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Bundelkhand Chitrawali by Ambika Prasad Divya
‘बुंदेलखंड चित्रावली’ इतिहास, कला और संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण समन्वय ग्रंथ है। इसमें बुंदेलखंड से संबंधित 101 विभूतियों, राजा-महाराजाओं और महारानियों के चित्र हैं तथा उन सभी का संक्षिप्त इतिहास भी वर्णित है। बुंदेलखंड की धरती ने इतने युद्ध देखे हैं, जितने भारत के किसी अन्य भू-भाग ने शायद ही देखे हों। इन युद्धों ने इतना रोमांचक और अद््भुत इतिहास गढ़ा, इस कारण चित्रों को प्रस्तुत किया जाना अत्यंत आवश्यक था। यह कार्य कोई सक्षम चित्रकार, इतिहासकार और एक विद्वान् ही कर सकता था। दिव्यजी ने यह कर दिखाया। इस महत्त्वपूर्ण कार्य में हजारों मील की यात्राएँ शामिल हैं। वर्षों की तपस्या और साधना है। बुंदेलखंड के इतिहास, कला और संस्कृति को समेटकर एक स्थान पर लाना दुस्तर कार्य था।
बुंदेलखंड के संदर्भ में इस प्रकार का यह पहला ग्रंथ है। इसके प्रकाशन से बुंदेलखंड के अद््भुत इतिहास पर पर्याप्त प्रकाश पड़ेगा और बुंदेलखंड के अछूते, अनावृत इतिहास संदर्भों की जानकारी भी पाठकों को प्राप्त होगी।
विद्यार्थी, शोधार्थी ही नहीं, इतिहास, कला और संस्कृति-प्रेमियों के लिए एक कालजयी कृति।
Bundelkhand Ke Agradoot by Rakesh Kumar Agrawal
आज हर क्षेत्र में इज्जत, शोहरत और पैसा है लेकिन अतीत में ऐसा नहीं था। फिर भी ऐसे समय में भी कुछ लोगों ने साहित्य, कला और खेल के क्षेत्र में पूर्ण निष्ठा से जी-जान लगाकर काम किया। यह उनका जुनून समझ लें या उनकी लगन, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी आखिरी साँस तक मिट्टी के लगाव को वृद्ध नहीं होने दिया।
आजकल सोशल मीडिया और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के जमाने में कोई भी बात या खबर बिजली की रफ्तार से फैलती है। लेकिन हम कल्पना कर सकते हैं कि उस दौर में कैसे बुंदेलखंड के अग्रदूतों—मुंशी प्रेमचंद, मैथिलीशरण गुप्त, बाबू केदारनाथ अग्रवाल, वृंदावनलाल वर्मा, हॉकी के जादूगर दद्दा ध्यानचंद, बाबू श्यामलाल ‘इंदीवर’, महारानी लक्ष्मीबाई, मिर्जा गालिब, रायप्रवीण और मस्तानी ने अपनी यशकीर्ति की पताका पूरी दुनिया में फहराई होगी?
हर क्षेत्र का अपना एक एवरेस्ट होता है। स्टार और सुपरस्टार केवल सिनेमा में ही नहीं होते। वर्तमान समय में हर क्षेत्र में काम करनेवाले लोगों के पास अकूत संपत्तियाँ हैं। लेकिन उन लोगों के कला प्रेम का कोई मूल्य नहीं लगाया जा सकता जिन्होंने जिंदगी के उतार-चढ़ाव और फाकाकशी के चलते भी अपने कर्म से समझौता नहीं किया। इसलिए लेखक को अपनी जन्मभूमि बुंदेलखंड के ये अग्रदूत मिथकीय पात्रों से बिल्कुल भी कम नहीं लगते।
बुंदेलखंड की प्रमुख महान् विभूतियों को एक पुस्तक में सहेजने का यह पहला अभिनव प्रयास है। निश्चित तौर पर छात्रों, शोधार्थियों एवं अन्य पाठकों को यह पुस्तक लाभान्वित करेगी।
Bureaucrats Aur Jharkhand by Anuj Kumar Sinha
