Paryavaran : Satat Vikas Evam Jeevan by Dr. Dina Nath Tewari

दुनिया के 184 देशों के पंद्रह हजार से ज्यादा वैज्ञानिकों ने बढ़ती आबादी और प्रदूषण के चलते बदलते पर्यावरण को मानव-अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। पर्यावरण पर पड़ रहे घातक असर अल्पकालीन नहीं हैं, ये दूर तक जाएँगे और इनका सीधा असर गरीब ही नहीं, बल्कि अमीर भी भुगतेंगे।
सुखद बात यह है कि विश्व स्तर पर राष्ट्रों ने ‘सतत विकास 2030’ का एजेंडा अपनाया है तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने हेतु ‘पेरिस समझौता 2015’ के अंतर्गत विश्व तापमान को 2 सेंटीग्रेड से कम रखने का निश्चय किया है। भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस की स्थापना करके सौर ऊर्जा के उत्पादन में भारी सफलता अर्जित की है। देश में बढ़ती हरियाली, बाघों की बढ़ती संख्या, नदियों का जुड़ना, स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे, स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं समुचित उपभोग ने पर्यावरण के सतत विकास हेतु हमारी प्रतिबद्धता बढ़ाई है।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करनेवाली पठनीय कृति।

Language

Hindi

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