Sapanon Bhare Din by Ramdarash Mishra

रामदरश मिश्र के कथा-साहित्य में से किशोर चरित्रों और उनके परिवेश के इर्द-गिर्द सृजित कहानियों का यह महत्त्वपूर्ण संकलन है। किशोर सुलभ रोचक प्रसंगों से भरपूर इनको पढ़ने का एक अलग ही आनंद है। इसमें पंद्रह कहानियों के साथ चार उपन्यासों से चयनित अंश और उनकी डायरी का एक अंश शामिल है। लेखक द्वारा गढ़े गए किशोर चरित्रों की जीवंतता की व्यापकता हास्य, व्यंग्य, करुणा, वात्सल्य आदि रस-रंग से सराबोर है। कहानियों में अनेक ऐसे प्रसंग भी हैं, जो मात्र किशोरवय को ही नहीं, बल्कि मानव जीवन को समग्रता के साथ प्रस्तुत करते हैं और किशोरों को स्वयं को समझने तथा सँवारने की नई दृष्टि प्रदान करते हैं। जिए हुए जीवन से उत्पन्न लेखक की गहन अनुभूतियाँ इन कहानियों को पाठक के लिए सहज संप्रेष्य बनाती हैं।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मनीषियों के लिए कुछ नवीन आयामों को उजागर करने में यह संकलन सहायक सिद्ध होगा। साथ ही भारतीय बाल-साहित्य के विशेष संदर्भ में इनका पठन-पाठन अध्येताओं के लिए भी उपयोगी है।
कहानियों की भाषा-शैली भी परिवेशगत सहजता से ओतप्रोत है। जहाँ शहरी या कस्बाई वातावरण में शब्दों का सौंदर्य है तो वहीं ग्रामीण परिवेश में देशज शब्दों की मिठास है। कथ्य और अभिव्यक्ति दोनों ही दृष्टियों से यह संग्रह पठनीय व किशोरोपयोगी है।

Language

Hindi

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