Apne Bachche Ko Vijeta Banayen by Suman Vajpayee
अभिभावक की भूमिका बच्चों की सोच को दिशा देने में बहुत महत्त्व रखती है। माता-पिता उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव लाकर बच्चों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं। केवल सोच ही वह चीज है, जो हार को भी जीत में बदल देती है।
चींटी दीवार पर चढ़ने के प्रयास में बार-बार गिरती है, पर फिर भी वह हिम्मत नहीं हारती। लगातार प्रयास करते हुए अंतत: वह दीवार पर चढ़ने में सफल हो जाती है, हालाँकि वह तो इतना नन्हा प्राणी है कि उसे तो पहले ही प्रयास में निराश हो जाना चाहिए था, पर ऐसा नहीं होता है। फिर एक बालक, जिसमें काम करने की लगन हो, बुद्धि हो, शक्ति हो, तब वह निराशा को क्यों गले लगाए?
अभिभावक बच्चे की हर सफलता पर उसे आश्वस्त करें कि उसमें क्षमता है, योग्यता है। हारने पर भी अपने प्यार में कमी न आने दें, अत्यधिक अपेक्षाएँ भी उससे न रखें। अत: एक अभिभावक के नाते आप अपने बच्चे के मार्गदर्शक, पालक, संरक्षक एवं सुरक्षा-कवच बनें।
बच्चों को आत्मनिर्भर, अनुशासित, दृढ़ इच्छाशक्तिवाला एवं विजेता बनानेवाली एक व्यावहारिक दिशा-निर्देशक पुस्तक, जो माता-पिता ही नहीं सभी आम और खास के लिए पठनीय है।
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Hindi |
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