Naya Masseha by Ram Shanker Agnihotri

अपने देश के सामाजिक और राजनीतिक चरित्र का जो भी अच्छा स्वरूप आज हमें दिखाई देता है उसके लिए जिन महापुरुषों की ध्येय-दृष्‍ट‌ि और उदात्त जीवनादर्श प्रेरक रहे हैं, उनमें डॉ. आंबेडकर का स्थान अग्रिम पंक्‍त‌ि में है । उनके लिए परिस्थिति अत्यंत प्रतिकूल थी । जन्म ऐसी जाति में हुआ था, जो जाति- प्रथा की श्रेष्‍ठ कनिष्‍ठतावाली रचना में निम्न स्तर पर थी । किसी के लिए भी उन कंटीले बंधनों से बाहर निकलना आसान नहीं था । डॉ. आंबेडकर की महिमा यह हें कि वे इन कँटीले बंधनों को तोड़कर बाहर निकले । इतना ही नहीं, उन्होंने तो अपने समाज-बांधवों को बंधनों से मुक्‍त होने का रास्ता भी बताया-और केवल बताया ही नहीं, अपने आचरण से उसे प्रशस्त भी बनाया ।
डॉ. आंबेडकर की जीवन-गाथा को अनेक भाषाओं में अनेक लेखकों द्वारा लिपिबद्ध किया गया है । उन सबका अपना महत्व है । भविष्य में भी नए लेखक उनके लंबे जीवन के विभिन्न पहलुओं को नई दृष्‍ट‌ि से देखेंगे और उस दृष्‍ट‌ि को शब्द- सृष्‍ट‌ि में बदलने का प्रयास करेंगे । श्री अग्निहोत्री ने डॉ. आबेडकर को उनके जीवन काल में घटित घटनाचक्र के रूप में प्रस्तुत किया है ।
इस जीवनचरित की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि यह घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है और न यह मात्र जीवनवृत्त ही है । यह डॉ. आंबेडकर के विराट‍् व्यक्‍त‌ित्व और कालजयी कृतित्व को उपन्यास की शैली में सरल तथा सुबोध भाषा के माध्यम से सामान्य पाठकों तक पहुँचाने का अर्थपूर्ण प्रयास है ।

Language

Hindi

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