Netaji Subhash Chandra Bose Yuvakon Se by Ram Kishore
भारतीय स्वतंत्रता-संघर्ष में जिन देशभक्तों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है, उनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस अग्रणी हैं। सुभाष बाबू हमेशा से ही भारतीय जनता, विशेषकर युवाओं के प्रेरणा-स्रोत रहे हैं। उनका गहन अध्ययन, स्पष्ट विचार-दृष्टि और उस पर चलने का दृढ़ संकल्प, उनका ओज और अदम्य साहस उन्हें भूत और भविष्य के सभी नेताओं से अलग करता है। यही कारण है कि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अलग-अलग प्रांतों में जो युवा संगठन काम कर रहे थे, उनके अधिकांश सम्मेलनों की अध्यक्षता सुभाष बाबू ने की थी।
सुभाष बाबू का युवाओं पर असीम विश्वास था। उनका मानना था कि ‘युवजन ही है राष्ट्र के भविष्य की आशा, भारत का मंगल।’ उन्होंने युवजनों का आह्वान करते हुए कहा था, “इस देश का भविष्य आपके ऊपर निर्भर है। मैं आप लोगों का सादर आह्वान करता हूँ—आप उम्र में तरुण हैं, आप लोगों का हृदय आशाओं से भरा-पूरा है। आपके ही सामने बृहत्तर और महत्तर आदर्शों का स्थान होना उचित है। नौजवानो! उठो, जागो! जीविकोपार्जन के लिए सिर्फ बाबूगिरी युवा जीवन का कर्तव्य नहीं है, केवल अन्न-वस्त्र ही जीवन के लिए पर्याप्त नहीं हैं।”
पुस्तक में नेताजी द्वारा देश के विभिन्न युवा-छात्र सम्मेलनों, बैठकों आदि में दिए गए भाषण संकलित किए गए हैं।
विश्वास है, पुस्तक पढ़कर देश की जनता, विशेषकर युवजन नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सपनों को सार्थक करने हेतु जागरूक होंगे।
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Hindi |
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