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Shikhandi by Dr. Laxmi Narayan Garg
हिंदू संस्कृति में व्यक्ति को उसके कर्मों का फल मिलने तथा मृत्यु के बाद पुनर्जन्म होने का पुरजोर समर्थन हुआ है। किंतु कर्म-फल तथा पुनर्जन्म कब, कहाँ और किस रूप में प्राप्त होगा—जैसे प्रश्न अनुत्तरित रहे हैं। ऐसे में वेदव्यास रचित ‘महाभारत’ में काशी नरेश की कन्या अंबा का पांचाल नरेश द्रुपद के यहाँ शिखंडी के रूप में पुनर्जन्म और लिंग-परिवर्तन के उपरांत उसका गंगा-पुत्र भीष्म से प्रतिशोध की घटना अत्यंत रोचक और उल्लेखनीय है।
प्रस्तुत उपन्यास ‘शिखंडी’ इसी घटना को केंद्र में रखकर लिखा गया है। इसमें द्रुपद और शिखंडी के जीवन से जुड़े ऐसे कई अनूठे प्रसंग हैं, जो पाठक को इन चर्चित घटनाओं पर नए सिरे से सोचने के लिए विवश करते हैं। उपन्यास में कथानक को गति प्रदान करने और शिखंडी, द्रुपद और पांडवों के अंतर्संबंध को दरशाने के लिए अष्टपाद नामक एक गुप्तचर एवं उसके परिवार के सदस्यों का भी समावेश इसमें किया गया है।
महाभारत गं्रथ में धर्म के प्रतीक युधिष्ठिर की जुआरी रूप में नकारात्मक छवि मिलती है। प्रस्तुत उपन्यास में, विशेषकर अष्टपाद और शिखंडी के वार्त्तालाप के माध्यम से, युधिष्ठिर की इस नकारात्मक छवि को बदलकर उसे विवेकशील एवं दूरद्रष्टा के रूप में स्थापित करने का भी प्रयास किया गया है।
महाभारत के एक महत्त्वपूर्ण परंतु कम परिचित पात्र ‘शिखंडी’ पर अत्यंत रोचक एवं पठनीय उपन्यास।
Shikhar Bharatiya Mahilayen by Prakriti Rai
हमारी प्राचीन संस्कृति में स्त्रियों का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्हें शक्ति और गौरव का प्रतिरूप माना गया है। 21वीं शताब्दी में भारत को एक युवा राष्ट्र माना जाता है और युवा भारत की महिलाएँ फैशन डिजाइनर, आंतरिक सज्जाकार, निर्यातक, प्रकाशक, वस्त्र निर्माता के रूप में उल्लेखनीय प्रगति कर रही हैं साथ ही अर्थव्यवस्था में सक्रिय योगदान देने के और भी नए-नए अवसर तलाश रही हैं। काँच के घरौंदे चटक रहे हैं और स्त्रियाँ बाहर निकलकर जीवन के हर क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं। सरकार के प्रयासों के कारण और गैर-सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.), समाज कल्याण संगठनों और ऐसी ही अनेक संस्थाओं द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों के फलस्वरूप सामाजिक परिस्थितियों में बहुत सुधार नजर आ रहा है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत आज महिलाओं के इतिहास में महान् क्रांति के मध्य में है। भारतीय महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वे हर स्त्री के सपनों को साकार करने में पूर्णतया समर्थ हैं।
इस पुस्तक में जिन महान् महिला हस्तियों का संक्षिप्त जीवनवृत्त दिया गया है, उससे स्पष्ट हो जाता है कि समय बदल रहा है और स्त्रियाँ अब पुरुषों के युगों पुराने स्वेच्छाचारी आधिपत्य को स्वीकारने के लिए कतई तैयार नहीं हैं। जीवन के हर क्षेत्र में शिखर पर पहुँची 75 भारतीय महिलाओं की प्रेरणास्पद कहानी।