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Vishwa Ki Mahan Krantiyan by Sadanand Rai
क्रांति का अर्थ उस अवस्था को समाप्त करके, जिसमें रहना ही असहनीय होता जा रहा हो, नई व्यवस्था की स्थापना करना था। अतः जहाँ-जहाँ भी विश्व में क्रांतियाँ हुईं, वहाँ देशकाल और स्थितियों के अनुसार ही इनका सूत्रपात हुआ।
दिन-प्रतिदिन बढ़ते साधनों ने क्रांति को नया रूप दे दिया था। हिंसक और अहिंसक दोनों ही रूपों ने इस क्रांति विचारधारा को प्रश्रय दिया और 17वीं शताब्दी के अंत में विश्व ने इस क्रांति से परिचय किया, जो आज 21वीं शताब्दी के घोर आधुनिक युग में भी अपनी आवश्यकता एवं प्रासंगिकता बनाए हुए हैं। विश्व का यह आधुनिक और विहंगम स्वरूप इन्हीं क्रांतियों की देन है। तानाशाहों, साम्राज्यवादियों, निरंकुश और अयोग्य शासकों के चंगुल से निकलकर जनता ने आधुनिकता की ओर कदम रखे तो इन्हीं क्रांतियों के कारण, जिनमें प्राणों की आहुति दी गई और शत्रुओं को सबक भी सिखाया गया।
इस पुस्तक में विश्व की उन महान् क्रांतियों का वर्णन किया गया है, जिन्होंने विश्व का भविष्य तय कर दिया; जैसे— औद्योगिक क्रांति : क्रांतियों का आधार, वैज्ञानिक क्रांति, इंग्लैंड की महान् क्रांति, फ्रांस की गौरवपूर्ण क्रांति, इटली की संघर्ष-क्रांति, भारत छोड़ो आंदोलन, जर्मनी की एकीकरण क्रांति, तिब्बत की धार्मिक क्रांति, जापान की तकनीकी क्रांति।
Vishwa Prasiddh Kahaniyan -I by Suresh Kant
पुराने जमाने में रैंपसिनिटस नाम का एक राजा हुआ है। उसके पास बहुत खजाना था। राजा ने अपने खजाने की सुरक्षा के लिए पत्थर की एक ऐसी बड़ी कोठरी बनवाने की सोची, जिसका एक सिरा उसके महल की बाहरी दीवार का एक हिस्सा हो।
कारीगर ने कोठरी बनानी शुरू कर दी। महल का बाहरी दीवारवाला हिस्सा बनाते समय उसके दिमाग में राजा का खजाना लूटने की बात आईं और उसने उस दीवार में एक पत्थर इस तरह जमा दिया कि उसे वहाँ से आसानी से निकाला जा सके ।
कोठरी कुछ दिनों में बनकर तैयार हो गई। राजा ने अपना खजाना वहाँ रखवा दिया।
समय बीतता गया। कुछ समय बादवह कारीगर बीमार पड़ गया। अपनी मृत्यु निकट देखकर उसने अपने दोनों बेटों को अपने पास बुलाया और उन्हें राजा के खजानेवाली कोठरी के पत्थर की बात बताई। उसने कहा, मैंने तुम्हारे लिए ही यह सब किया है। राजा के खजाने को लूटकर तुम सारी जिंदगी मजे में बिता सकोगे।’’
‘इसी पुस्तक से’
Vishwa Prasiddh Unsuljhe Rahasya
: Discover inexplicable incidents occurring not only in the skies and the cosmos, but also in the natural world, and at the depths of human mind with the help of hoaxes, technologies, secret societies and miracles. This book steals the show as like other mystery books it just doesn’t help you imagine situations or invented characters but also allows you to revolve around real happenings which though are hard to believe due to their extraordinary nature but the illustrations and proofs provided in the book convinces the reader of their existence and hence keeps him glued. Though it is not a fiction, the incidences mentioned in this book are exceptionally and completely breathtaking which promise to make the reader more and more curious with every passing leaf… In fact, thrillers have always fascinated the young and old alike. There is no clear-cut demarcation line between myth and history, or between appearance and reality. Many mysteries have been solved but there are still many more which have remained unsolved and defied all rational explanations.
