Panchtantra Ki Lokpriya Kahaniyan by Mahesh Dutt Sharma

पंचतंत्र की कहानियों की रचना आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व भारत के दक्षिण में स्थित तत्कालीन महिलारोप्य नामक नगर में राजा अमरशक्ति के शासनकाल में हुई। राजा अमरशक्ति ने अपने तीन मूर्ख और अहंकारी पुत्रों— बहुशक्ति, उग्रशक्ति और अनंतशक्ति के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सर्वशास्त्रों के ज्ञाता और कुशल ब्राह्मण पंडित विष्णु शर्मा को सौंपी।
राजकुमारों को व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित करने के लिए पंडित विष्णु शर्मा ने नीतिशास्त्र से संबंधित कथाएँ उन्हें सुनाईं। इन कथाओं में पात्रों के रूप में उन्होंने पशु-पक्षियों का वर्णन किया और अपने विचारों को कथारूप में मुख से व्यक्त कर राजकुमारों को उचित-अनुचित आदि का ज्ञान दिया व व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित किया।
राजकुमारों का शिक्षण पूरा होने पर पंडित विष्णु शर्मा ने इन कहानियों को पंचतंत्र की प्रेरक कहानियों के रूप में संकलित किया। आज भी इन अमर कथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा निश्चित ही नीतिशास्त्र में निपुण हुआ जा सकता है, इसमें जरा भी संदेह नहीं है।
हर आयु के पाठकों के लिए पठनीय, संग्रणीय और अनुकरणीय पुस्तक।

Language

Hindi

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