Main Dalai Lama Bol Raha Hoon by Ed. Rajeev Mehrotra
परम पावन दलाई लामा विश्व में नैतिकता और सदाचार के उच्चस्थ केंद्र हैं। तिब्बतियों के मानवाधिकारों और उनकी संस्कृति के संरक्षण के प्रयास में परम पावन राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं चाहते। वे तो समझौते की माँग भी नहीं करते, बल्कि ‘महान् चीनी जनता’ के साथ मिल-जुलकर काम करने की प्रतिबद्धता और सच्ची स्वायत्तता चाहते हैं। वे एक धार्मिक नेता हैं, जिनको लाखों लोग बुद्ध का अवतार मानते हैं।
मानवता के प्रति उनकी गहरी आस्था, उन्मुक्त हँसी, आत्मिक आनंद तथा स्वभावगत हास्य का अनुभव उनके सान्निध्य में रहकर ही किया जा सकता है। उनकी शांत, आश्वस्त करनेवाली ऊष्म ऊर्जा के सतत प्रवाह को शब्दों में बाँधना संभव नहीं।
परम पावन दलाई लामा बड़ी सहजता से अपने विचार रखते हैं। वे बोलते हैं तो उनके शब्द उनके व्यक्तिगत ज्ञान की गहनता, अंतर्दृष्टि और अपने जीवनकाल में प्राप्त अनुभव से परिपूर्ण होते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में समय-समय पर दिए गए उनके उद्बोधनों, संवाद तथा परिचर्चा से निकले सार को सूक्ति रूप में दिया गया है। ये सूक्तियाँ मानवता, नैकितकता, सामाजिकता और आदर्शों की अंतर्दृंष्टि देकर जीवन का आनंद बढ़ाने में मदद करेंगी।
Language |
Hindi |
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