Naya Bharat, Samarth Bharat by Dr. Vedprakash

‘नया भारत, समर्थ भारत’ संकल्प से सिद्धि की ओर बढ़ता भारत है, जिसमें स्वच्छता, स्वास्थ्य, गरीबी, भ्रष्टाचार, ग्रामोदय, नारी सशक्तीकरण, कुपोषण, कृषि तथा किसान की दशा, विविध आयामी सद्भाव तथा बुनियादी ढाँचा आदि अनेक ऐसे अहम मुद्दे हैं, जिन पर स्वतंत्रता के बाद सत्ता सँभालने वालों को गंभीरता से काम करना चाहिए था, लेकिन राजनीतिक हित तथा निहित स्वार्थों के चलते इन सामाजिक तथा राष्ट्रीय हितों को हाशिए पर रखा गया। ‘संकल्प’ शक्ति के अभाव में उक्त मुद्दे गंभीर चुनौती बनते चले गए। सन् 2014 में त्रस्त जनता ने भारी जनादेश देकर भाजपा को विजयी बनाया। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई उम्मीदें जगीं। 15 अगस्त, 2014 को लालकिले की प्राचीर से अपने पहले ही संबोधन में उन्होंने प्रधान सेवक बनकर उपर्युक्त मुद्दों को गंभीरता से उठाते हुए उनके समाधान का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने निराशा तथा नकारात्मकता में डूबे जन-जन को झकझोरा, भागीदारी का आह्वान किया तथा संकल्पबद्ध होकर कार्य करने का विश्वास जगाया। जन-जन की भागीदारी से राष्ट्रहित में अनेक बड़े और कड़े फैसले लेते हुए वे आगे बढ़ते रहे। लक्ष्य स्पष्ट था—‘सबका साथ, सबका विकास’। ‘साफ नीयत’ से लिये गए संकल्प अब सिद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। ‘नए भारत’ की व्यावहारिक संकल्पना की प्रेरक प्रस्तुति है यह कृति ‘नया भारत, समर्थ भारत’।

Language

Hindi

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