Sahejee Hui Chitthiyan by Vikramaditya
नारी मन की विभिन्न परतों को उजागर करती एक आधुनिक नारी की जीवनयात्रा कथा, जो अपने कठिन संघर्ष एवं समरस सोच के माध्यम से अंततः अपना सामाजिक एवं भावनात्मक पड़ाव पा ही लेती है।
कथा शुरू होती है तीन शब्दों से—काम, काम और काम…और विराम लेती है इन्हीं तीन शब्दों पर काम, काम और काम। लेकिन अंतर है इस आदि और अंत में। अंतर क्या है, क्यों है?
इसका उत्तर ढूँढ़ने के लिए अनिता से मिलना जरूरी है।
Language |
Hindi |
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