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Sunrays for Friday by Priya S. Tandon , Sanjay Tandon
From the time that Bhagwan Baba used to say, “My life is My message”, to the time He started saying, “Your life is My message”, the authors Priya and Sanjay Tandon have come a long way in the journey of self-improvement with devotion and love. On the way they have lit up the journey for others too by the Sunrays series of books, this one being the sixth one in the series. These books, each of which contains 52 Inspirational short stories are all about …
Looking around and thanking Him,
Looking forward and trusting Him,
Looking beyond and serving Him,
Looking within and loving Him,
Looking through and being Him!
Jai Sai Ram!
Sunrays For Tuesday by Priya S. Tandon, Sanjay Tandon
प्रिया एस. टंडन की बी.कॉम. (ऑनर्स), एल-एल.बी. कॉम्पीटेंट फिनमैन प्रा.लि. की प्रमोटर व डायरेक्टर हैं। वह एक लेखिका, कलाकार, गीतकार और ब्लॉगर भी हैं। वह कॉम्पीटेंट फाउंडेशन के लोकोपकारी कार्यों में विशेष रूप से भाग लेती हैं; जैसे कि रक्तदान शिविर, लंगर, कैंसर पीडि़तों की सहायता, पुस्तकों का लेखन व प्रकाशन इत्यादि।
संजय टंडन बी.कॉम. (ऑनर्स), एफ.सी.ए., ए.आई.आई.ए., ए.सी.एम.ए. कॉम्पीटेंट गु्रप के प्रमोटर व चेयरमैन हैं। पिछले सात वर्ष से वे भारतीय जनता पार्टी, चंडीगढ़ के अध्यक्ष हैं। पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट के सदस्य हैं। वे कॉम्पीटेंट फाउंडेशन के लोकोपकारी कार्यों में विशेष रूप से भाग लेते हैं, जिसका आदर्श है ‘Help Ever, Hurt Never’।
Sunshine Sketches of a Little Town by Stephen Leacock
Sunshine Sketches of a Little Town is a sequence of stories by Stephen Leacock, first published in 1912. It is generally considered to be one of the most enduring classics of Canadian humorous literature.
Super 30 Anand Ki Sangharsh-Gatha by anand Kumar
पटना में एक निम्न मध्यम परिवार में जनमे आनंद कुमार को आज किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उनकी ‘सुपर 30’ नाम की संस्था गरीब बच्चों को आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाती है। ‘सुपर 30’ की स्थापना वर्ष 2002 में हुई और अब तक 390 में से 333 विद्यार्थी आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में सफल रहे। चाहे दिहाड़ी मजदूर का बेटा हो या फिर ऑटो ड्राइवर की बच्ची, बिजली मिस्त्री का बेटा हो या फिर फेरी लगानेवाले की बेटी, निर्धन-से-निर्धन परिवार के विद्यार्थियों को भी आई.आई.टी. में प्रवेश दिलाने का श्रेय आनंद कुमार को जाता है।
‘सुपर 30’ के विद्यार्थियों को वे अपने साथ रखते हैं और वे उनसे कोई फीस नहीं लेते बल्कि उनके रहने-खाने का खर्च भी खुद ही वहन करते हैं। आनंद कुमार ‘सुपर 30’ के लिए कोई भी सरकारी एवं गैर सरकारी वित्तीय मदद नहीं लेते। अब तक देश-विदेश के बड़े-से-बड़े उद्योगपतियों ने उन्हें आर्थिक मदद की बात कही, लेकिन उन्होंने आदरपूर्वक मना कर दिया।
उन्हें अनेक देशी-विदेशी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इन्होंने एम.आई.टी., हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, टोकियो, ब्रिटिश कोलंबिया जैसे कई बड़े विश्वविद्यालयों के अलावा देश-विदेश के बड़े संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं। उन पर अनेक वृत्तचित्र और फिल्में बनाई गई हैं। बावजूद इसके अहंकार आनंद को छू भी नहीं पाया है। जीवन के आरंभ से ही चुनौतियों से जूझनेवाले आनंद कुमार आज भी स्वयं आगे बढ़कर चुनौतियों को चुनते हैं और अपनी जिजीविषा, अदम्य इच्छाशक्ति और सादगी के बल पर उन्हें पार भी कर लेते हैं। अभी हाल में ही ‘क्वीन’ फेम फिल्म निर्देशक विकास बहल ने उनके जीवन पर एक फिल्म बनाने की घोषणा की है।
Super Ameer Banne Ki Master Key by Napoleon Hill
छ लोग धन कमाने का आसान सा रास्ता पाना चाहते हैं, ऐसा कि जिसमें कुछ भी न करना पड़े। और ऐसा लगभग सभी चाहते हैं। परंतु ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं है कि कुछ भी किए बिना काफी कुछ हाथ लग जाए; लेकिन एक रास्ते से धन कमाने का गुण हासिल होना निश्चित है और यह मास्टर चाबी से मिल सकता है।
यह मास्टर चाबी ऐसा अमोघ यंत्र
है, जिसे धारण करनेवाला इससे सभी समस्याओं के समाधान का दरवाजा खोल सकता है। इसकी जादुई ताकत का अंदाजा इसे हासिल करने पर ही लग सकता है। इससे वे तौर-तरीके मालूम हो जाते हैं, जिनसे किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति, असफलता, निराशा, गलती, गलत निर्णय और पहले की पराजय को अनमोल उपलब्धि में तब्दील किया जा सकता है।
निराशा को आशा में बदलनेवाली यह चाबी ऐसा फॉर्मूला है, जिसे घुमाकर विवेक का अकूत भंडार मिल सकता है। इस भरोसेमंद उपाय से विनम्र लोग पैसा, ताकत, नाम, शोहरत सब हासिल कर सकते हैं। यह हताशा में समय से पहले बूढ़े नजर आनेवाले युवकों में नई ऊर्जा, जोश और उत्साह भर देता है।