Vishwa Prasiddha Kahaniyan – Vol. Ii by Suresh Kant
रूस का एक छोटा सा कस्बा है—व्लादिमिर। उस कस्बे में एक व्यापारी रहता था, जिसका नाम था—इवान दमित्री एक्सीनोव। एक दिन व्यापार के सिलसिले में उसे निझनी के मेले में जाना था। वह अपनी घोड़ागाड़ी में बैठकर मेले के लिए निकल पड़ा।
रास्ते में एक्सीनेव को एक अन्य व्यापारी मिला, जिसे वह पहले से जानता था। रात हुई तो दोनों रात बिताने के लिए एक सराय में ठहर गए।
उनके कमरे पास-पास थे। उन्होंने इकट्ठे बैठकर चाय पी और फिर सोने के लिए अपने-अपने कमरे में चले गए।
—इसी पुस्तक से
Vishwa Prasiddha Kahaniyan (Vol. Iii) by Suresh Kant
एक पुलिस अधिकारी बड़ी फुरती से सड़क पर गश्त लगा रहा था। रात के अभी मुश्किल से दस बजे थे, लेकिन हलकी-हलकी बारिश तथा ठंडी हवा के कारण सड़क पर बहुत कम आदमी नजर आ रहे थे।
सड़क के एक छोर पर एक गोदाम था।
‘‘उस रात हमने निश्चय किया था कि अगली सुबह बीस वर्षों के लिए हम उएक-दूसरे से अलग हो जाएँगे। इन वर्षों में हम जीवन में कुछ बनने के लिए संघर्ष करेंगे और जो कुछ बन पाएँगे, बनेंगे। ठीक बीस वर्ष बाद इसी समय हम फिर यहीं मिलेंगे, चाहे इसके लिए कितनी ही दूर से क्यों न आना पडे़ तथा हमारी कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो।’’
‘इसी पुस्तक से’
Vishwa Prasiddha Kahaniyan (Vol. Iv) by Suresh Kant
एक था राजा। वह कपड़ों का बहुत शैकीन था। कपड़ों के चक्कर में राजकाज तक में ध्यान नहीं देता था, हालाँकि उसके पास तरह-तरह के कपड़ों का ढेर लगा हुआ था।
वह देश-विदेश के प्रसिद्ध दर्जियों को बुलवाकर उनसे कपड़ों के डिजाइनों के बारे में बातें करता रहता। यदि कभी कोई व्यक्ति आकर उसके कपड़ों की प्रशंसा कर देता तो वह उसे खूब पुरस्कार देता।
एक बार दूसरे राज्य के दो ठगों को राजा के इस शौक का पता लगा। उन्होंने राजा को ठगने और सबक सिखाने की ठानी। उन्होंने राजा को संदेश भेजा कि वे सोने और हीरे के धागे से कपड़ा तैयार कर उसके लिए एक ऐसी सुंदर पोशाक बना सकते हैं, जिसके बारे में कभी किसी ने सपने में भी न सोचा होगा। किंतु उनकी शर्त थी कि उस अद्भूत पोशाक को कोई मूर्ख या अपने पद के अयोग्य व्यक्ति नहीं देख सकेगा।
‘इसी पुस्तक से’
Vishwa Shanti Guru Dalai Lama by Mayank Chhaya
विश्व शांति गुरु दलाई लामा—मयंक छाया
महान् आध्यात्मिक धर्मगुरु परम पावन दलाई लामा का जीवन जितना संघर्षपूर्ण रहा है उतना ही प्रेरक और पथ-प्रदर्शक भी रहा। दो वर्ष की आयु में उन्हें तेरहवें दलाई लामा के अवतार के रूप में स्वीकार किया गया और सन् 1940 में उन्हें विधिवत् अपने पूर्ववर्ती दलाई लामा का उत्तराधिकारी माना गया। इस दीर्घकालीन जीवन में दलाई लामा ने निरंतर सैद्धांतिक दृढ़ता और अहिंसा का परिचय दिया है।
विश्व के ऐसे महान् दिव्य पुरुष के बारे में जानने की जिज्ञासा हर व्यक्ति के मन में रहती है। सन् 1997 में भारतीय पत्रकार मयंक छाया को परम पावन दलाई लामा ने अपने जीवन और काल के बारे में लिखने के लिए अधिकृत किया। परम पावन दलाई लामा के भरपूर सहयोग से लिखी गई इस आकर्षक और अद्यतन जीवनीपरक पुस्तक में व्यक्तिगत वर्णन से बढ़कर काफी कुछ है। उन्होंने तिब्बत और बौद्ध परंपरा के बारे में लिखा, जिसमें दलाई लामा का उदय हुआ। उन विचारों के बारे में बताया, जिसमें उनकी मान्यताएँ, राजनीति और आदर्शों ने आकार ग्रहण किया।