यह पुस्तक अनुभवी और जिम्मेवार पदों पर काम कर चुके अधिकारियों द्वारा लिखे गए लेखों का संकलन है। इन लेखों में अधिकांश लेख झारखंड या देश के आई.ए.एस.-आई.पी.एस. अफसरों द्वारा लिखे गए हैं। ये सारे लेख ‘प्रभात खबर’ में समय-समय पर प्रकाशित हुए हैं। कोई भी राज्य तब तरक्की करता है, जब सरकार और ब्यूरोक्रेट्स अपना-अपना काम ढंग से करते हैं, दोनों में तालमेल रहता है। सरकारें नीतियाँ बनाती हैं, निर्णय लेती हैं और ब्यूरोक्रेट्स उन्हें लागू करते हैं। कई बार सत्ता-ब्यूरोक्रेट्स में तालमेल गड़बड़ाता है। आरोप-प्रत्यारोप में समय निकल जाता है। जब झारखंड के नवनिर्माण की बात आई, तो राजनीतिज्ञों (यहाँ सरकार) ने अपने तरीके से काम किया। अफसरों की अपनी सोच थी कि कैसे राज्य विकसित हो सकता है। ‘प्रभात खबर’ ने प्रयास किया था कि झारखंड कैसे विकसित होगा, विकास का मॉडल क्या होगा, इस पर अधिकारी भी खुलकर बोलें और लिखें भी। तब आई.ए.एस.-आई.पी.एस. अफसरों ने हिम्मत कर अपनी बात लेखों के माध्यम से रखी थी। लेख लिखनेवालों में ब्यूरोक्रेट रह चुके तब के राज्यपाल प्रभात कुमार और वेद मारवाह भी थे। ये महत्त्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जो झारखंड को समझने में सहायक साबित होंगे। इनमें कई ऐसे अफसरों के लेख या इंटरव्यू हैं, जो बाद में झारखंड के मुख्य सचिव या डी.जी.पी. भी बने। इन लेखों का मकसद एक था—सिस्टम को और अच्छा करके झारखंड को आगे ले जाना। यह सिर्फ लेख नहीं, भविष्य का रोडमैप भी था, इसलिए ये लेख भविष्य में योजना बनाते समय भी बहुत काम आएँगे।
Business Karna Apane Paise Bina by Dr. Suresh Haware
व्यापार में बाधाएँ व रुकावटें तो आती ही हैं। इनसे डरना नहीं, बल्कि इनका स्वागत करना चाहिए, क्योंकि इन्हीं से हमारी वास्तविक क्षमता की परीक्षा होती है। इसलिए इन्हें बुराई में अच्छाई मानना चाहिए। रुकावटें कई तरह की हो सकती हैं, जैसे आर्थिक, कानूनी, उत्पाद संबंधी, टैक्स संबंधी, कर्मचारी और प्रबंधन से संबंधित। हर समस्या का हल है, हमें बस उसे खोजना होता है।
अंत में, हमें इस कहावत को ध्यान में रखना होगा, ‘सिर सलामत तो पगड़ी पचास’ अर्थात् हम जो कुछ भी हासिल करना चाहते हैं, वह इसी भौतिक शरीर के द्वारा संभव है। अतः हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सदा सचेत रहना चाहिए, जैसे यदि किसी प्रोजेक्ट में गिरावट आती है तो नुकसान बढ़ता है, मुनाफा घट जाता है, ऐसा ही हमारे स्वास्थ्य के साथ होता है। अतः अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर व्यापारी लंबी पारी खेल सकता है।
प्रस्तुत पुस्तक शासकों, सरकारी अधिकारियों, समाज और अन्य लोगों को व्यापार व व्यापारियों के संबंध में एक सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करेगी, क्योंकि इस पुस्तक में विशेष रूप से कहा गया है कि व्यापारी देश की संपत्ति के सर्जक हैं, अर्थात् वे राष्ट्रीय संपदा के निर्माणकर्ता हैं।
लेखक के लंबे अनुभव से जनित यह पुस्तक नए उद्यमियों और बिजनेसमैन को पूँजी का सही निवेश और उपयोग करने का व्यावहारिक मार्ग बताती है और सफलता प्राप्त करने के गुरुमंत्र भी।
Business Standard – Hindi
Business Standard Hindi is India’s first complete Hindi Business Newspaper. Created for the discerning business reader, the newspaper brings together the most credible and quality business news content closer to you in the language of your choice.
Business Standard Hindi is best suited for Entrepreneurs, Investors, Students and individuals interested in quality Business content.