धनकुबेर की बात करते समय दिमाग में हमेशा यह बात रहती है कि इसे हासिल करनेवालों ने अपने हिसाब से जीवन को ऐसे ढर्रे पर ढाला, ताकि जीवन प्रसन्नता से भरा रहे।
धनकुबेर बनने के व्यावहारिक सूत्र बताती एक अत्यंत विचारशील पुस्तक, जो केवल धन को ही नहीं अपितु आपसी संबंधों, सामाजिक सरोकारों, मानवीय संवेदना एवं जीवन में अनुशासन को भी बराबर का महत्त्व देती है।
Super Personality Aur Unlimited Safalata by Mamta Mehrotra
जीवन में अपेक्षित सफलता के लिए व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास बेहद जरूरी है। ज्यादातर लोग व्यक्तित्व का अभिप्राय व्यक्ति के बाहरी पक्ष के आकर्षण से समझते हैं; लेकिन ऐसा नहीं है। व्यक्तित्व—बाहरी और भीतरी— सर्वांगीण विकास का नाम है। व्यक्तित्व-निर्माण का प्रश्न प्रत्येक व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत सवाल है। इसका किसी दूसरे व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। दूसरा कोई भी व्यक्ति आपके मन तथा व्यक्तित्व को बलवान एवं दृढ़ नहीं बना सकता। कोई भी व्यक्ति आपको दुर्बल से शक्ति-संपन्न, असफल से सफल और कुछ नहीं से सबकुछ नहीं बना सकता। आप स्वयं ही सबकुछ बन सकते हैं और आप में वह सब करने की शक्ति व सामर्थ्य मौजूद है। व्यक्तित्व-विकास के प्रति निरंतर सजग रहकर आप सफलता व उपलब्धियों के क्षितिज पर अपने वर्चस्व के सुनहरे हस्ताक्षर दर्ज करा सकते हैं। व्यक्तित्व में श्रेष्ठता से आपका, आपके परिवार व संपर्क-क्षेत्र का तो भला होगा ही, आप और बेहतर, सुंदर व सभ्य समाज निर्मित करने में अपना बेशकीमती योगदान देंगे। श्रेष्ठ और सक्षम मनुष्यों से भरी-पूरी दुनिया अनेक मायनों में स्वर्ग होगी। सुपर पर्सनैलिटी विकसित कर अनलिमिटेड सफलता प्राप्त करने की एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका है यह पुस्तक।
Super Safalta Ke 25 Supar Niyam by Og Mandino
आपका परिचय चूँकि अब ज्ञान की दौलत से होनेवाला है तो आपके लिए बेहतर यही रहेगा कि आप इस ज्ञान को घूँट-घूँट पिएँ। पाठ का सर्वाधिक फायदा प्राप्त करने के लिए, हर रोज एक पाठ पढ़ने की आदत बना लें। जहाँ तक संभव हो, इस एक पाठ को रोजाना रात के समय, सोने से पहले पढ़ें। जब आप अपने अवचेतन मन को किसी काम में लगाते हैं, तो शानदार घटनाएँ होने लगती हैं। सुबह जब आप सोकर उठेंगे, तो आपको यह देखकर हैरानी होगी कि रात को आपने ज्ञान की जो खुराक ली थी, उसमें से आपके दिमाग ने काफी कुछ सहेजकर रख लिया है।
जब भी आप इस किताब को खोलें, तो यह निश्चित रहे कि आपके हाथ में कोई पेन या पेंसिल हो। जब भी आप किसी सार्थक पंक्ति को पढ़ें तो उसके नीचे एक रेखा खींच दें! इतने साधारण से काम से, उस वाक्य के आपके दिमाग में बैठने की ताकत तीन गुना बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, इससे आप जब भी चाहेंगे, आप उस सिद्धांत या वाक्य को ढूँढ़ सकेंगे।
इस पुस्तक के अध्ययन से आपको केवल एक पुरस्कार मिलेगा और यह पुरस्कार होगा कि शांति और संतोष तथा आत्म-गौरव की भावना के संदर्भ में आप अपने जीवन को बेहतरी के लिए कितना बदल पाए।
Super Speed Computer Course by Shashank Johri
सुपर स्पीड कंप्यूटर कोर्स—शशांक जौहरी
एक दशक पहले कंप्यूटर भारत में अद्भुत मशीन के रूप में देखा जाता था। बहुत कम लोग ही इसका प्रयोग कर पाते थे, साथ ही इसकी जादुई शक्तियों को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते थे। परंतु आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र और कार्यालय होगा, जो कंप्यूटर के प्रयोग से वंचित हो। विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर ज्ञान नितांत आवश्यक हो गया है। इस पुस्तक की आवश्यकता तब प्रतीत हुई, जब बाजार में उपलब्ध पुस्तकों के द्वारा उलझानेवाले पाठ से पाठकों को आधा-अधूरा ज्ञान मिला।
प्रस्तुत पुस्तक âéÂÚU SÂèÇU •¢¤ŒØêÅUÚU •¤æðâü एक ऐसा कैप्सूल कोर्स है, जो गागर में सागर भरकर कंप्यूटर के बारे में पूरा ज्ञान और जानकारी देता है। ऑफिस, एकाउंटिंग, ग्राफिक्स, एनिमेशन आदि सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का व्यावहारिक प्रयोग सिखाना इसका सबसे बड़ा गुण है। प्रत्येक सॉफ्टवेयर की कम-से-कम शब्दों में व्याख्या, सभी आवश्यक प्रैक्टिकल जानकारियों को चरणबद्ध तरीके से समझाना और ‘पढ़ो कम, समझो अधिक’ का सूत्र इसमें लागू किया गया है। यदि आपके पास कंप्यूटर है अथवा साइबर कैफे जाकर आप कंप्यूटर प्रयोग कर सकते हैं तो अब आपको कंप्यूटर प्रशिक्षण हेतु फीस देने की आवश्यकता नहीं है। बस, यह पुस्तक पढ़ते जाइए और स्टेप-बाइ-स्टेप अपनी आवश्यकतानुसार समय निकालकर कंप्यूटर सीखते जाइए।
âéÂÚU SÂèÇU •¢¤ŒØêÅUÚU •¤æðâü को पढ़कर आप सरल, सुबोध व सटीक भाषा में कंप्यूटर ज्ञान अर्जित कर शीघ्र ही कंप्यूटर विशेषज्ञ बन जाएँगे।
Super Speed Current Affairs by Team Prabhat Prakashan
We hope you all will find this magazine very easy, useful and helpful in achieving your goal.
Friends, the examination season is going on. IAS 2018 and IBPS Clerk Prelims Exam just got over, IBPS PO is going on and there are many more examinations to come in few months. You must have worked hard for these examinations and now you are worrying about the result. Let me tell you one thing. Worrying is a waste of time. It doesn’t change anything; it just burdens with your mind and steals your happiness. So, keep calm, and believe in yourself and start preparing for the main examination. Always remember—the more you sweat in peace, the less you bleed in war. Country needs your services wherever you are.
Super Speed English Speaking Course by Rashmeet Kaur
इंग्लिश ऐसी भाषा है, जो दुनिया के हर कोने में कम या ज्यादा संख्या में बोली, लिखी-पढ़ी व समझी जाती है। मौजूदा दौर में प्रोमोशन व अवसरों का लाभ उठाने के लिए इंग्लिश भाषा का ज्ञान बहुत आवश्यक हो गया है। यह भाषा आज मात्र जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि बोलचाल एवं लेखन में भी इसका खूब उपयोग होता है।
इस बात को ध्यान में रखकर सुपर स्पीड इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स खासतौर से आपके लिए तैयार किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान भाषा के व्याकरण पक्ष पर दिया गया है। इसकी सरल-सुबोध भाषा आसानी से समझ आएगी और भाषा पर आपकी पकड़ मजबूत करेगी। इंग्लिश की ग्रामर, वाक्य-रचना और विभिन्न अवसरों पर होनेवाली बातचीत के वाक्य आपकी स्पीकिंग इंग्लिश को निखार देंगे। इसीलिए इस पुस्तक के साथ आपको मिल रही है 60 मिनट की एक DVD बिलकुल मुफ्त।
अंत में ‘अंग्रेजी-हिंदी कोश’ जुड़ने से आप शब्दों के अर्थ समझकर अंग्रेजी भाषा का व्यावहारिक ज्ञान बढ़ा पाएँगे। खास तौर पर जोड़े गए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के 101 टिप्स आपके समूचे व्यक्तित्व को निखारकर आप में आत्मविश्वास भर देंगे।
इस पुस्तक की सहायता से आप तीस दिन में अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान अर्जित कर अपने कॅरियर तथा सामाजिक जीवन में सफल हो सकते हैं।
Super Success @ Nlp by Manoj Keshav
‘‘अपने ऊपर मास्टरी हासिल करने से बड़ा और कुछ भी नहीं है।’’
—लियोनार्डो द विंची
ज्यादातर लोग अपने अंदर मौजूद आदतों और पैटर्न से परिचित नहीं होते, जो रोज उनके जीवन में उनके साथ दौड़ रहे होते हैं। आपको अपने बीते कल वाले व्यक्ति से बेहतर बनने का प्रयास करना चाहिए और यह पुस्तक उसी के तरीके बताती है।
सीखें कैसे—
• एन.एल.पी. सेंसरी एक्युइटी एक्सरसाइज के जरिए अपने बारे में जागरूकता को नए आयाम पर कैसे ले जाएँ।
• दबी हुई भावनाओं और आत्मघाती सोच वाले पैटर्न को पहचानें तथा उनसे निपटें।
• सीखें कि कैसे अंदरूनी संघर्षों का समाधान करें और शांतिपूर्ण जीवन जिएँ।
• अपने जीवन की पटकथा को कैसे नए सिरे से लिखें और पुराने पैटर्न को कैसे त्यागें।
• एन.एल.पी. के धारणा बदलनेवाले अभ्यास से कैसे नई ऊँचाई हासिल करें।
• रोजाना के हालात से निपटने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करें कि वह आपके लिए काम करे, न कि आपके खिलाफ।
• अपने अंदर मौजूद शक्ति को खोजें और दूसरों से अपनी तुलना करने का अंदाज हमेशा के लिए बदल डालें।
Super Success Ke Golden Rules by Napoleon Hill
नपोलियन हिल सत्तर वर्षों से भी अधिक समय से अपना सर्वोत्तम हासिल करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। वे अब तक के पहले और सबसे प्रसिद्ध प्रेरक लेखक थे और वास्तव में आज के सफल स्व-सहायता लेखकों में से अधिकांश हिल के सर्वोत्तम विचारों सहित उनकी दूरदर्शी बुद्धिमत्ता के ऋणी हैं।
‘सुपर सक्सेस के त्रशद्यस्रद्गठ्ठ रूल्स’ उन लेखों का प्रस्तुतीकरण है, जो नेपोलियन हिल ने सन् 1919 और 1923 के बीच लिखे थे। कार्नेगी, फोर्ड और एडिसन जैसे झोंपड़ी से महलों तक पहुँचे प्रसिद्ध धन कुबेरों के साथ साक्षात्कारों पर आधारित ये लेख सफलता के सिद्ध व प्रभावी मार्ग उजागर करते हैं, जो एक औसत व्यक्ति के लिए सचमुच काम करते हैं—कल भी करते थे, आज भी करते हैं और आनेवाले कल में भी करते रहेंगे।
ये मनोरंजक और जीवंत लेख प्रेरक प्रसंगों से भरे पड़े हैं तथा विचारोत्तेजन की शक्ति, आत्मविश्वास निर्माण, कायल करना बनाम बाध्य करना और आकर्षण का नियम जैसे विषयों पर आशातीत अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। अगर ये विचार परिचित लगते हैं तो ये सचमुच वैसे हैं। आधुनिक प्रेरणा गुरु दशकों से हिल के विचारों को झटक और रीपैकेज करते रहे हैं, परंतु मूल स्रोत अब भी सर्वोत्तम बना हुआ है। ‘सुपर सक्सेस के Golden रूल्स’ पढि़ए और अपना जीवन सँवारिए।
Super Success Student Guide by Nitin Soni
‘सुपर सक्सेस Student गाइड’ एक ऐसी संपूर्ण मार्गदर्शिका है, जिसमें कोई छात्र किसी भी ऐसे पाठ्यक्रम या परीक्षा जिसकी वह तैयारी कर रहा है, में सफल होने के लिए जो भी कुछ जानना चाहता है, वह सब इसमें शामिल है। इस पुस्तक में 101 अवधारणाएँ, तकनीक एवं विधियाँ दी गई हैं, जो आपको हर परीक्षा में सफल होने के लिए आवश्यक बातों से परिपूर्ण करेंगी और आपकी सफलता का मार्ग खोलेंगी।
यह एक पाठ्य पुस्तक नहीं है। इसके प्रत्येक अध्याय को संक्षिप्त, सुस्पष्ट एवं प्रासंगिक बनाने का हर संभव प्रयास किया गया है। इसके अलावा, यह एक सुचित्रित पुस्तक है। प्रत्येक अध्याय में एक चित्र दिया गया है, जो यह बताता है कि यह अध्याय किस विषय में है।
यह एक ऐसी अत्यंत शक्तिशाली पुस्तक है, जो छात्रों के लिए पहले कभी नहीं लिखी गई। आप इस पुस्तक के माध्यम से अपने शैक्षणिक जीवन में सफलता प्राप्त करने के गुरुमंत्र को जान पाएँगे। अब यह आप पर निर्भर होगा कि आप इस पुस्तक में दी गई अवधारणाओं, तकनीकों तथा रणनीतियों का भरपूर लाभ किस प्रकार उठाते हैं।
छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यक एक सुपर सक्सेस गाइड।
Superfast Computer Course by Mrinal Talukdar
Superfast Computer Course’ is a book designed especially for those who wish to acquire computer skills and become expert in its various applications. Besides the basic knowledge of computer, it provides an insight into web-designing, search, the innumerable programs used, etc. Social networking-blogging, chatting, Facebook, etc.-is one of the most versatile features for which computers are used in today’s world. This book covers all of them. The step-by-step visualization of the corresponding screens makes it easy for the novice to learn and grasp the subject, making him/her an expert.
