Kalam, Tum Laut Aao by Dr. Rashmi

भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. कलाम अपनी पुस्तकों और व्याख्यानों के माध्यम से विभिन्न विषयों पर प्रेरक टिप्पणियाँ किया करते थे। हमने बहुत विनम्रतापूर्वक और आभार के साथ इस महान् शख्सियत की कुछ चुनिंदा टिप्पणियों-कथनों को इस पुस्तक में संकलित किया है। आज भले ही डॉ. कलाम तन से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन ज्ञान और प्रेरणा के रूप में वे हमारे दिल और दिमाग में हमेशा जीवित रहेंगे। आनेवाले युग-युगों तक उनके शब्द हमें झंकृत करते रहेंगे, प्रेरित करते रहेंगे। उनका हृदय इतना विशाल था कि वे मनुष्यमात्र के हित की बात सोचते थे। यदि हम उन्हें संत की संज्ञा दंि तो अतिशयोक्ति न होगी।
डॉ. कलाम जैसी विभूति युगों-युगों में जन्म लेती है और समूचे मानव जगत् को अपने ज्ञान व प्रेम के माध्यम से विकास का मार्ग दिखाती है। इसलिए, हमें उन जैसे महान् व्यक्ति की आवश्यकता हमेशा रहती है और रहेगी। यही कारण है कि हम आज भी अपने हृदय की गहराइयों से पुकारते हैं कि कलाम, तुम लौट आओ…देश को तुम्हारी बहुत जरूरत है…कलाम, तुम लौट आओ!

Language

Hindi

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