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Kya Aap Iit Crack Karna Chahate Hain? by Vivek Pandey & Paras Arora
दो आईआईटियन आई.आई.टी. में सफलता दिलानेवाले 100 टिप्स और ट्रिक्स का जादू लेकर आए हैं। उनका एक ही मंत्र है ‘होशियारी भरा काम कड़ी मेहनत को पीछे छोड़ देगा।’ यह न केवल फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के सवालों के बारे में सबकुछ बताता है, बल्कि उन समस्याओं को भी दूर करता है, जिन्हें लेकर छात्र चिंता में डूबे रहते हैं और समझ नहीं पाते कि किससे पूछें—
• रात को देर तक जागनेवाले बनाम सुबह जल्दी उठनेवाले
• 11वीं क्लास में आपको क्या करना है?
• किसी फॉर्मूले को याद करने के लिए 84 बार लिखना
• डब्लू.डब्लू.ई.-स्टाइल वाले कार्ड के इस्तेमाल से पढ़ाई को मजेदार बनाना
• कलर-कोड वाले नोटबुक
• लैब के प्रयोगों से ज्यादा-से-ज्यादा फायदा उठाना
अगर ट्यूटोरियल और टेक्स्टबुक प्रोफेसर हैं, तो यह पुस्तक ऐसा चालाक दोस्त है, जो आपको क्लासरूम के बाहर मिलता है और आप उससे अपने सारे सवाल पूछ लेते हैं।
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Kya Aap Ameer Banna Chahte Hain? by Napoleon Hill
विश्वप्रसिद्ध मोटिवेटर और सैल्फ-हैल्प एक्सपर्ट नेपोलियन हिल की इस पुस्तक से आपको नए लक्ष्य व स्वप्न देखने की भी प्रेरणा मिलेगी, क्योंकि समृद्धि केवल सौभाग्य व यश के संकुचित पैमाने तक ही सीमित नहीं होती। आपको भी निजी, आध्यात्मिक व आर्थिक—हर पैमाने पर अमीर बनने का पूरा अधिकार है। डॉ. हिल ने देखा कि जीवन में केवल आर्थिक समृद्धि हासिल करनेवाले लोगों के पास चाहे कितने ही पैसे हों, फिर भी वे दुनिया के सबसे दुःखी व असंतुष्ट लोग होते हैं। सही मायने में अमीर होने के लिए जीवन के हर क्षेत्र में समृद्धि होना आवश्यक है।
जीवन में समृद्धि पाने और अमीर बनने के लिए डॉ. हिल ने ये ग्यारह सिद्धांत बताए हैं—
• निश्चित उद्देश्य • मास्टरमाइंड • अनुप्रयुक्त आस्था • कुछ अधिक करना • आंतरिक दीवार • व्यक्तिगत पहल • सकारात्मक मानसिक अभिवृत्ति • आत्मानुशासन • रचनात्मक दृष्टिकोण या कल्पना-शक्ति • उत्तम स्वास्थ्य • ब्रह्मांडीय नियमितता शक्ति का नियम।
साथ ही डॉ. हिल ने अमीरी के बारह महान् व चिरस्थायी लक्षण बताए हैं—
• सकारात्मक मानसिक अभिवृत्ति • अच्छा स्वास्थ्य • मानवीय रिश्तों में समरसता • हर प्रकार के भय से मुक्ति • भविष्य में उपलब्धियों के प्रति आशा • अनुप्रयुक्त आस्था • अपनी सुविधाओं को दूसरे के साथ बाँटने की इच्छा रखना • श्रम से प्रेम करना • हर विषय पर उदार रहना, लोगों के प्रति सहिष्णु होना • पूर्ण आत्मानुशासन • लोगों को समझने का विवेक होना • पैसा।
Kya Aap Jante Hain? – Hindi Encyclopedia For Children
Aaj vishv ke vaigyaanikon ne vigyaan ke kshetra mein bahut se asambhav dikhane vaale kaaryon ko bhee sambhav kar dikhaaya hai, jin par hamen sahaj mein vishvaas nahin hota. vigyaan ke badhate kadam aur naye-naye chamatkaaron ko dekhakar hamaaree bu (i chakit rah jaatee hai. ham apanee jindagee mein bahut saaree chhotee-chhotee ghatanaon ko dekhakar yah sochane par vivash ho jaate hain ki yah kaise hota hai? aakhir aisa kyon ho raha hai? aisa hone ka kya kaaran hai …………? aise kaee prakaar ke jigyaasu prashn hamaare man mein lagaataar uthate rahate hain. prastut pustak mein man keee jigyaasa ko shaant karane vaalee aisee hee se jyaada 500 rochak, preranaadaayak aur gyaanavardhak prashnon ke uttar chitron sahit maujood hai.(Today, scientists around the world have made everything possible in the field of science which earlier couldnt even be dreamt off. We are bewildered by the growing steps of science and new wonders.Looking at many small incidents in our life, we are forced to think about how or why that happens.What is the reason for this? There are many types of inquisitive questions in our mind. This book has more than 500 interesting, inspirational and enlightening answers to questions with such pictures that calm the curiosity of students.)