Superfast GK Games and Sports by Team Prabhat Prakashan
This new edition presents fully up-to-date information covering every type of sport, from equestrian sports, athletics and gymnastics to winter sports and extreme sports, to the Olympics and Paralympics.
Superfast GK Geography by Team Prabhat Prakashan
This book is a collection on the topic Indian and world geography and is based on the pattern and trend asked in the civil services preliminary examination. It will also be a valuable resource for various state level preliminary examinations.
Superfast GK Indian Economy by Team Prabhat Prakashan
The book, ‘General Knowledge –Indian Economy’ with all genres of general awareness on Economy of India. This book fulfils specific needs of the aspirants of various entrance exams and competitive exams also. Not only does the book spreads awareness but also provides important information on the subject. The main objective is to fulfil quest for knowledge on the specific area of study. ‘Indian Economy is a comprehensive text, with the coverage of all topics in the UPSC Preliminary and Main syllabus. The Indian Economy for UPSC and State Civil Services Preliminary and Main Examinations.
Superfast GK Indian History by Team Prabhat Prakashan
While you read the book, nationalist movement certainly becomes the main storyline, but the anecdotes and parallel stories of what was going through the lives that just wanted to get by each day without any trouble are interesting. You can easily understand what and how the social hidden narratives went during that time. This book is a recommended read for the students who are preparing for civil services with “history” as an optional paper. It is also recommended for other History enthusiasts and academies.
Superfast GK Indian Polity and Constitution by Team Prabhat Prakashan
The book, ‘General Knowledge – Indian Polity and Indian Economy’ with all genres of general awareness on Polity and Economy of India has been developed by professionals from the coaching institutes well-known to provide excellence in competitive skills, step-wise guidance and thorough knowledge required to go through civil services exams. It covers up-to-date knowledge on Indian Polity and Indian Economy. This book fulfils specific needs of the aspirants of various entrance exams and competitive exams also. The main objective is to fulfil quest for knowledge on the specific area of study.
Superfast GK Information Technology by Team Prabhat Prakashan
This book has been written to impart the latest IT based knowledge and skills to the students. The book has been prepared keeping in mind the learning capacity and application level of the students and has been appropriately upgraded. The contents of the book are appropriately organized into four modules to cover all the essentials for those who intend to specialize in this fast changing area.
Superfast GK Science and Technology by Team Prabhat Prakashan
This book on Science and Technology is meant for students preparing for the Preliminary and Main papers of the Civil Service Examinations. It covers all aspects of Science and Technology from basic to advanced level making it easier non-science background students. Keeping in line with the trend of the examination, there is great focus on recent developments and the related government schemes.
Supermind by Randall Garrett and Laurence M. Janifer
“We don’t know what the hell it is,” said Andrew J. Burris, Director of the FBI. He threw his hands in the air and looked baffled and confused.
Kenneth J. Malone tried to appear sympathetic. “What what is?” he asked.
Burris frowned and drummed his fingers on his big desk. “Malone,” he said, “make sense. And don’t stutter.”
Supernatural Horror in Literature by H. P. Lovecraft
“Supernatural Horror in Literature” is a 28,000 word essay by American writer H. P. Lovecraft, surveying the development and achievements of horror fiction as the field stood in the 1920s.
Superstition and Force by Henry Charles Lea
The history of jurisprudence is the history of civilization. The labors of the lawgiver embody not only the manners and customs of his time, but also its innermost thoughts and beliefs, laid bare for our examination with a frankness that admits of no concealment. These afford the surest outlines for a trustworthy picture of the past, of which the details are supplied by the records of the chronicler.
It is from these sources that I have attempted, in the present work, a brief investigation into the group of laws and customs through which our forefathers sought to discover hidden truth when disputed between man and man. Not only do these throw light upon the progress of human development from primitive savagism to civilized enlightenment, but they bring into view some of the strangest mysteries of the human mind.
Supreme Court Mein Ramlala by Pawan Kumar
इस पुस्तक में अयोध्या विवाद की सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक चली मैराथन सुनवाई और कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के हर बारीक-से-बारीक पहलुओं का वर्णन किया गया है। 40 दिन की सुनवाई में किस दिन किस पक्षकार ने क्या दलीलें दीं? उनके क्या जवाब दिए गए और कोर्ट के किस-किस जज ने सुनवाई के दौरान क्या टिप्पणी की? अयोध्या विवाद की 40 दिन की सुनवाई में अखबारों की सुर्खियाँ केवल गिनी-चुनी कोर्ट की टिप्पणियाँ और दलीलें ही बनी थीं, जबकि कोर्ट की सुनवाई में उनसे इतर भी बहुत कुछ घटित हुआ था। अखबारों व टी.वी. चैनलों की खबरों में इन जानकारियों का अभाव रहता है कि दिन भर चली सुनवाई में खास टिप्पणियों के अलावा क्या कुछ हुआ। बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि अयोध्या विवाद की दिन भर की सुनवाई में पूरे दिन क्या-क्या हुआ? इनके जवाब आपको इस पुस्तक के माध्यम से मिलेंगे।
पुस्तक में अयोध्या विवाद का संक्षिप्त वर्णन, इलाहाबाद हाइकोर्ट का फैसला किन प्रमुख आधारों पर दिया गया था, इसकी जानकारी भी दी गई है। फिर यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुँचा और 8 साल तक लंबित रहा। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता से विवाद को सुलझाने के दो प्रयास किए और दोनों ही विफल रहे।
आखिर कैसे तीन हिस्सों में विभाजित जमीन के मालिक रामलला साबित हुए। इस सवाल का जवाब भी आपको इस पुस्तक में मिलेगा। पुस्तक के अंत में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में बेनामी राय देनेवाले जज के 116 पेज के अडेंडम को विस्तार दिया गया है, जिसमें एक जज ने बिना अपना नाम बताए तथ्यों के आधार पर बताया है कि विवादित स्थल ही भगवान् राम का जन्मस्थल है। इन सभी सुनी-अनसुनी जानकारियों के साथ इस पुस्तक को तैयार किया गया है।
“इस अदालत को एक ऐसे विवाद का समाधान करने का कार्य सौंपा गया था, जिसकी जड़ें उतनी ही पुरानी थीं जितना पुराना भारत का विचार है। इस विवाद के घटनाक्रम मुगल साम्राज्य से लेकर मौजूदा संवैधानिक शासन तक फैले हैं।”
“ऐतिहासिक निर्णय का अंतिम वाक्य—
निष्कर्ष यह है कि मस्जिद बनने से पहले भी हिंदुओं की आस्था यही थी कि भगवान् राम का जन्मस्थान वही है, जहाँ बाबरी मस्जिद थी और इस आस्था की पुष्टि दस्तावेजों और मौखिक गवाही से हो चुकी है।”
Supreme Personality: Fun in Living. A Doubt, Fear, and Worry Cure by Croft
“To bring you into the throne-room of your being, that you may awaken in self-realization, is why I have prepared this course of lessons. Should you give five minutes a day to them, in a year you will know the joy there is in Life, in Power, and in Service.” -Foreword
Suraj Ugane Se Pahale by Suresh Kantak
कलह-द्वेष, घृणा-ईर्ष्या सबके सब पैठ जाते हैं मन की नाकबंदी करने के लिए। प्रेम और प्रीत का निर्वासन हो जाता है सदा-सदा के लिए। रोती फिरती है सद्भावना जंगल-जंगल। पल भर टिकने को ठौर नहीं मिलता उसे। यही सब ओछापन मुझे नहीं भाता। इनका स्पर्श भी मेरे लिए प्राणघातक है पिताजी, तब मैं अंधा हो जाऊँगा। कद बौना हो जाएगा। लिलिपुटियन बनकर रह जाऊँगा मैं। मेरे अंदर, जहाँ मेरा कोमल, सरल और सरस हृदय है, वहाँ कोई पत्थर का टुकड़ा जुड़ जाएगा। मैं आपको भी भूल जाऊँगा। माँ को भूल जाऊँगा। भाई-बहनों को भूल जाऊँगा। सारी दुनिया को भूल जाऊँगा। अपने प्यारे किसानों और मेहनती साथियों को भी याद नहीं रख पाऊँगा। मेरे अंदर कोई राक्षस, कोई दैत्य बड़े-बड़े दाँतों और बीभत्स चेहरा लिये समा जाएगा। किसी से बेईमानी और किसी से लड़ाई करूँगा। न्याय का गला घोंट अन्याय को गले लगाऊँगा। फिर अपनी ही तरह के लोगों की आबादी बढ़ाऊँगा। पूरी दुनिया का हक हड़पने की योजना बनाऊँगा और इसके बाद…
—इसी संग्रह से
सुरेश कांटक ऐसी कहानियाँ नहीं लिखते, जो अपने पाठकों को या तो रुला देती हैं या फिर सुला देती हैं। उनकी कहानियाँ पाठकों को जगाती और बेचैन करती हैं। ये कहानियाँ हमारी कल्पना, संवेदनशीलता और सोच को गतिशील बनाकर नैतिक दायित्व का बोध कराती हैं। बिना किसी तरह की कलाबाजी के ये कहानियाँ सहज लेकिन धारदार भाषा में गाँव की जिंदगी की हर तरह की स्थितियों और अनुभूतियों को मूर्त और सजीव रूप में हमारे सामने लाती हैं।
मानवीय संवेदना और सामाजिक सरोकारों को दरशाती मर्मस्पर्शी कहानियाँ।
Suraksha Aur Samajik Aakrosh by B G Verghese
वरिष्ठ पत्रकार बी.जी. वर्गीज़ की पैनी दृष्टि ने भारत के समक्ष मुँह बाए खड़ी समस्याओं—उग्रवाद व नक्सलवाद, भाषा व संस्कृति से जुड़े मुद्दे, दलित एवं जातिवाद, कट्टरवाद व पुनर्जागरण, आदिवासी तथा अल्पसंख्यक; भूमि, वन, शहरीकरण, औद्योगिकीकरण व भूमंडलीकरण से जुड़े विवाद तथा ग्लोबल वार्मिंग आदि से हमारा परिचय कराया है। इनकी जड़ खोजते हुए विद्वान् लेखक का निष्कर्ष है कि ये समस्याएँ औपनिवेशिक मानसिकता, सामाजिक विषमता, मानवाधिकारों के प्रति असंवेदनशील दृष्टि का ही दुष्परिणाम हैं।
भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है; लेकिन अभी भी बहुत कुछ ऐसा है, जो नहीं हो पाया; उसे लेकर चिंता करना स्वाभाविक है। इससे जनाक्रोश भी फैल रहा है। वर्गीज़ का मानना है कि देश के व्यापक हित में इन चुनौतियों से धैर्यपूर्वक ही निपटा जा सकता है।
हमें एक ऐसा तंत्र विकसित करना होगा, जिससे राष्ट्रीय व क्षेत्रीय एकता के संबंधों को मजबूती मिले और समुदायों में भाईचारा बढ़े। आखिरकार यही तो भारत की विशिष्टता है।
Surang Ke Paar Bihar by Dinesh Kumar
प्रस्तुत पुस्तक में 2005 से 2010 तक यह बिहार की राजनीति का अति संक्षिप्त परिचय है। इसका जिक्र इसलिए किया गया है कि इस पुस्तक में शिक्षा, कानून-व्यवस्था, उद्योग-व्यापार, उग्रवाद, महिला सशक्तीकारण, स्वास्थ्य, भष्टाचार के विरुद्ध अभियान, कल्याणकारी कार्यक्रम और केंद्र-राज्य-संबंध जैसे जिन विषयों पर टिप्पणियाँ की गई हैं, उन्हें राजनीतिक बदलाव के सापेक्ष देखा जा सके। ये पत्रकारीय आकलन बिहार में घटित उस परिवर्तन को परत-दर-परत समझने में सहायक हो सकते हैं, जिसने देश-दुनिया का ध्यान खींचा। अमेरिकी पत्रिका ‘फोर्ब्स इंडिया’ ने 18 दिसंबर, 2010 को इस ऐतिहासिक बदलाव को रेखांकित करते हुए नीतीश कुमार को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ (2010) का पुरस्कार देने की घोषणा की।
राजनीति ने जब सकारात्मक मोड़ लिया, तो उसके अनुरूप परिवर्तन के रंग समाज के विभिन्न क्षेत्रों में दिखने लगे। ‘दैनिक जागरण’ के बिहार संस्करणों में प्रकाशित मेरे अग्रलेख इन सतरंगे बदलावों की तिथिवार झलक-मात्र हैं।
Surendranath Banerjee by Praveen
Surendranath Banerjee was born in an aristocratic kulin Bengali Brahmin family on November 10, 1848 in Calcutta. His father Durga Charan Banerjee was a distinguished doctor. He was a man of liberal and progressive thinking. Surendranath was greatly influenced by his father. Early in life he was also influenced by Keshabchandra sen, the leader of Brahmo Samaj and a spell-binding orator; and Eashwara Chandra Vidyasagar.