लेखक ने इस शोधपूर्ण जीवनी में दलाई लामा के निर्वासित जीवन का चित्रण किया और उन विभिन्न भूमिकाओं के बारे में बताया है, जो उन्होंने अपने अनुयायियों के लिए निभाईं। चीन और तिब्बत के अत्यंत जटिल विवाद पर उन्होंने प्रकाश डाला और चीनी कब्जे के प्रति दलाई लामा के अहिंसक रवैए से कुंठित तिब्बती युवाओं के बढ़ते असंतोष के बारे में अंदरूनी जानकारी दी है।
दलाई लामा के दर्शन, उनके कार्य और संपूर्ण जीवन पर विहंगम दृष्टि डालती प्रेरणाप्रद जीवनी।
Vishwa Vandya Vivekananda by Triloki Nath Sinha
विश्व-वंद्य स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंदजी ने विश्व धर्म संसद् में अपने उद्बोधन से प्रतिनिधियों सहित सभी श्रोताओं की हृद्तंत्री को ऐसा झनझनाया कि वहाँ 17 दिन की सभा में आयोजकों को उन्हें 5 दिन बोलने का अवसर देना पड़ा।
भारत के उस अंधकारपूर्ण युग में स्वामी विवेकानंदजी ने भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने व सम्मान दिलाने का अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने इस संपूर्ण भूमंडल में भारत की श्रेष्ठता की पहचान सर्वत्र करा दी। उन्होंने अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंसजी के दिव्य संदेश को विश्व में प्रचारित करने के साथ ही ‘नर सेवा—नारायण सेवा’ का एक अभिनव सूत्र धर्मप्रिय लोगों व संन्यासियों को देकर श्रीरामकृष्ण आश्रम की स्थापना करके उस सूत्र को व्यवहार में लाने का माध्यम प्रस्तुत कर दिया।
स्वामी विवेकानंदजी के जीवन तथा विचारों से संबंधित विपुल साहित्य प्रकाशित हो चुका है, तथापि उनका विस्तृत समस्त विवरण इस छोटी सी पुस्तक के रूप में भारत के समाज-बंधुओं, विशेषकर नवयुवकों एवं विद्यार्थियों के लिए सुलभ कराने का प्रयत्न किया गया है। उनके विचारों को अधिकाधिक उन्हीं के शब्दों में उद्धृत करने का भरसक प्रयास किया गया है, जो उनकी उपलब्ध जीवनियों, पुस्तकालयों, पत्रिकाओं एवं विद्वानों के उद्धरणों से प्रयत्नपूर्वक ढूँढ़कर निकाले गए हैं।
विश्व के जनमानस को उद्वेलित करनेवाले तथा दरिद्र नारायण की सेवा का मार्ग प्रशस्त करनेवाले स्वामी विवेकानंद की प्रेरणादायी जीवनी।
Vishwa Vibhutiyaan
A Modern Approach to pass various competitive exams based on the current syllabus and helpful to excel in Vishwa Vibhutiyaan exams and perform best in their career and comes with detailed solutions, not just the answer key, for each and every question included in it. It promotes self-evaluation by enabling you to not only practice and revise concepts but also keep track of your progress. This book allows you to clarify your doubts and remove the fears generally associated with exams, improve your concentration and hone your time management skills, enabling you to answer the questions within the given time frame.
