Ujali Dhoop by Rashmi Gaur
इस देश में कथाकहानियों की परंपरा विश्व में सबसे प्राचीन है। घर के बड़ेबुजुर्ग कथाकहानियों के माध्यम से बच्चों की माँग पूरी करते हैं, साथहीसाथ उन्हें मनोरंजक बनाकर सुनाते भी हैं।
इस कहानीसंग्रह में मुख्यतः बुजुर्ग वर्ग की पीड़ा बयाँ करती कहानियाँ हैं। 21वीं सदी की पीढ़ी बड़ी बेसब्री की हद तक महत्त्वाकांक्षी हो रही है। सबकुछ लेटेस्ट चाहिए उन्हें! बड़ीसेबड़ी गाड़ी, लेटेस्ट फोन, टेबलेट, घडि़याँ आदि। इस दौड़ में वे माँबाप को भूल जाती हैं, जिन्होंने उन्हें इस लायक बनाया है। ‘चिट्ठी आई है’, ‘डी.एन.ए.’, ‘धोबी का कुत्ता’ कहानियाँ नहीं हैं, हकीकत हैं, आज का सच हैं। ‘फरिश्ता’, ‘दादी : एक युग’, ‘उलटी पट्टी’ हलकीफुलकी चुटकियाँ हैं। ‘उजली धूप’ जीवनसंध्या की समस्या को लेकर है, वहीं टॉप करने की धुन में जीवन गँवानेवाली प्यारी सी बच्ची की मार्मिक दास्तान है ‘हजारों चाँद’।
अत्यंत मर्मस्पर्शी एवं पठनीय कहानियाँ, जो पाठक के अंतर्मन को छू लेंगी।
Language |
Hindi |
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