Surendranath received his education at the Parental Academic Institution and at the Hindu College. He graduated from Calcutta University and went to England in 1868 to appear for the Civil Service Examination. He was accompanied by his childhood friends, Romesh Chunder Dutt and Behari Lal Gupta. All three competed in the Indian Civil Service Open exams. Ramesh Chunder became a civil servant and later became a politician, political and economic thinker and writer. Behari Lal Gupta passed the Open Competitive Service Examinations to become the third Indian to join the Indian Civil Services in 1869 coming out to India in 1871. Banerjee cleared the competitive examination in 1869, but was barred owing to a dispute over his exact age. The maximum age to compete for the ICS exam was twenty-one.
Surya Namaskar by Dr. Rajeev Rastogi & Dr. Sanjeev Rastogi
Yoga and Naturopathy are global sciences now. Thousands of people practise them regularly and include these sciences in their lifestyles to prevent various disorders. These practices are extremely effective, simple and easy to follow and produce amazing results. Anyone can learn and adopt them. Surya Namaskar is the secret of complete health for the common man. It is a wonderful gift Presented by the divine source of energy; hence the regular practice of surya namaskar not only enhances but also revives and rejuvenates our whole body at the same time.
Surya Namaskar by Dr. Rajeev Rastogi & Dr. Sanjeev Rastogi
सूर्य नमस्कार चमत्कारक प्रभावों से युक्त एक दैवी उपहार है। सूर्य संपूर्ण दुनिया के लिए ऊर्जा का एक सार्वभौमिक और अक्षय स्रोत है, इसलिए सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से एक ओर जहाँ शरीर के विभिन्न अंगों की गतिशीलता में वृद्धि होती है, वहीं दूसरी ओर हमारे पूरे शरीर को एक नई ऊर्जा मिलती है।
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के महत्त्व को दुनिया भर में स्वीकार किया जा चुका है। शरीर को स्वस्थ रखने और विभिन्न प्रकार के विकारों अथवा बीमारियों से बचने के लिए हजारों लोग इसका अभ्यास अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं। इसमें किए जानेवाले विभिन्न अभ्यास इतने सरल हैं कि उन्हें कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से सीखकर अपना सकता है। इनके नियमित अभ्यास से शरीर एवं मन को अप्रत्याशित लाभ मिलते हैं।
पुस्तक में सूर्य नमस्कार के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। शोधकर्ताओं, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़े लोगों तथा सामान्य पाठकों के लिए समान रूप से रुचिकर और उपयोगी है।
विश्वास है, इसे पढ़कर पाठकगण सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास कर पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त कर सकेंगे।
Sushasan Ke Aaine Mein Naya Bihar by Pankaj Kumar Jha
सुशासन के आईने में नया बिहार—पंकज झा
बिहार लोकतंत्र का तीर्थ कहा जाता है। बिहार के लोकतंत्र में जाति है, रंगदारी है, छल-कपट है और बूथ की लूट भी! लोकतांत्रिक राजनीति के छह दशक बाद भी बिहार में बेहद गरीबी है, बदहाली है, सार्वजनिक जीवन की न्यूनतम सुविधाओं का घोर अभाव है।
यह पुस्तक हमारी भेंट बिहार में लोकतांत्रिक राजनीति के उस चेहरे से करवाती है, जो भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक राजनीति का सबसे पेचीदा सवाल है। बिहार में सुशासन तभी कारगर व प्रभावी होगा, जब भूमि सुधार, समान शिक्षा विधेयक, किसान आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा।
एक सुखद पहलू है कि आज बिहार में तथा बिहार से बाहर रहने वाले प्रत्येक बिहारी के मन में साहस और गर्व की अनुभूति है। लगभग 85-90 प्रतिशत लोगों ने यह माना है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में सड़कें बनी हैं, कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरीहै।
पुस्तक में शामिल आम लोगों की चिट्ठियाँ बिहार में सुशासन का प्रमाण हैं। समाज के अलग-अलग तबकों, खासतौर से बहिष्कृत समाज की आवाज को शामिल करना इस पुस्तक की एक विशिष्ट उपलब्धि है।
Sushil Kumar Phull Ki Lokpriya Kahaniyan by Sushil Kumar Phull
कहानी कोई चॉकलेट का टुकड़ा तो नहीं होती कि जिसे जब चाहा जैसा चाहा, साँचे-खाँचे में ढालकर बना लिया, बल्कि कहानी तो वह वैचारिक चिनगारी होती है, जो पाठक के मन में एक चौंध पैदा करती है, उसे एक संवेदनपरक चुभन देती है। परवर्ती सहज कहानी के प्रतिपादक सुशीलकुमार फुल्ल की कहानियों का फलक बहुत व्यापक है। वास्तव में संग्रह की कहानियाँ समाज में व्याप्त तनाव की अंतर्धारा की कहानियाँ हैं, जिनमें निम्नमध्य वर्ग का संघर्ष भी झलकता है और उनकी असहज महत्त्वाकांक्षाएँ भी उनके जीवन को बनाती-बिगाड़ती दिखाई देती हैं। समाज के वंचित, शोषित वर्ग के प्रति सहानुभूति कहानियों को समसामयिक समस्याओं से जोड़ देती है। स्थियों को व्यंग्यात्मक धरातल पर इस प्रकार रोचकता से उकेरा गया है कि पाठक कहानी के साथ बहता चला जाता है।
