Sharabbandi : Ek Fauladi Faisla by Dhaneshwar Prasad
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सरकार कराधान के समय शराब जैसी हानिकारक वस्तुओं पर अधिक कर लगाकर उसके उत्पादन को हतोत्साहित करती है और समाज के लिए उपयोगी एवं कल्याणकारी वस्तुओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता (सब्सिडी) देती है। इसके बाद भी शराब का उत्पादन घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है। उसके बावजूद जीवन को संकट में डालनेवाली महाबीमारी लोगों के बीच फैल रही है। इसलिए इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए शराबबंदी अत्यावश्यक है। यही कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने
30 सितंबर, 2017 को शराबबंदी का फौलादी फैसला लिया। शराबबंदी शब्द में ही अमृत छिपा है। अगर यह सफल हो गई तो बिहार में अमृत की वर्षा होगी।
नीतीशजी के इस ऐतिहासिक, क्रांतिकारी, अद्वितीय, बेमिसाल, बेहतरीन, सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक एवं फौलादी फैसला स्वागत योग्य है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। विश्वास है कि नीतीशजी की यह शराबबंदी न सिर्फ बिहार में सफल होगी, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए पथ-प्रदर्शक का काम करेगी।
दुनिया के न तो किसी देश ने और न ही किसी धर्म ने शराबखोरी करने की इजाजत दी है। 23 महापुरुषों के कथन मैंने शराबबंदी पर एकत्रित किए हैं।
Language |
Hindi |
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