Manik Sarkar : Drishyam Aur Satyam by Dinesh Kanji
वे कौन सी ताकतें हैं, जो चोरों, डकैतों और हत्यारों को बल देने वाले उनके 19 साल के अराजक शासन के बावजूद उन्हें ‘गरीबों का मसीहा’ साबित करने पर तुली हैं। यह बड़ी हैरानी भरी बात है कि पत्रकार बिरादरी में से भी कोई व्यक्ति राजनीतिक माफिया और भ्रष्ट नेताओं को बढ़ावा देनेवाले माणिक सरकार के खिलाफ लिखने की हिम्मत नहीं जुटा सका। गरीबों के पैसे के बल पर शानो-शौकत भरी जिंदगी जीने के आदी व्यक्ति को कैसे चरखे पर सूत कातने वाले महात्मा गांधी के जैसा माना सकता है। ऐसे कई सवालों ने मेरे मन में कोलाहल पैदा किया। इस पुस्तक का उद्देश्य इन्हीं सवालों के जवाबों को प्रमाणित करने का है।
वामपंथी दलों के वैचारिक पाखंड का खुलासा करना, वामपंथियों द्वारा की जा रही राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बेनकाब करना, माणिक सरकार की तथाकथित मिस्टर क्लीन वाली छवि पर से परद उठाना और पिछले दशकों में वामपंथियों ने त्रिपुरा और यहाँ के लोगों को जो नुकसान पहुँचाया, उसे राष्ट्रीय स्तर पर सबके सामने लाना इस पुस्तक का वास्तविक उद्देश्य है।
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Hindi |
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