Byomkesh Bakshi Ki Rahasyamayi Kahaniyan by Saradindu Bandyopadhyay
सारदेंदु बंद्योपाध्याय की विशिष्टता उनके जासूसी लेखन के अतिरिक्त उनकी अद्वितीय लेखन-शैली के साथ-साथ उनके चरित्रों का सूक्ष्म जीवंत चित्रण है। बीसवीं सदी के प्रारंभ के बंगाल में लेखक और पाठक समान रूप से अपराध और जासूसी साहित्य को नीची निगाहों से देखते थे। सारदेंदु बंद्योपाध्याय ने पहली बार उस लेखन को सम्मानीय स्थान दिलाया। इसका एक बड़ा कारण यह था कि उनके पूर्व के लेखक पंचकोरी दे और दिनेंद्र कुमार अंग्रेजी के जासूसी लेखक आर्थर कोनान, डोएल, एडगर एलन पो, जी.के. चेस्टरसन तथा अगाथा क्रिस्टी से प्रभावित होकर लिखते थे, जबकि सारदेंदु के चरित्र और स्थान अन्य जासूसी उपन्यासों के विपरीत, भारतीय मूल और स्थल के परिवेश में जीते हैं। उनके लेखन का विनोदी स्वभाव पाठक को अनायास कथा के दौरान गुदगुदाता रहता है। ब्योमकेश का साहित्य न केवल अभूतपूर्व जासूसी साहित्य है बल्कि सभी समय और काल में, समाज के सभी वर्गों के युवाओं और वृद्धों में समान रूप से सदैव लोकप्रिय बना रहा है। पाठक इन रहस्य भरी कहानियों को उनके जीवंत लेखन के लिए, अंत जानने के बावजूद, बार-बार पढ़ने के लिए लालायित रहता है। किसी भी लोकप्रिय साहित्य में यह एक अद्वितीय उपलब्धि मानी जाती है और यही उपलब्धि सारदेंदु के ब्योमकेश बक्शी साहित्य को सत्यजीत राय के प्रसिद्ध उपन्यास ‘फेलूदा के कारनामे’ के समान हमारे समय के ‘क्लासिक’ का स्थान दिलाती है।
C-SAT Civil Services Prarambhik Pariksha Aptitude Test (Paper-II)
C-SAT Civil Services Prarambhik Pariksha Aptitude Test (Paper-II)
C.B.S.E. All India Engineering Pravesh Pariksha Ganit
C.B.S.E. All India Engineering Pravesh Pariksha Ganit
C.R.P.F. Assistant SubInspector and Head Constable Pariksha
C.R.P.F. Assistant SubInspector and Head Constable Pariksha
Cable Quest Hindi
COMPANY PROFILE
CABLE QUEST SATCOM PVT. LTD.
(An INS Member & Empanelled with DAVP)
Cable Quest Satcom Pvt. Ltd. is India’s leading media house for Television Broadcasting, Broadband and New Media industries. Started in 1994 it has remained in the forefront as the voice of the industry. Its flagship product Cable Quest, an industry journal is published simultaneously in English & Hindi every month and is undoubtedly the leader in the field. Its readership comprises of all industry segments including cable operators, broadcasters, TV producers, hardware manufacturers, studios, broadcast equipment vendors, IPTV, DTH and Mobile Operators, broadcast and broadband engineers and government officials in India and abroad.
At present Cable Quest is read by more than 3, 00,000 industry professionals. With the advantage of both the major languages, Hindi and English, it reaches every nook and corner of the country apart from having a sizable readership in the SAARC region and other parts of the world. In India it is the first choice of the industry.
The editorial content of Cable Quest includes information on new products and technologies, regulatory measures, marketing trends, new programs on various channels and industry news from all over the world. Main focus is kept on Cable TV, Satellite Broadcasting and Broadband with emphasis on convergence of telecom, multimedia and New Media. Cable Quest helps in generating opinions and changing the mindsets.
