Mirgi Lailaj Nahin by J.L. Agarwal
मिरगी लाइलाज नहीं
देश में करीब 50 लाख से ज्यादा लोग विभिन्न प्रकार की मिरगी से ग्रस्त हैं। यह रोग विश्व भर में फैला हुआ है तथा अनेक अंधविश्वास एवं मिथ्या धारणाओं से जकड़ा हुआ है। वास्तव में यह मनोरोग नहीं, बल्कि मस्तिष्क का रोग है। करीब 90 प्रतिशत रोगी उपचार द्वारा रोग-मुक्त हो सकते हैं, या रोग पर प्रभावी नियंत्रण हो सकता है।
प्रस्तुत पुस्तक में मिरगी रोग के इतिहास से लेकर इसके होने के कारणों, लक्षणों, मिरगी के विभिन्न स्वरूपों आदि का गहन विवेचन किया गया है। साथ ही इसमें बरती जानेवाली सावधानियाँ, रोगी की जाँच कैसे करें, मिरगी के दौरे के समय क्या उपाय करें तथा इसके क्या-क्या बचाव हैं, इस पर पर्याप्त प्रकाश डाला गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि रोग के संबंध में जागरूकता उत्पन्न करना, अंधविश्वासों, गलतफहमियों को दूर करना अति आवश्यक है।
मिरगी रोग के संबंध में भ्रांत धारणाओं को मिटाकर व्यावहारिक उपाय और समाधान बतानेवाली एक उत्तम मार्गदर्शिका।
Language |
Hindi |
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