Sankramak Beemariyon Se Kaise Bachen by Dr Premchandra Swarnakar
क्या आपको पता है, विभिन्न संक्रमणों के कारण एवं उलटी-दस्त और पानी की कमी से दुनिया में प्रतिदिन 4 हजार बच्चे मौत के मुँह में चले जाते हैं? हमारे देश में प्रतिवर्ष 15 लाख रोगी आंत्रशोथ, हैजा और भोजन विषाक्तता जैसे संक्रामक रोगों से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। इसी तरह क्षय रोग, डेंगू, मस्तिष्क ज्वर, रूमेटिक ज्वर, मलेरिया एवं श्वसन संस्थानों के संक्रमणों से भी लाखों बच्चे और वयस्क असमय काल का ग्रास बन जाते हैं।
देश की लगभग आधी आबादी निरक्षर होने के कारण लोगों में इन रोगों से बचाव के प्रति जागरूकता का भी अभाव है। हमारे प्रचार माध्यम एक सीमा तक लोगों को जागरूक तो कर रहे हैं, परंतु संक्रामक रोगों की सही और वास्तविक जानकारियाँ उन्हें नहीं मिल पा रही हैं। अतः इन बीमारियों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा लिखित पुस्तकों का महत्त्व अभी भी बरकरार है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ डॉ. प्रेमचंद्र स्वर्णकार द्वारा संक्रामक रोगों के बारे में प्रायः समस्त बातें बतलाते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है।
विश्वास है, सुधी पाठक पुस्तक का अध्ययन-मनन कर संक्रामक रोगों से बचाव करने में सक्षम होंगे।
Language |
Hindi |
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