Kya Aapka Bachcha Surakshit Hai? by K. Sanjay Kumar Gurudin
यह पुस्तक माता-पिता को अपने बच्चों को ऑनलाइन खतरों से सुरक्षित रखने के लिए उपयोगी सूचना और सलाह देनेवाली गाइड से कहीं अधिक है। इसमें इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जुड़े खतरों और संभावित जोखिमों के बारे में विस्तार से बताया गया है। पुस्तक पाठकों को यह भी बताती है कि कैसे तकनीक-प्रेमी बच्चे भी खतरनाक साइबर-जगत् को खँगालने के दौरान चूक कर जाते हैं।
लेखक ने चेतावनी के उन संकेतों और लक्षणों को भी पूरी बारीकी से गिनाया है, जो उन बच्चों में दिखते हैं, जिनका सामना ऑनलाइन खतरों से होता है। साथ ही उनसे उबरने के व्यावहारिक उपाय भी सुझाए हैं। यह पुस्तक बच्चों को पर्याप्त कौशल देने, डिजिटल दृढ़ता और दबावों को झेलने की क्षमता विकसित करने पर अधिक जोर देती है। बहुत सरल-सुबोध भाषा में लिखी गई इस पुस्तक में कुछ भी काल्पनिक नहीं है। यह वास्तविक घटनाओं और समर्पित पुलिस अधिकारी के रूप में लेखक द्वारा 12 साल के अपने कॉरियर के दौरान मिले अनुभवों पर आधारित है।
बच्चों को इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के खतरों तथा इनके यथोचित उपयोग से परिचित कराती एक व्यावहारिक पुस्तक।
Kya Hain Kalam by R Ramanathan
डॉ. कलाम क्या हैं, कौन हैं? वह सभी के प्रेम, सम्मान तथा प्रशंसा के पात्र क्यों हैं? वे कौन सी बातें हैं, जो उन्हें लोकप्रिय बनाती हैं? कौन सी विशेषताएँ उन्हें दूसरों से भिन्न बनाती हैं?
यह पुस्तक इन प्रश्नों का सर्वथा सही, उचित और सार्थक उत्तर देने का प्रयास करती है । यह न तो पारंपरिक अर्थों में जीवनी है, न ही आलोचनात्मक विश्लेषण । यह पुस्तक सामान्य रूप से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पीजे. अब्दुल कलाम के व्यक्तित्व को उनके साथ निकट रूप से काम कर चुके व्यक्ति की नजरों से देखने का प्रयास करती है । यह डॉ. कलाम के व्यक्तित्व तथा जीवन के अप्रकट पहलुओं पर प्रकाश डालती है और पाठक को उनके व्यक्तित्व के बारे में एक गहरी समझ विकसित करने में मदद करती है । इस पुस्तक के माध्यम से डॉ. कलाम का बहुपक्षीय दूरद्रष्टा व्यक्तित्व हमारे सामने आता है, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा राष्ट्र के विकास के अलावा संगीत, साहित्य एवं पर्यावरण में भी रुचि रखते हैं । उनके व्यक्तित्व की जो विशेषता सबसे अधिक प्रेरक है, वह है उनकी मानवीय संवेदना ।
Kya Khub Chutkule
Each and every joke in this book is nothing but hilarious, which is sure to make you roll on the floor laughing.
Kya Mujhe Pyar Hai? by Arvind Parashar
‘‘तो नील, कल्पना करो कि कोई है, जिससे मैं प्यार करती हूँ, इकतरफा और मैं उससे पिछले सात वर्षों से प्यार करती हूँ। सदा से इकतरफा और मैंने उसे आज तक नहीं बताया है।’’
‘‘तुम वाकई अद्भुत हो, है न?’’
‘‘और तुम कितने लोगों को जानते हो, जो किसी को सात वर्षों से चाहते हों और वह भी एकतरफा?’’
‘‘मेरे खयाल से यह एकतरफा प्यार है, इसीलिए सात वर्षों से चला आ रहा है। अगर यह दोनों तरफ से होता तो शायद इसकी भी नियति मेरी जैसी ही होती।’’
‘‘जब तक ऐसा कुछ होता नहीं, कोई नहीं जानता।’’
‘‘मगर तुमने उसे इसके बारे में बताया क्यों नहीं?’’
