Uth Jaag Musafir by Viveki Rai

प्रस्तुत संकलन ‘उठ जाग मुसाफिर’ के ललित-निबंधों में पग-पग पर पाठकों को उल्लास-उमंग भरी शब्द-सुगंध का प्रसार मिलेगा, और वह भी वैचारिक छुअन के साथ। सृजित ललित-प्रसार अनुरंजन के साथ-साथ टूटते-बिखरते और सिमटते हताश जनों को जीने के प्रति आश्‍वस्त करता है। कसौटी है तृप्‍ति की, जो पाठकों को भरपूर रूप में मिलेगी। देश-काल और जीवन-दर्शन के साथ अपनी कृषि-संस्कृति, अपनी जमीन, गाँव-घर और इनसे जुड़े हुए पर्यावरणीय संदेश, संबंधित चिंतन-मंथन कृति को गंभीरता प्रदान करते हैं। आस्था, सकारात्मक भाव और सुलझाव रचनाओं के केंद्रीय भाव-तत्त्व हैं। इन्हीं के साथ चलकर लेखक अपने प्रिय गाँवों की विस्तार से सुधि लेता है। आकर्षण में विवश होकर पाठक को भी उसके साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना पड़ता है। आप भी आमंत्रित हैं। विश्‍वास है कि पठनानंद से आपकी झोली भर जाएगी!

Language

Hindi

Kindly Register and Login to Lucknow Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Lucknow Digital Library.

SKU: 9789381063521 Categories: , Tag: