Akashvani Samachar Ki Duniya by Sanjay Kumar
सन्1959.. .तारीख.. 28 दिसंबर.. स्थान.. आकाशवाणी, पटना का मुख्य स्टूडियो.. और माइक के सामने बैठे रामरेणु गुप्त की नजर माइक के ठीक ऊपर, सामने लगी घड़ी व लाल रंग की बल्व पर ज्योंही समय.. .ठीक शाम के सात बजकर पाँच मिनट हुआ, लाल बल्व जल उठा और. उन्होंने फिडर को ऑन करते हुए. .ये आकाशवाणी, पटना है, अब आप रामरेणु गुप्त से प्रादेशिक समाचार सुनिए ज्योंही कहा-बिहार की मीडिया के लिए यह दिन-समय स्वर्णमयी क्षण बन गया । बिहारवासियों ने रेडियो पर पहला प्रादेशिक समाचार जो सुना था।तब से आज तक यह गूँज बिना रुके-थके जारी है।
Language |
Hindi |
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