Vishwa Vyakti Kosh by Mukesh ‘Nadaan’
कोई भी व्यक्ति महान् तभी कहलाता है, जब वह कोई महान् कार्य करता है। विश्व में ऐसे अनेक व्यक्तियों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने महान् कार्यों से अपने समाज का ही नहीं, वरन् अपने देश और संपूर्ण मानव जाति का उद्धार किया। मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, अकबर, अमिताभ, सिकंदर, शेक्सपियर आदि अनेक ऐसे ऐसी अनेक तेजस्वी विभूतियों ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया तथा अपने जनहित के कार्यों से महान् बनकर इतिहास के पन्नों पर अमर हो गए और कहलाए—‘विश्वप्रसिद्ध महान् व्यक्ति’।
प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे ही अनेक विश्वप्रसिद्ध महान् व्यक्तियों का संक्षिप्त जीवन-परिचय प्रस्तुत किया गया है, ताकि मानवता के विकास में उनके उल्लेखनीय योगदान को रेखांकित किया जा सके। विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षण-संस्थाओं एवं पुस्तकालयों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर नामों के अकारादि क्रम में प्रस्तुत इस पुस्तक को उपयोगी एवं सार्थक बनाने का हरसंभव प्रयास किया गया है।
Vishwakarma Business Review
Vishwakarma Business Review (VBR) is the journal of Vishwakarma Institute of Management, Pune. VBR is an interdisciplinary management journal focusing on integrating theory, research and practice in the area of management. It aspires to bring academician and practitioner together. The purpose of the journal is to publish conceptually sound contribution in form of research papers, book review and case study. The publication will focus on all contemporary issues of management: marketing, finance, human resource, operations, technology, corporate strategy, economics, public policies and general management.
Vishwakarma Vishwa
Kala Karigari and Kaushalya ne Ujagar karatu vishwakarma parivar nu sau pratham monthly magazine.
Vishwamanav Rabindranath Tagore by Narendra Jadhav
आलौकिक प्रतिभासंपन्न, साक्षात् प्रतिभासूर्य, भारतमाता के एक महान् सुपुत्र रवींद्रनाथ टैगोर। साहित्य, संगीत, कला— इन सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान देनेवाले गुरुदेव टैगोर सर्वार्थों में युगनिर्माता थे। आज के भूमंडलीकरण के युग में कई दशक पहले पूर्वपश्चिम संस्कृतियों को मिलाकर दुनिया में एक नई अक्षय संस्कृति निर्माण होने का सपना देखनेवाले द्रष्टा एवं विश्वमानव!
रवींद्रनाथ की लोकोत्तर प्रतिभा, उनकी बहुश्रुतता, संवेदनशीलता, उनके अनुभवों की समृद्धि और उन अनुभवों को साहित्य, संगीत, कला के माध्यम से व्यक्त करने की असामान्य क्षमता रखनेवाले गुरुदेव वंदनीय हैं, अभिनंदनीय हैं। रवींद्रसाहित्य और रवींद्रसंगीत प्रभावशाली तथा लुभावने हैं। रवींद्रनाथ का साहित्य एक बार पढ़ा तो फिर भूल नहीं सकते। वह आपके मन में बारबार गूँजता रहता है।
रवींद्रनाथ का पूरा जीवन काव्यसंगीत का, शब्दसुरों का, कलाओं का महोत्सव है, आनंदोत्सव है। वैश्वीकरण के दौर में पलीबढ़ी नई पीढ़ी को रवींद्रनाथ का परिचय मिले तो कैसे?