‘‘मेरी माँ ने कहा था, अगर मैं किसी से प्यार करती हूँ तो उसे बताने से पहले मुझे अठारह वर्ष पूरे करने होंगे। उसने कहा, उस लड़के से मिलने से पहले मुझे बालिग होना चाहिए।’’
—इसी उपन्यास से
प्रेम और अंतरंगता के ताने-बाने में बुना अत्यंत रोचक और पठनीय उपन्यास। एक बार पढ़ना शुरू करने के बाद पाठक इसे खत्म करके ही रुकेंगे।
Kyon Papa Kyon? by Chitra Manglik Kumar
‘क्यों पापा क्यों?’ एक कहानी-संग्रह है। यह पुस्तक मनगढ़ंत कल्पनाओं पर आधारित अथवा मात्र मनोरंजन के लिए लिखी गई हो, ऐसा नहीं है। वास्तविक लोग, संयुक्त परिवार, प्रामाणिक जीवन, भूतकाल से वर्तमान समय की कड़ी-से-कड़ी जोड़ती हुई स्वतंत्र नदिया की बहती धारा के रूप में सबको लेकर,समेटते निरंतर आगे बढ़ती जीवंत सदस्यों की जीवनी में बद्ध कहानियाँ हैं ।
परिवर्तन संसार का नियम है। समाज में निरंतर परिवर्तन होता रहता है। इन कहानियों में समाज का बदलता रूप, पारिवारिक संबंधों में तनाव, अलगाव, आधुनिक जीवन-शैली, व्यक्तिगत अहं वाली मानसिकता के साथ-साथ परंपरागत संगठित परिवारों का जीवन झलकता है।
इन कहानियों में पुरानी पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ी, दोनों का चित्रण है, जो समय और समाज के बदलते दौर पर मंथन करने के लिए प्रेरित करती हैं। दोनों पीढ़ी की सार्थक सोच के समन्वय से संभवतः समाज को अधिक सशक्त, सुखद और सभ्य बनाया जा सकता है।
Kyunki Jeena Isi Ka Naam Hai by N. Raghuraman
मुंबई में एयरपोर्ट के पास भीख माँगने की इजाजत नहीं है। यदि कोई इस नियम को तोड़ता है, उसे पुलिस के डंडे की मार झेलनी पड़ती है। क्या हम ऐसे घुमक्कड़ लोगों की पहचान करके, उनकी क्षमताओं के अनुरूप प्रशिक्षण देकर उन्हें गली-गली में कला-प्रदर्शक के रूप में तैयार नहीं कर सकते? दुनिया भर के विरासत विशेषज्ञ तथा टाउन प्लानर इन बेघर लोगों को गलियों में वाद्ययंत्र बजाने या कला-प्रदर्शन करने में प्रशिक्षण दे चुके हैं।
अमेरिका में यात्री और पर्यटक अकसर ऐसे कलाकारों को पहचान सकते हैं। सब-वे, स्टेशन तथा सैदूल-पार्क जैसे गार्डन में ऐसे प्रदर्शन किए जा सकते हैं। एक प्राचीन चीनी कहावत है—‘बच्चे नकलची होते हैं, इसलिए उन्हें नकल करने के लिए कुछ भी विषय दिया जा सकता है।’ भारत के आई.टी. हब बेंगलुरु में भी केस स्टडी किए जा सकते हैं तथा यहाँ भी गलियों में कला-प्रदर्शन किए जा सकते हैं। जो बच्चे भीख माँगते हैं, वे आसानी से यह रोजगार अपना सकते हैं। इससे उनका आत्म-सम्मान बढ़ेगा। पूरे बेंगलुरु में नहीं तो कम-से-कम लालबाग व कब्बन पार्क में यह प्रयोग किया जा सकता है।
मोटिवेशन गुरु एन. रघुरामन की समाज को एक अनूठी दृष्टि से देखने की क्षमता का परिणाम है यह पुस्तक, जो जीवन को रूपांतरित करने का संदेश देती है।
L.I.C./G.I.C./O.I.C. Sahayak Prashasnik Adhikari (A.A.O.) Pariksha
A Modern Approach to pass various competitive exams based on the current syllabus and helpful to excel in L.I.C./G.I.C./O.I.C. Sahayak Prashasnik Adhikari (A.A.O.) Pariksha exams and perform best in their career and comes with detailed solutions, not just the answer key, for each and every question included in it. It promotes self-evaluation by enabling you to not only practice and revise concepts but also keep track of your progress. This book allows you to clarify your doubts and remove the fears generally associated with exams, improve your concentration and hone your time management skills, enabling you to answer the questions within the given time frame.