कहानियाँ संश्लिष्ट शैली में लिपटी हुई, छोटे-छोटे सूक्त वाक्यों में गुँथी हुई भावप्रवणता से संपृक्त पात्रों के अंतर्मन में झाँकती हैं और जीवन के अवगुंठनों को सहजता से खोलती हैं। कहीं-कहीं कथा संयोजन में क्लिष्ट होते हुए भी ये कहानियाँ अपनी भाषागत सहजता एवं मनोवैज्ञानिक प्रवृत्ति के कारण पाठक को कथ्य से आत्मसात् होने में सहायक सिद्ध होती हैं।
वर्तमान समय की सच्चाइयों, बढ़ते तनावों, राजनीतिक लड़ाइयों, व्यावसायिक द्वेषों, नारी-शोषण, वृद्ध प्रताड़ना आदि विषयों के अतिरिक्त अनेक छोटी-छोटी परंतु समाज को व्यथित कर देनेवाली घटनाओं पर आधारित कहानियाँ समय का दर्पण बनकर उभरी हैं।
Suspended Judgments: Essays on Books and Sensations by John Cowper Powys
We all create, or have created for us by the fatality of our temperament, a unique and individual universe. It is only by bringing into light the most secret and subtle elements of this self-contained system of things that we can find out where our lonely orbits touch.—From this Book
Swachchha Bharat : Sashakta Bharat by Mahesh Sharma
स्वच्छता जीवन में उतनी ही महत्त्वपूर्ण है, जितनी जीवित रहने के लिए भोजन; लेकिन हम स्वच्छता के प्रति कितने गंभीर हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। इसका एक कारण स?त कानून का अभाव भी है। गांधीजी ने स्वच्छता के प्रति हमारे देशवासियों की उदासीनता को आरंभ में ही भाँप लिया था और यही कारण था कि वे अपने हर विचार में लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करते रहते थे। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया था कि ‘‘स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।’’
गांधीजी का कहना था कि जब तक हम बाहरी स्वच्छता नहीं अपनाते, भीतरी स्वच्छता की कल्पना तक नहीं की जा सकती। और बाहरी स्वच्छता आचरण में आते ही भीतरी स्वच्छता स्वतः आ जाती है।
वर्तमान परिवेश में इन दोनों प्रकार की स्वच्छता की बड़ी आवश्यकता है और गांधी एक बार फिर मार्गदर्शक के रूप में हमारे सामने हैं। जरूरत है तो बस सच्चे मन से उनके विचारों के अनुसरण की।
सुधी पाठक ही नहीं, आबालवृद्ध— सभी स्वच्छता अभियान में संवेदनापूर्वक अपना आत्मीय सहयोग दें और इसे अपनी आदत के रूप में आत्मसात् करके भारत को साफस्वच्छ तथा गांधीजी के स्व?न को साकार करें।
Swachchhata Sanskar by Smt. Mridula Sinha
स्वच्छता एक संस्कार है। शिशु के अंदर स्वच्छता के भाव भरे जाते हैं। उन्हें स्वच्छतापूर्ण व्यवहार सिखाए जाते हैं। दादी और माँ को लिपे-पुते घर-आँगन तथा चौकाघर को प्रणाम करके ही प्रवेश करते देख शिशु भी अनुकरण करता रहा है। प्रात:काल दातून करने से लेकर स्नान करते समय सभी अंगों की सफाई, मन को उत्सवीय ही बनाता है। बचपन में डाले गए स्वच्छता के ये संस्कार व्यक्ति के जीवन-व्यवहार में सहज अभ्यास बन जाते हैं।
भारतीयों की पहचान है स्वच्छता। प्रतिदिन स्नान, शरीर की सफाई, प्रतिपल अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और संतोष की सोच, आंतरिक स्वच्छता है। घर, आँगन, गली-मुहल्ले की सफाई बाहरी स्वच्छता है।
भारत में स्वच्छता अभियान अवश्य सफल होगा। स्वच्छता मात्र एक नारा नहीं, समाज के जीवन-व्यवहार में ढलकर पुन: अभ्यास बन जाएगी। विश्व-पटल पर पुन: भारत की विशेष पहचान बनाने में स्वच्छतापूर्ण जीवन पहली
सीढ़ी होगा।
इस पुस्तक में स्वच्छता के भारतीय इतिहास और वर्तमान के साथ व्यक्तिगत व्यवहार में शामिल करवाने के उपाय संकलित किए गए हैं। आशा है, यह पुस्तक स्वच्छता के प्रति हमारी दृष्टि स्वच्छ और स्पष्ट करेगी, जिसकी महती आवश्यकता है।
Swachh Bharat by Mridula Sinha, Dr. R.K. Sinha
In an Indian household, the cleaning up of the house is the first step towards the celebration of an approaching festival. Not only it is hygienic but the symbolic significance of the festival is enhanced many times by this act of cleaning. It symbolizes purity of mind and clarity of thoughts before one goes to pray and celebrate an event of importance.
These acts lead us to the attainment of the ultimate elation, where the body is in the pink of health and the mind is in the depths of joy. Such insight and farsightedness in thought and actions have been the hallmark of the Indian history. These actions are nothing but the manifestations of our rich cultural heritage.
A festival is a symbol of a prosperous society and a rich culture; it signifies growth and development. Therefore, any development, any growth is no less than a festival and the primary step to a celebration, which starts with cleanliness. For India, ‘Swachh Bharat Abhiyan’ is nothing but the first step towards celebrating development and prosperity.