इस उपन्यास में युगनिर्माता विश्वमानव रवींद्रनाथ टैगोर अलौकिक साहित्य रचना का, उनके सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के महान् कार्यों का अधिक परिपूर्ण ढंग से अध्ययन करने का मार्ग खुलेगा और पाठक ‘रवींद्र रंग’ में रँग जाएँगे।
Vishwambharnath Sharma Kaushik Ki Lokpriya Kahaniyan by Vishwambharnath Sharma Kaushik
कथा सम्राट् प्रेमचंद के समकालीन कथाकार विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ की सवा सौवीं जयंती पर साहित्य अकादेमी ने राष्ट्रीय संगोष्ठी कर उन्हें याद किया तो अच्छा लगा, क्योंकि सन् 1991 में जब उनकी जन्मशती पड़ी तो देश में कहीं भी कोई आयोजन नहीं हुआ—न तो हरियाणा में, जहाँ वे जनमे, न ही उत्तर प्रदेश में, जहाँ आखिरी साँस ली, जबकि वे बहुआयामी व्यक्तित्व के सर्जक-संपादक रहे। चाहे कहानी हो, उपन्यास, हास्य-व्यंग्य लेखन या ‘हिंदी मनोरंजन’ पत्रिका का संपादन, कौशिकजी हर जगह छाप छोड़ते रहे। चाहे स्त्री की पीड़ा का चित्रण हो, संयुक्त परिवार की समस्या, हिंदू-मुसलिम मामला या विश्वयुद्ध, कौशिकजी की कलम हर जगह बेमिसाल रही। उनकी कृतियों में विधागत वैविध्य तो है ही, उन्होंने प्रयोग भी खूब किए, जबकि उनके समय के समकालीन लेखक प्रयोग करने से बचते रहे।
सामाजिक सरोकारों और मानव के सूक्ष्म मनोभावों को कथारस में भिगोकर लिखनेवाले कथाकारों में विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ का स्थान सर्वोपरि है। उन्होंने हिंदी कहानी को स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस काल में हिंदी लेखन का प्रचलन कम था। लोग प्रायः उर्दू या अंग्रेजी में लिखते थे। उन्होंने तब हिंदी में लिखकर प्रशंसनीय काम किया। उनसे पहले जयशंकर प्रसाद और जी.पी. श्रीवास्तव हिंदी में लिख रहे। गुलेरी और प्रेमचंद उनके बाद आए। प्रेमचंद की तरह विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ ने भी तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखी हैं। उन्हीं में से चुनी हुई उनकी लोकप्रिय कहानियाँ इस संग्रह में प्रस्तुत हैं।
Vishwamitra
Amar Chitra Katha announces the launch of its “Treasures of India” subscription programme across India and worldwide. Our unique subscription programme makes it possible for every Indian family to access and read hundreds of exciting stories in the comfort of their homes.
The subscription offers 3 select Amar Chitra Katha titles every month. These titles, handpicked by the editor, include a wide-ranging mix of stories from the epics and the Puranas, from the wisdom of the Panchatantra, the Jataka, the Hitopadesha and the Kathasaritasagara, from the best of Indian classical literature and from the exciting pages of Indian history
Vishwaprasiddha Lokpriya Kahaniyan by Shri Tilak
यों तो कथावाचन-प्रवणता भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है, परंतु यथार्थपरक पाश्चात्य कथाशिल्प का गहन प्रभाव आधुनिक भारतीय साहित्य पर पड़ा है। एक ओर जहाँ कथा सरित्सागर, पंचतंत्र और जातक-कथाओं की परंपरा धरोहर में मिली है, वहीं अरबी-फारसी किस्सागोई के भी हम मुरीद हुए हैं। अंग्रेजी, रूसी और कुछ अन्य यूरोपियन भाषाओं के समाजोन्मुख यथार्थवाद का अनुसरण भी भारतीय भाषाओं के कथा-साहित्य में हुआ है।
दुनिया के जाने-माने कथाकारों (मास्टर्स) की विश्वविश्रुत कहानियों को चुनकर वरिष्ठ साहित्य-मर्मज्ञ श्री तिलक ने उन्हें सहज-सरल और आम बोलचाल की भाषा में इस संकलन में प्रस्तुत किया है। विश्व वाङ्मय के बारह श्रेष्ठ कथा-लेखकों की प्रतिनिधि रचनाओं के इस नायाब चयन में लियो टालस्टॉय, एंटन चेखव, पुश्किन, बाल्जक, मोपांसा, जॉन कोलियर और ओ. हेनरी आदि दिग्गज किस्सागो अपनी अनोखी विशिष्टताओं, विलक्षण शिल्प और मनमोहक शैली
के साथ हिंदी के पाठकों के समक्ष उपस्थित हैं।
Vishwaprasiddha Vaigyanik Mahilayen by Preeti Shrivastava
विश्व की प्रसिद्ध वैज्ञानिक महिलाएँ—प्रीति श्रीवास्तव