At present Cable Quest leads all other trade magazines in circulation, content quality and production values penetrating from Metros to rural areas. This is the only magazine that gives you true readership in Hindi dominated areas as well as the English speaking southern India and the executive class. This has enabled us to acquire a vast international advertising clientele who wish to exploit the large and growing Indian market? The best of the Indian companies also rely on Cable Quest.Some of the clients include broadcasters like Star TV, Zee Turner, HBO, ESPN, BBC, Ten sports, Zoom International, Hallmark, Channel News Asia (Singapore), 9X, NDTV, Al Jazeera, Viacom18, MSM Discovery, and CAS companies like Conax, Irdeto, Viaccess, NDS, Latens and CryptoGuard, Safeview Hardware vendors like Harmonic, Skyworth, Devisor, RTPL, Promax, Horizon, Finolex, Sterlite, Samsung, Fujitsu, Coship, Gospell, Jiuzhou, Prevail, Pace, Big Box, Fujian Newland and Broadcast equipment vendors like Shaf Broadcast, Visual Techn
Cancer Karan Aur Bachav by Dr. J.L.Agrawal
कैंसर : कारण और बचाव
कैंसर का नाम सुनते ही आँखों के सामने मृत्यु तांडव करती नजर आती है। यह एक ऐसा भयंकर रोग है जिसका नाम लेते भी मन काँप जाता है। आज विश्व में रोगों के कारण हो रही मौतों में कैंसर एक प्रमुख कारण है। कैंसर स्त्रा्-पुरुष, बाल-वृद्ध किसी को भी हो सकता है। यह कई प्रकार का होता है, जैसे—मुख कैंसर, गर्भाशय कैंसर, त्वचा कैंसर, आँतों का कैंसर, स्तन कैंसर, जीभ का कैंसर आदि।
इनमें कुछ प्रकार अत्यंत भयंकर हैं तो कुछ साध्य भी हैं। उचित खान-पान, रहन-सहन एवं प्रकृति से निकटता इस रोग से बचाव में काफी हद तक कारगर है। प्रस्तुत पुस्तक में कैंसर रोग के होनेवाले कारणों पर विस्तृत दृष्टि डाली गई है तथा इसके बचाव पक्ष पर सकारात्मक एवं सार्थक जानकारियाँ दी गई हैं। हमारा खान-पान एवं रहन-सहन कैसा हो तथा किस प्रकार के वातावरण से बचना चाहिए—इस संबंध में विशिष्ट जानकारी दी गई है।
वरिष्ठ चिकित्सक एवं विद्वान् लेखक का कहना है—‘इस रोग से बचाव के लिए बहुत कुछ हमारे अपने हाथ में है।’ वह ‘बहुत कुछ’ क्या है, इसे प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर ही जाना जा सकता है।
यह पुस्तक कैंसर रोगियों, चिकित्सकों, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अन्य लोगों तथा सभी स्तर के पाठकों हेतु उपयोगी सिद्ध होगी।
Cancer Ki Raat, Asha Ki Subah by Dr. Meenu Walia
कैंसर रोग से ग्रस्त होने की पहली जानकारी जिस समय किसी स्त्री/पुरुष को मिलती है, उसके लिए उस दिन को भुला पाना संभव नहीं होता। लगभग हर किसी के लिए यह जीवन को बदल देनेवाला क्षण होता है।
प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनू वालिया की यह पुस्तक जीवन में वापसी करने और पहले की ही तरह आपको आपके पैरों पर फिर से खड़ा करने में किसी मार्गदर्शक की तरह सहायता करने की क्षमता रखती है। लेखिका कहती हैं, ‘‘मैं ऐसे कई लोगों से मिल चुकी हूँ, उन्हें रोग का पता चलने के दिन रोते देखा है, पर इसके साथ ही इलाज पूरा होने पर उनके खुशी के आँसू भी देखे हैं। यह हिचकोले खाती उन भावनाओं की एक अभिव्यक्ति है, जिनकी मैं गवाह रह चुकी हूँ और उन मरीजों से अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस किया है। हम सब अपनी गलतियों से सीखते हैं, लेकिन बुद्धिमान वही होते हैं, जो दूसरों की गलतियों से सबक लेते हैं। यह पुस्तक इलाज के दौरान पैदा होनेवाली भ्रांतियों, भय, सामाजिक लांछन को दूर करने का एक विनम्र प्रयास है। साथ ही, यह भी बताती है कि अंततः परिस्थितियों से कैसे मुकाबला करें और एक विजेता बन जाएँ।’’
कैंसर के भयावह रोग से ग्रस्त होने के बावजूद उसके उपचार के दौरान ‘करणीय-अकरणीय’ (dos & dont’s) बतानेवाली एक व्यावहारिक पुस्तक। यह आपको संबल देगी, आपको इस विपत्तिकाल से पार निकलने में सक्षम बनाएगी।
Cancer Par Vijay Kaise Prapta Karen by Vrinda Sitaram
कैंसर का नाम सुनते ही साक्षात् मृत्यु नजर आने लगती है। यह एक ऐसा रोग माना जाता है, जो लाइलाज और अत्यंत कष्टकर होता है। इसके संबंध में फैली तमाम भ्रांतियों से न केवल रोगी बल्कि उसके परिजन, मित्रजन व संबंधी भी अज्ञात भय में जीते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में कैंसर विशेषज्ञ लेखिका डॉ. वृंदा सीताराम ने लीक से हटकर कैंसर से जूझने, उसे पराजित करने के लिए कुछ अलग ही तथ्य, व्यवहार एवं विधियाँ सुझाई हैं। पुस्तक कैंसर के मरीजों, उनके परिजनों व मित्रों को इस रोग को सहज और खेल-भावना से लेने की सोच अपनाने तथा विकसित करने की सलाह देती है—एकदम व्यावहारिक व वस्तुपरक।
अत्यंत उपयोगी पुस्तक जो कैंसर-पीड़ितों के लिए सच्चा साथी और मित्र साबित होगी।