Best Of Alhad Bikaneri by Alhad Bikaneri

बेस्ट ऑफ अल्हड़ बीकानेरी
दोउ कर जोरे, खीस निपोरे
हर वोटर पर डालें डोरे
चपरासी को बोलें चाचा
पुलिसमैन को कहें पिताजी
वोट माँगन निकले नेताजी।
चाल रेशमी, ढाल रेशमी
काँधे ऊपर शॉल रेशमी
सिर पर खादी-कैप ओढ़कर
लगें लोमड़ी के फूफाजी
वोट माँगन निकले नेताजी।
आगे झंडे, पीछे डंडे
दाएँ-बाएँ दस मुसटंडे
आरती-वंदन करे चमचियाँ
थैली भेंट करें चमचाजी
वोट माँगन निकले नेताजी।
घर-घर डोलें, वोट टटोलें
नई दुल्हन को बहना बोलें
दूल्हे के आगे मिमियाएँ
‘वोट हमें देना जीजाजी’
वोट माँगन निकले नेताजी।
—इसी संकलन से

सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्यकार श्री अल्हड़ बीकानेरी सन् 1962 से ही श्रोता-पाठकों को गजल-गीत की रसधारा में डुबकियाँ लगवाते रहे हैं। जिन सामाजिक रूढ़ियों, आर्थिक दुश्‍च‌िंताओं, राजनीतिक विडंबनाओं, प्रशासनिक विसंगतियों तथा क्षणभंगुर जीवन की विद्रूपताओं ने कवि के अंतर्मन को भीतर तक कचोटा है, उन्हीं का कच्चा चिट्ठा हैं, अल्हड़जी की ये श्रेष्‍ठ कविताएँ।

Language

Hindi

Kindly Register and Login to Lucknow Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Lucknow Digital Library.

SKU: 9788173156915 Categories: , Tag: