Abhinav Sangraha by Karuna Pande

अभिनव संग्रह—करुणा पांडे

काव्य मानव जीवन का उत्सव है और प्रकृति काव्य की आत्मा। बिना प्रकृति के मानव का जीवन अपंग जैसा ही है। मानव केवल चेतनता के साथ ही जन्म नहीं लेता, वरन् वह जड़ व चेतन दोनों की अनुपम देन है। प्राचीनकाल से ही प्रकृति मानव जीवन में रची-बसी है। प्राकृतिक सौंदर्य मानव को अलौकिक आनंद प्रदान करता है।
प्रकृति के विभिन्न उपादान, यथा—रात्रि, प्रभात, पुष्प, पक्षी, जल, अंधकार, प्रकाश, समुद्र, शिला, सुगंध आदि कितने रूपों में हमारे सामने अपनी स्नेहमयी छाया बिखेरे हुए हैं। सब अपने में कितने अलौकिक गुण सहेजे हुए हैं। इनको अलग-अलग महसूस करने पर कुछ भाव मन में उठे, जो स्वतः शब्दों में ढल कविता का चोला पा गए।
इन कविताओं में विभिन्न क्षणों के विभिन्न रंग हैं। देशभक्‍ति का रंग है तो देश की दुर्दशा पर विलाप भी। अंतर से निकली सहानुभूति भूखे, नंगे से तादात्म्य स्थापित करने में सक्षम है।
‘अभिनव संग्रह’ की कविताएँ हृदयस्पर्शी होने के साथ-साथ विचारोत्तेजक भी हैं। भाषा भावों एवं विचारों का अनुगमन करती है। सहज भाषा में बड़ी बात कही गई है। प्रतीकों का भी प्रयोग हुआ है। विश्‍वास है, हिंदी जगत् में इस कविता संकलन का भरपूर स्वागत होगा।

Language

Hindi

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