Rajee Seth Ki Lokpriya Kahaniyan by Rajee Seth
सम्मतियाँ
एक-एक वाक्य बोलता हुआ…बाहर से भीतर और फिर भीतर से बाहर की ओर लौटने की प्रक्रिया प्रभावशाली, गहरी।…स्थिति चित्रण करती हुई राजी की ये कहानियाँ उससे ऊँची उठ जाती हैं। उनमें एक विशिष्ट कहानीपन आ जाता है।
—भीष्म साहनी
राजी की कहानियों में लेखकीय अनुभव की जो संजीदगी, जो थिरायापन व्याप्त रहता है, वह आवेग में बुद्धि के अनुबंध से पैदा हुआ है। कहानी में कोई अनुभव, कोई विचार कच्चे माल की तरह, हड़बड़ी में, अनपके, अधपके रूप में नहीं आता। सबकुछ अंततः पुख्ता, प्रौढ़ा, तराशा हुआ…।
—डॉ. निर्मला जैन
अच्छी कहानी किसे कहते हैं, इस बारे में राजी सेठ की कहानियाँ कुछ मौलिक सवाल उठाती हैं। अनुभव से अर्थ तक पहुँचने की यात्रा इन्हें विशिष्ट बनाती है।
—राजेंद्र यादव
कमल की तरह आकंठ अनुभव में डूबी राजी की रचना संकेतों के आकाश में खुलती है या यह अनुभव कराती है कि अपने पैरों पर खड़ा व्यक्ति कितने आकाशों को देख सकता है।
—डॉ. प्रभाकर श्रोत्रिय
——1——
हिंदी की यशस्वी लेखिका राजी सेठ ने अपनी हृदयस्पर्शी तथा सामाजिक चेतना जाग्रत् करनेवाली कहानियों से पाठकों के बीच अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। प्रस्तुत है उनकी लोकप्रिय कहानियों का पठनीय संकलन।
Language |
Hindi |
---|
Kindly Register and Login to Lucknow Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Lucknow Digital Library.