L.L.B. Pravesh Pariksha
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Ladki Anjani Si by Ajay K. Pandey
हर फरिश्ते में, एक शैतान छिपा होता है,
और हर शैतान के भीतर, एक फरिश्ता पलता है।
पहली बार जब उसने अपनी नई मकान-मालिकन पर नजर गड़ाई, जो एक विधवा और उससे ग्यारह साल बड़ी है, तो उसे एक मौका दिखाई पड़ा। उसके पास अमीर बनने का एक प्लान है और वह उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करता है, जब तक कि उसकी मुलाकात पीहू से नहीं होती। वह एक अपरिपक्व टीनएजर है, जो नील को चाहती है, और आँख मूँदकर मान लेती है कि वह एक फरिश्ता है, जो उसकी जिंदगी की सारी मुश्किलें दूर कर देगा।
बेवजह की इस चाहत और प्लान का काँटा बनती पीहू से नील नफरत करता है, लेकिन नील को बेहतर इनसान बनाने की पीहू की जिद नील को अंदर तक झकझोर देती है।
क्या पीहू उसे बदल पाएगी? क्या जो इनसान सारी हदों को पार कर चुका है, उसका हृदय बदला?
‘लड़की अनजानी सी’ भावनाओं का ऐसा उफान है, जो आपको यकीन दिला देगा कि कबूलनाम सबसे बड़ी सजा होती है।
अजय कुमार पांडे ने अपने लेखन से कई लोगों की जिंदगी को छूआ है, और वे लगातार प्रेम कहानियाँ लिख रहे हैं। उनकी पुस्तकें कई बेस्टसेलर चार्ट का हिस्सा हैं, और उन गहराइयों को टटोलती हैं, जहाँ तक दिल उतर सकता है।
प्रेम की नई परिभाषा रचनेवाली पठनीय कृति।
Ladkiyon Ke Liye Self Defence by Ranjana Kumari
एक श्लोक है—‘यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते, रमन्ते तत्र देवताः’ यानी जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवताओं का वास होता है। इसलिए भारत में स्त्रीशक्ति का सबसे अधिक सम्मान रहा और नारी की अस्मिता की रक्षा के लिए अनके निर्णायक युद्ध हुए। स्वयं नारी ने अपनी लाज की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। पर युग बदल गया है, नारी अब अपने स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के लिए अपनी आहुति नहीं देगी वरन् स्वयं को अपनी रक्षा के लिए समर्थ बनाएगी और उसे स्पर्श करने का प्रयास करनेवाले का प्रतिकार करेगी।
इस पुस्तक में महिलाओं या लड़कियों की आत्मरक्षा से संबंधित विभिन्न उपायों की चर्चा की गई है, जिन्हें जानकर कोई लड़की या महिला खुद में अपराधी से लड़ने का आत्मविश्वास पैदा कर सकती है। साथ ही इसकी सहायता से खुद को मजबूत, सजग, सेहतमंद, चुस्तदुरुस्त बना सकती है, वहीं आत्मरक्षा के अचूक सूत्रों को सीख सकती है; आत्मरक्षा से संबंधित सारी जानकारियाँ प्राप्त कर सकती है।
यह पुस्तक किसी भी खतरनाक परिस्थिति में अपना बचाव करने और उससे उबरने में लगभग सभी आयुवर्ग की महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सकती है।
लड़कियों को सेल्फ डिफेंस यानी आत्मरक्षा के व्यावहारिक गुण बताती जनोपयोगी पुस्तक।
Lady Susan by Jane Austen
‘‘आपको लंबे जूते पहनने चाहिए।’’ कुछ पल रुककर वह फिर बोले, ‘‘लंबे जूते पहनने से एडि़याँ एकदम साफ रहती हैं। काले के साथ लंबे जूते बहुत अच्छे लगते हैं। या आपको लंबे जूते पसंद नहीं हैं?’’
‘‘हाँ, पर अगर वे इतने मजबूत हों कि वे आपके पैरों के सौंदर्य को नष्ट न होने दें। वे इस तरह देहात में घूमने के लिए उपयुत नहीं हैं।’’
‘‘खराब मौसम में महिलाओं को घुड़सवारी करनी चाहिए। या आप घुड़सवारी करती हैं?’’
‘‘नहीं, लॉर्ड।’’
‘‘मैं सोचता हूँ, आखिर प्रत्येक महिला यों नहीं करती? औरत घोड़े की पीठ पर बैठी सबसे अच्छी लगती है।’’
‘‘पर हो सकता है कि प्रत्येक महिला की रुचि या उसके पास साधन न हों।’’
‘‘अगर उन्हें यह पता हो कि वह उन्हें या बना देगा तो उनकी रुचि भी पैदा हो जाएगी और मैं सोचता हूँ, मिस वॉटसन, एक बार जब उनका झुकाव हो जाएगा तो साधन अपने आप बन जाएँगे।’’
—इसी उपन्यास से
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विश्ववियात लेखिका जेन ऑस्टन की प्रसिद्ध कृति, जिसमें पाठक स्त्री-पुरुष संबंध और मानवीय संवेदना की झलक पाएँगे।