Mehrunnisa Parvez Ki Lokpriya Kahaniyan by Mehrunnisa Parvez
कहानीकार मेहरुन्निसा परवेज की लेखनी में वह जादू है, जिसके स्पर्श से उनकी प्रत्येक कहानी कुंदन बन गई है। कहानियों में चुंबकीय शक्ति है, जिसके कारण सामान्य-से-सामान्य जन उनकी प्रत्येक कहानी की ओर स्वतः खिंचा चला आता है। पढ़ने के उपरांत वे तहेदिल से भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। रचनाधर्मिता की ये ही विशेषताएँ एक कहानीकार को जनप्रिय एवं लोकप्रिय बनाती हैं, ख्याति प्रदान करती हैं। कथाकार मेहरुन्निसा परवेज ने कहानियों में आस-पास के जीवन में घटित घटनाओं को बीनकर, उन्हें कहानी का जामा पहना कर, उनमें प्राण फूँक दिए हैं; जिसके कारण उनकी कहानियों में घटित घटनाएँ आम जन को अपने आस-पास की प्रतीत होती हैं।
स्वातंत्र्योत्तर भारत में नए विचारों के आगमन के साथ नारी में परिवर्तन परिलक्षित होने लगा। उस परिवर्तन से नारी में विद्रोह के स्वर उभरकर आए हैं। इन नए स्वरों को लेखिका ने महसूस कर कहानियों में व्यक्त किया है।
कहानियों की भाषा बोधगम्य बनाने के लिए उन्होंने सहज-सरल, आम आदमी की भाषा का प्रयोग किया है। ध्वन्यात्मक शब्द, मुहावरे, लोकोक्तियाँ आदि भाषा को व्यंजक बनाते हैं। उनकी कहानी की भाषा चित्रात्मक भी है, जो वर्णित चित्र को नेत्रों में अंकित कर देती है। प्रस्तुत है मेहरुन्निसा जी की पठनीयता एवं रोचकता से भरपूर कहानियों का संकलन।
Language |
Hindi |
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