Certainly this book will facilitate the fulfillment of Swachh Bharat Abhiyan.
Swadesh by Mamta Chandrashekhar
यह पुस्तक एक उपन्यास है, जो यथार्थ के पंख लगाकर काल्पनिकता के धरातल पर एक सशक्त भारत की आधारशिला रखता है। 16 भागों में विभाजित इस उपन्यास में एक ऐसे सेवानिवृत्त प्राध्यापक की जिद में लिपटी जीवंतता को समेटा गया है, जो बौद्धिक प्रतिभा पलायन (brain drain) के बहाव को रोकना अपना राष्ट्रधर्म मानते हैं। वैश्विक पटल पर भारतमाता के सम्मान की जीवंत गाथा को अमरत्व प्रदान करने के लिए नवयुवकों को स्वदेश में रहने के लिए एक वातावरण की संरचना करने का नवाचार करते हैं।
वह शैक्षणिक संस्थाओं, नवयुवकों व भारतीय परिवारों की चिर-परिचित मान्यताओं को अपने लक्ष्य के अनुरूप ढालने की चुनौती का सामना करते हैं। जनसामान्य की मानसिकता को परिवर्तित करने के लिए संघर्ष करते हैं।
उनका मानना है, भौतिक सुख-सुविधाओं की चाह में स्वदेश छोड़ परदेश की ओर आकर्षित होते नवयुवक विदेशी राज्यों का माथा ऊँचा करते हैं। वे वहाँ पर उस हुनर का इस्तेमाल करते हैं, जिसे भारतमाता ने अपने आँगन के संस्कारों से पोषित किया है, अपनी खाद-पानी से सिंचित किया है।
प्राध्यापक अपना शेष जीवन स्वदेश आंदोलन को समर्पित कर देते हैं ताकि भारतमाता के माथे से पिछड़े राष्ट्र के चिह्न को मिटा सकें और बुढ़ापे से जूझते बूढ़े माँ-बाप को वृद्धाश्रम में न रहना पड़े; उन्हें परदेश में रहनेवाली अपनी संतान का मुँह देखे बिना तड़प-तड़पकर न मरना पड़े। अपनों से अपनों का अपनत्व बना रहे। इसके लिए प्रोफेसर एक मिशन छेड़ते हैं ‘स्वदेश’।
Swadeshi Chikitsa by Sant Sameer
मौजूदा हालात कुछ ऐसे हैं कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञानी जिस रफ्तार से नई-नई दवाइयाँ ईजाद कर रहे हैं, नई-नई बीमारियाँ उससे कहीं ज्यादा तेजी से पैदा हो रही हैं।
दरअसल यह पुस्तक देशी चिकित्सा की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने के विशेष उद्देश्य से लिखी गई है। पुस्तक में अधिकतर ऐसे ही नुस्खों को शामिल करने का प्रयास किया गया है, जो सरलता से उपलब्ध हो जाएँ तथा घर बैठे ही बनाए जा सकें। ये सभी नुस्खे ऐसे हैं, जो विभिन्न चिकित्सकों व प्रबुद्ध लोगों द्वारा आजमाए जा चुके हैं और कारगर सिद्ध हुए हैं। वास्तव में इन नुस्खों का आहार-विहार के साथ प्रयोग करने से कई स्थितियों में अस्पतालों और डॉक्टरों के चक्कर लगाने की मुसीबतों से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियाँ, जो हजारोें रुपए गँवा चुकने के बाद भी जस-की-तस बनी रह जाती हैं, वे मात्र चंद रुपयों की लागतवाले इन नुस्खों से ठीक की जा सकती हैं।
भारतीय चिकित्सा विज्ञान का मर्म समझाती है यह पुस्तक। विश्वास है कि आमजन को अपनी सेहत का खयाल रखने में इससे भरपूर मदद मिलेगी।
Swami Dayanand Saraswati by Meenu Sinhal
Dayanand Saraswati was born in 1824 in Tankara village in Kathiawada district of Gujarat. His father was Shri Krishna Lal Tiwari and his mother was Smt Yashodabai. His family was affluent and religious minded. His parents were staunch followers of the Shaiva creed.
Because of being born in Mul Nakshatra, he was called as Moolshankar. His parents brought him up in an affectionate manner.
Since his childhood, Moolshankar was very brilliant. It is said that he started learning Gayatri mantra, at the age of two. Because of religious attitude and Shiva worshipping attitude of family he had developed an affection for Shiva.
Swami Dayanand Saraswati by Madhur Athaiya , Meenu Sinhal
आधुनिक भारत के महान् चिंतक, समाज-सुधारक व देशभक्त दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 को टंकारा में जिला राजकोट, गुजरात में हुआ था। उनके पिता का नाम करशनजी लालजी तिवारी और माँ का नाम यशोदाबाई था। उनके पिता एक कर-कलेक्टर होने के साथ एक अमीर, समृद्ध और प्रभावशाली व्यक्ति थे। दयानंद सरस्वती का असली नाम मूलशंकर था और उनका प्रारंभिक जीवन बहुत आराम से बीता।
महर्षि दयानंद के हृदय में आदर्शवाद की उच्च भावना, यथार्थवादी मार्ग अपनाने की सहज प्रवृत्ति, मातृभूमि की नियति को नई दिशा देने का अदम्य उत्साह, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक दृष्टि से युगानुकूल चिंतन करने की तीव्र इच्छा तथा आर्यावर्तीय (भारतीय) जनता में गौरवमय अतीत के प्रति निष्ठा जगाने की भावना थी। उन्होंने किसी के विरोध तथा निंदा करने की परवाह किए बिना आर्यावर्त (भारत) के हिंदू समाज का कायाकल्प करना अपना ध्येय लिया था।
महर्षि दयानंद ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत् 1932 को गिरगाँव बंबई में आर्यसमाज की स्थापना की। अपने महाग्रंथ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ में स्वामीजी ने सभी मतों में व्याप्त बुराइयों का खंडन किया है। स्वामी दयानंद के प्रमुख अनुयायियों में लाला हंसराज ने 1886 में लाहौर में ‘दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज’ की स्थापना की तथा स्वामी श्रद्धानंद हरिद्वार के निकट काँगड़ी में गुरुकुल की स्थापना की।