इस पुस्तक के माध्यम से वैज्ञानिक चेतना का संचार हो सके तथा आज के विज्ञान के छात्र-छात्राएँ एवं भावी वैज्ञानिक, इसमें वर्णित महिला वैज्ञानिकों की अदम्य लगन से सीख ले सकेंगे कि धनाभाव अथवा कठिनाइयाँ भी दृढ़ विश्वासी की सफलता में बाधक नहीं हो सकतीं। इस विश्वास के साथ यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले प्रत्येक भारतीय को समर्पित है। नि:संदेह सारी महिला वैज्ञानिकों को संकलित करना दुष्कर कार्य था, फिर भी आदिकाल से अब तक के समय-चक्र में से चुनिंदा महिला वैज्ञानिकों का प्रेरणादायी परिचय सम्मिलित किया गया है।
भारतीय महिला वैज्ञानिकों में डॉ. कमला सोहानी, प्रोफेसर जानकी अम्मल, डॉ. मंजू शर्मा समेत सैकड़ों महिलाएँ अनेक वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थानों में, देश-विदेश में कार्यरत रही हैं तथा आज भी अनेक वैज्ञानिक महिलाएँ ख्याति अर्जित कर रही हैं। कर्मशील युवक-युवतियों को कुछ कर दिखाने की प्रेरणा देनेवाली एक व्यावहारिक पुस्तक।
Vishwas Ka Jadu by Joseph Murphy
यह है वह नियम—‘मैं वह हूँ जैसा मैं अपने विषय में महसूस करता हूँ।’ ‘मैं’ की भावना को हर दिन इस कथन के साथ बदलने का अभ्यास करें—‘मैं आत्मा हूँ। मैं ईश्वर रूपी आत्मा के रूप में सोचता, महसूस करता, और जीता हूँ।’ (आपके भीतर का दूसरा मैं प्रजाति मन के रूप में सोचता, महसूस करता और कार्य करता है।) जब आप ऐसा लगातार करते हैं, तब आप स्वयं को ईश्वर के साथ एकाकार महसूस करते हैं। जिस प्रकार सूर्य धरती को अंधकार और निराशा से मुक्ति दिलाता है, उसी प्रकार आपके भीतर ईश्वर की उपस्थिति का अहसास आपके अंदर के उस व्यक्ति को बाहर लाएगा, जैसा आप बनना चाहते हैं—आनंदमय, उज्ज्वल, शांतिपूर्ण, संपन्न और सफल व्यक्ति, जिसका विवेक परमात्मा से प्रकाशित है।
अपने आत्मविश्वास, जिजीविषा और स्वप्रेरणा को जाग्रत् करनेवाली पठनीय प्रेरक पुस्तक।
VISI
VISI is a celebration of living well. It is committed to bringing readers the best of South African design, decor and architecture, together with the latest international trends. The innovative magazine prides itself on quality and integrity in design and editorial content. Readers enjoy news about today’s decor and design trends, new products and ideas, as well as features on South Africa’s most beautiful homes and spaces.
VISI Bathrooms
In this special issue, the VISI team has put together a mood board to inspire your new bathroom. Whether you’re looking for colourful ideas to inject new energy into your bathroom, or for calmer neutrals to decorate your own spa sanctuary, we trust VISI Bathrooms will be that inspiration.
VISI Kitchens
From the creators of South Africa’s Most Beautiful Magazine, VISI, comes VISI Kitchens, a standalone filled to the brim with inspiring kitchen designs, appliances, tableware and tastemakers. With inspirational and aspirational content, VISI Kitchens will give you ideas and practical executions for your existing or future kitchen projects and purchases.
VISI Outdoor Living
From the creators of South Africa’s Most Beautiful Magazine, VISI, comes VISI Outdoor Living. Their latest special issue offers alfresco inspiration from relaxed lounging and tableware to cool pools and planters.
VISI Style
With its focus on high-end design, decor and architecture, VISI has always been a celebration of living well. And VISI Style – an all-new special edition – is both a natural extension of these editorial pillars and a reflection of the interests and tastes of its discerning audience. In this beautiful new magazine, we bring you carefully crafted content curated around the pillars of local and international couture, jewellery and watches, fragrances and grooming, automotive, boats and tech, art and design, furniture, food and drink, and travel.