहानियों को बिखरते परिवारों को फिर से एक सूत्र में पिरोने की क्षमता रखनेवाले आशा के केंद्र के रूप में देखा जाता है।
अपनी इस विलक्षण रचनाधर्मिता में मालतीजी ने एक नया आयाम जोड़ा है— कथा कथन का। मराठी की एक प्रचलित विधा का हिंदी में प्रयोग सर्वथा नया और अनूठा है। मालतीजी अपनी पूरी कहानी बिना पढ़े, बिना देखे भावों का सम्मिश्रण करते हुए पाठकों को सुनाती हैं। कथा सुननेवाले कहानी से, कथ्य से तो मुग्ध होते ही हैं, मालतीजी की शैली से भी चमत्कृत हो जाते हैं।
Language |
Hindi |
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