Parvarish 2.0 by N. Raghuraman
पुस्तक सार
माँ के लिए सिर्फ ‘मदर्स डे’ ही काफी नहीं है, क्योंकि साल का हर दिन किसी-न-किसी रूप में माँ की ही शक्ति से चलता है।
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विफल होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन सफल होने के लिए एक ही वजह काफी है—जीवन से संघर्ष करने की क्षमता। पुरानी उक्ति याद कीजिए, ‘ईश्वर उनकी मदद करता है, जो अपनी मदद करते हैं।’
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बच्चों को शिक्षा के साथ इनसानियत से जोडि़ए और उन्हें यह अहसास होने दीजिए कि हीरो भी फेल होते हैं। यह आज के अवसाद के दौर को हैंडल करने का अच्छा तरीका होगा।
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बच्चों के लालन-पालन यानी पेरेंटिंग का कोई शॉर्टकट नहीं होता। यह हम पर है कि हम कैसे बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाने वाली इस परंपरा को नाकाम न होने दें।
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यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ें तो उन्हें किसी-न-किसी रूप में दुनियाभर के साहित्य से परिचित कराइए। इस तरह के पठन-पाठन से उन्हें अपना दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलेगी।
—इसी पुस्तक से
प्रसिद्ध लाइफ कोच और मोटिवेशन गुरु एन. रघुरामन के ये विचार बच्चों के लालन-पालन और परवरिश के बारे में व्यावहारिक जानकारी देते हैं। ये सूत्र बच्चों के चहुँमुखी विकास में सहायक सिद्ध होंगे और आपको एक अच्छा और सफल अभिभावक होने का गौरवबोध भी करवाएँगे।
Language |
Hindi |
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